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बढ़ सकती हैं कच्‍चे तेल की कीमत, क्‍या महंगा होने वाला है पेट्रोल-डीजल? भारत ने शुरू कर दी ये तैयारी

Petrol Diesel Price: कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका के बीच भारत रणनीतिक तेल भंडार को फिर से भरने की दिशा में आगे बढ़ रहा है.

Author Written By: Vandana Bharti Author Published By : Vandana Bharti Updated: Nov 7, 2025 10:59

Petrol Diesel Price : वैसे भारत में हर द‍िन सुबह 6 बजे सरकारी तेल व‍िपणन कंपन‍ियां पेट्रोल और डीजल की कीमतों में करेक्‍शन करती हैं. कभी कीमतें बढ़ जाती हैं तो कभी घटती भी हैं. ये राज्‍यों में अलग-अलग भी हो सकती हैं. लेक‍िन कमोबेश पेट्रोल और डीजल की कीमतें सभी राज्‍यों में आसपास ही होती हैं. बता दें क‍ि प‍िछले कई साल से भारत में तेल की कीमतों में इजाफा नहीं क‍िया गया है. पर अब ऐसा लगता है क‍ि पेट्रोल डीजल भरवाने के ल‍िए लोगों को ज्‍यादा खर्च करने की जरूरत पड़ सकती है.

मीड‍िया र‍िपोर्ट्स की मानें तो वैश्‍व‍िक बाजार में क्रूड ऑयल महंगा हो सकता है.पहले से ही एक बड़े तेल समूह से आपूर्ति में कमी और रूसी प्रमुख कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकोइल पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच वैश्विक तेल बाजार नए उतार-चढ़ाव का सामना कर रहे हैं. कच्चे तेल की कीमतें मई में चार साल के निचले स्तर 60 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर जून में 76 डॉलर प्रति बैरल के उच्च स्तर पर पहुंच गई थीं.आगे इसमें और तेज बदलाव देखने को म‍िल सकते हैं.

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तेल की कीमतें बढ़ने की आशंका क्‍यों?
रूस की तेल कंपनियों पर यूएस का प्रतिबंध लगा है, जो 21 नवंबर से प्रभावी हो जाएगा. इसकी वजह से आपूर्ति कम हो जाएगी और कीमतें ऑटोमेट‍िकली ऊपर जाएंगी. वैसे देखा जाए तो कीमतों में थोड़ी बहुत बढ़ोतरी पहले से ही हो रही है. अब 21 नवंबर से आपूर्ति घटने से वैश्विक कीमतों पर न‍िश्‍च‍ित तौर से असर होगा.

तेल कीमतें बढ़ने की दूसरी वजह ओपेक प्लस का फैसला भी है.ओपेक ने द‍िसंबर के रोज 137000 बैरल उत्पादन बढ़ाने का ऐलान किया था, लेकिन ओपेक फ‍िर जनवरी से मार्च 2026 तक उत्पादन बढ़ोतरी पर रोक भी लगा दी. दरअसल, ओपेक का कहना है क‍ि मौसम के हिसाब से आठ देशों के ह‍िसाब से ये फैसला ल‍िया गया है. इससे भी सप्‍लाई प्रभाव‍ित होगी और कीमतें बढ़ सकती हैं.

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भारत ने क्‍या की है तैयारी
कच्‍चे तेल की कीमतों में उतार चढ़ाव को देखते हुए भारत चुपचाप अपनी ऊर्जा सुरक्षा संरचना को मजबूत करने का काम कर रहा है. इसको आप ऐसे समझें क‍ि वैश्‍व‍िक बाजार में क्रूड की कीमतें बढ़ने से पहले ही भारत अपने स्‍टॉक में इतना तेल जमा करके रखना चाहता है क‍ि उसे ऊंची कीमत पर वैश्‍व‍िक बाजार से तेल खरीदने की जरूरत न पड़े.

भारत की ये रणनीत‍ि उसे क‍िसी भी जियोपॉल‍िट‍िकल टेंशन से भी बचाएगा. उसकी ऊर्जा सुरक्षा बनी रहेगी. म‍िंट की एक र‍िपोर्ट के अनुसार वैश्‍व‍िक बाजार में अभी कीमतें कम हैं, इसल‍िए भारत ने प‍िछले कुछ महीनों में तेल की खरीदारी तेज कर दी है. तेल की खरीदारी को सरकार और इंडियन स्ट्रैटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व्स लिमिटेड यानी ISPRL दोनों म‍िलकर लेते हैं.

आने वाले समय में भारत की ऊर्जा सुरक्षा बनी रहे इसके ल‍िए दो नए तेल भंडार बनाए जा रहे हैं. बता दें क‍ि भारत में पहले से ही तीन जगहों पर तेल र‍िजर्व रखा जाता है. यानी अब भारत के पास 5 ऑयल र‍िजर्व हो जाएंगे.

क्‍या भारत में पेट्रोल डीजल होंगे महंगे ?
इस बारे में अभी कुछ भी कहना जल्‍दबाजी होगी. क्‍योंक‍ि यह कई बातों पर न‍िर्भर करता है. तेल कीमतों पर तेल आपूर्ति‍ से लेकर मुद्रा व‍िन‍िमय दरों तक का प्रभाव होता है. ऐसे में सरकारी एजेंस‍ियों या सरकार की ओर से ऐसी सूचना जारी नहीं की गई है.

First published on: Nov 07, 2025 10:59 AM

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