Festive Sale: भारत देश में इस समय त्यौहारों का समय चलने वाला है। इसी बीच फ्लिपकार्ट और अमेजन करोड़ों का बिजनेस करने में लगी हुईं हैं। दिमाग में एक सवाल तो जरूर आया होगा कि 70 फीसदी तक छूट देने के बाद भी कैसे मुनाफा बना रही हैं ये कंपनियां। अभी की बात करें तो अमेजन, फ्लिपकार्ट मिलकर 90 हजार करोड़ की सेल कर सकती हैं। दरअसल ये दोनों ही सिंपल बिजनेस की पॉलिसी को फॉलो करते हैं। साथ में थोड़ी इकॉनॉमिक्स यहां इन कंपनियों की मदद कर रही है। तो चलिए आपको समझाते हैं आसान भाषा में इनके फंडे के बारे में।
पहले समझते है बिजनेस की पॉलिसी
फ्लिपकार्ट और अमेजन ऑनलाइन कंपनियां हैं यानी इनकी कोई दुकान नहीं है। प्रॉफिट यहीं से शुरू हो जाता है। और प्रोडक्ट बेचने तक बना रहता है।
- कोई स्टोर नहीं, कोई दुकान नहीं तो दोनों कंपनियों के खर्चों में कमी आ जाती है। जैसे किसी ऑफिस को वर्क फ्रॉम आफिस के जरिए फायदा होता है।
- सीधे Wholesaler से कराते हैं डिलीवरी। इससे स्टोर कॉस्ट से ये कंपनियां बच जाती हैं। स्टोर कॉस्ट एक बड़ा रोल प्रॉफिट में रखता है।
- प्रोडक्ट खराब होने की गुंजाइश नहीं. अब जब स्टोर ही नहीं कर रहे तो प्रोडक्ट खराब होने के कोई चांस ही नहीं है।
- बल्क में देते हैं Wholesaler को ऑफर, मिलती है तगड़ी छूट। एक साथ ही Wholesaler को कंपनियां लाखों का ऑफर देती हैं। इससे Wholesaler अच्छी खासी छूट इन कंपनियों को देता है।
- डेमेज की जिम्मेदारी कोरियर सर्विस की, कंपनियां डेमेज की जिम्मेदारी कोरियर सार्विस को दे देती हैं। जिसमें किसी टूट-फूट के नुकसान से बचा जा सके।
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अब बात इकॉनॉमिक्स की
इकॉनॉमिक्स देखने में टफ है, लेकिन उसे आसान भाषा में समझाया जाए, तो इससे आसान कुछ और नहीं है। दरअसल कंपनियां डिमांड और सप्लाई पर काम करती हैं। अगर मान लीजिए किसी प्रोडक्ट पर डिमांड ज्यादा है तो कंपनी उस पर ज्यादा से ज्यादा छूट देती हैं, जिससे डिमांड का लेवल बना रहे। और फिर एक प्वाइंट पर आकर सप्लाई कम कर देती हैं, जिससे रेट में मार्जिनल बढ़ावा देखने को मिलता है। पर कंपनियों के लिए किसी लाख प्रॉफिट से कम नहीं होता है।
(Tramadol)