Budget 2024 : देश की संसद में मंगलवार को मोदी 3.0 का पहला पूर्णकालिक बजट पेश किया गया। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया। इस बार के बजट में एनडीए के घटक दलों का असर देखने को मिला। मोदी सरकार ने बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए खजाना खोल दिया, लेकिन यूपी ने बाजी मार ली। इस बजट के जरिए उत्तर प्रदेश के खाते में सबसे ज्यादा धनराशि आएगी।
निर्मला सीतारमण का यह 7वां बजट रहा। केंद्रीय बजट का सबसे ज्यादा लाभ उत्तर प्रदेश को हुआ, जबकि दूसरे नंबर पर बिहार है। यूपी के लिए 2.23 लाख करोड़ रुपये और बिहार के लिए 1.25 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। इसके तहत दोनों राज्यों में विभिन्न योजनाओं का विकास होगा।
अंतरिम बजट में उत्तर प्रदेश को क्या मिला?
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मोदी सरकार ने एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया था। यूपी के लिए अंतरिम बजट में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी तय की गई थी। केंद्र सरकार के तहत यूपी की योजनाओं के लिए 90 हजार करोड़ रुपये मिले थे। केंद्रीय परियोजनाओं के लिए 7000 करोड़ रुपये, विकसित भारत के लिए 14000 करोड़ रुपये और स्पेशल पैकेज के तौर पर 17939 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था।
सीएम योगी ने बजट का किया स्वागत
सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि मोदी 3.0 द्वारा प्रस्तुत सर्वस्पर्शी, सर्वसमावेशी, विकासोन्मुखी आम बजट 2024-25 140 करोड़ देशवासियों की आशाओं, आकांक्षाओं और अमृतकाल के सभी संकल्पों को सिद्ध करने वाला है। आम बजट 2024-25 ‘विकसित भारत-आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण का आर्थिक दस्तावेज है। इसमें अंत्योदय की पावन भावना, विकास की असीम संभावना और नवोन्मेष की नव-दृष्टि है।
सभी वर्गों को मिलेगा लाभ
सीएम योगी ने कहा कि इस बजट में गांव, गरीब, किसान, महिला, नौजवान समेत समाज के सभी तबकों के समग्र विकास का संकल्प, हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दृष्टि और वंचित को वंचना से मुक्त कराने का रोडमैप है। मध्यम वर्ग को बड़ी राहत प्रदान करते हुए प्रत्यक्ष कर प्रणाली के संबंध में नए प्राविधानों की घोषणा स्वागत योग्य है। ‘नए भारत’ को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और विश्व का ग्रोथ इंजन बनाने का मार्ग प्रशस्त करते इस लोक-कल्याणकारी बजट के लिए प्रधानमंत्री का हृदय से आभार एवं केंद्रीय वित्त मंत्री का हार्दिक अभिनंदन।
जानें किस राज्य के खाते में आया कितना पैसा
राज्य – धनराशि (रुपये में)
उत्तर प्रदेश – 2.23 लाख करोड़
बिहार – 1.25 लाख करोड़
मध्य प्रदेश – 98 हजार करोड़
पश्चिम बंगाल – 93 हजार करोड़
महाराष्ट्र – 78 हजार करोड़
राजस्थान – 75 हजार करोड़
ओडिशा – 56 हजार करोड़
तमिलनाडु – 50 हजार करोड़
आंध्र प्रदेश – 50 हजार करोड़
कर्नाटक – 45 हजार करोड़
गुजरात – 43 हजार करोड़
छत्तीसगढ़ – 42 हजार करोड़
झारखंड – 41 हजार करोड़
तेलंगाना – 26 हजार करोड़
केरल – 24 हजार करोड़
पंजाब – 22 हजार करोड़
उत्तराखंड – 14 हजार करोड़
हरियाणा – 13 हजार करोड़
हिमाचल प्रदेश – 10 हजार करोड़
गोवा – 5 हजार करोड़
पूर्वोत्तर राज्य – 1.07 लाख करोड़ (अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा)