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अमेरिका में खत्म होगा Income Tax! डोनाल्ड ट्रंप के इस प्लान में कितना दम, क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?

Donald Trump Plan: डोनाल्ड ट्रंप अपनी टैरिफ नीतियों से अमेरिकी जनता को इनकम टैक्स से मुक्ति देने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने इस दिशा में आगे बढ़ते हुए कई कदम उठाए हैं। हालांकि, एक्सपर्ट्स को उनकी यह योजना समझ नहीं आ रही है।

Author Edited By : Neeraj Updated: Mar 5, 2025 12:24
Donald Trump
Donald Trump

Donald Trump Working Towards No Income Tax: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा और मेक्सिको पर 25% टैरिफ लगाया है और चीन से आयात पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लागू किया है। ट्रंप का कहना है कि दूसरे देश अमेरिकी उत्पादों पर काफी ज्यादा टैरिफ लगाते हैं और अब अमेरिका उनके साथ भी वैसा ही करेगा। हालांकि, ट्रंप की टैरिफ नीतियों के पीछे एक और वजह भी है। दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका में इनकम टैक्स खत्म करना चाहते हैं। कई मौकों पर वह अपनी यह इच्छा जाहिर कर चुके हैं।

पुरानी व्यवस्था की होगी वापसी

डोनाल्ड ट्रंप की योजना यूएस में इनकम टैक्स व्यवस्था खत्म करके पुरानी टैरिफ व्यवस्था को अमल में लाना है। कुछ वक्त पहले उन्होंने कहा था कि हमें अपने लोगों पर टैक्स लगाकर दूसरे देशों को समृद्ध करने बजाए विदेशी सामान पर टैरिफ लगाकर अपने लोगों को अमीर बनाना है। ट्रंप मानते हैं कि अब समय उस व्यवस्था पर लौटने का आ गया है, जिसने अमेरिका को अमीर और ताकतवर बनाया। बीते कुछ दिनों में ट्रंप ने जो फैसले लिए हैं, वह उनकी इस योजना से काफी मेल खाते हैं।

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IRS को खत्म करेंगे ट्रंप

कुछ सप्ताह पहले, वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने फॉक्स न्यूज से बातचीत में कहा था कि डोनाल्ड ट्रंप का लक्ष्य इंटरनल रेवेन्यू सर्विस (IRS) को खत्म करना है, जो इनकम टैक्स कलेक्ट करने वाला अमेरिकी विभाग है। उन्होंने कहा था कि ट्रंप ने एक्सटर्नल रेवेन्यु सर्विस (ERS) की घोषणा की है और उनका लक्ष्य बहुत सरल है: इंटरनल रेवेन्यू सर्विस को समाप्त करना और सभी बाहरी लोगों से वसूल करना। कुछ दिन पहले, ट्रंप प्रशासन ने आईआरएस में 7000 कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की थी, जो एजेंसी के कुल वर्कफोर्स का लगभग 6% है।

लगातार स्पष्ट किए इरादे

डोनाल्ड ट्रंप ने इसी साल जनवरी में एक्सटर्नल रेवेन्यू सर्विस की स्थापना की घोषणा करते हुए कहा था कि यह एजेंसी विदेशी देशों से टैरिफ और अन्य रेवेन्यू एकत्र करने के लिए जिम्मेदार होगी। उन्होंने कहा था कि हम बहुत लंबे समय से आंतरिक राजस्व सेवा (IRS) का उपयोग करके अपने लोगों पर टैक्स लगा रहे हैं। अब इसे बदलने का समय है। हाल ही में रिपब्लिकन सम्मेलन में उन्होंने फिर अपने इरादे स्पष्ट किए। प्रेसिडेंट ने कहा किtk पहले हम इनकम टैक्स नहीं लगाते थे। यह व्यवस्था 1913 में आई। अब हमें पुरानी व्यवस्था पर लौटना होगा। हमें अपने लोगों पर टैक्स लगाकर दूसरे देशों को समृद्ध करने बजाए विदेशी सामान पर टैरिफ लगाकर अपने लोगों को अमीर बनाना चाहिए।

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एक्सपर्ट्स ने उठाए सवाल

हालांकि, विशेषज्ञों को नहीं लगता कि मौजूदा समय में ऐसा मुमकिन है। टैक्स फाउंडेशन के वरिष्ठ अर्थशास्त्री एलेक्स डुरेंटे का मानना है कि यह प्रस्ताव वास्तविकता से दूर है। उन्होंने कहा कि 19वीं सदी के दौरान टैरिफ फेडरल रेवेन्यू का एक प्रमुख स्रोत थे, लेकिन तब से अब तक अमेरिकी खर्च में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। टैक्स फाउंडेशन के विश्लेषण के अनुसार, 2023 में अमेरिकी फेडरल सरकार ने अपने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 22.7% खर्च किया, यह उस दौर की अर्थव्यवस्था का लगभग 10 गुना है जब टैरिफ ही रेवेन्यू का प्राथमिक स्रोत था। डुरेंटे ने कहा कि 19वीं सदी के टैक्स सिस्टम से 21वीं सदी का सरकारी खर्च नहीं किया जा सकता।

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200% टैरिफ होगा जरूरी

CNN की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका हर साल आयकर से करीब 3 ट्रिलियन डॉलर जुटाता है। इसी तरह, वह सालाना करीब 3 ट्रिलियन डॉलर के सामान का आयात भी करता है। इसका मतलब है कि आयकर की जगह टैरिफ लगाने के लिए सभी आयातित वस्तुओं पर कम से कम 100% टैरिफ लगाना होगा। ऐसे में उनकी कीमत दोगुनी हो जाएगी। इतनी ज्यादा कीमतों से बिक्री का प्रभावित होने भी लाजमी है। अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट के मुख्य अर्थशास्त्री टॉर्स्टन स्लोक का कहना है कि चूंकि उच्च कीमतों के परिणामस्वरूप बिक्री कम होती है। लिहाजा अगर आयकर की जगह टैरिफ व्यवस्था को अमल में लाना है तो सभी आयातित वस्तुओं पर 200% तक टैरिफ लगाना पड़ सकता है। कुल मिलाकर एक्सपर्ट्स को नहीं लगता कि ट्रंप की इस योजना में दम है।

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Edited By

Neeraj

First published on: Mar 05, 2025 12:24 PM

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