---विज्ञापन---

5 साल में 3 गुना बढ़ी मखाने की खेती, मालामाल होंगे किसान; सरकार ने शुरू की ये नई पहल

Bihar Makhana Farming: बिहार में मखाने की खेती का रकबा 5 साल में 3 गुना अधिक बढ़ गया है। विशेषज्ञों के मुताबिक अब केंद्र सरकार के बोर्ड बनाने के ऐलान के बाद किसानों की आय में इजाफा होगा। केंद्र के फैसले से किसानों की किस्मत खुल जाएगी।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Feb 4, 2025 19:50
Share :
Bihar Makhana

Makhana Farming: बिहार में मखाने की खेती का रकबा लगातार बढ़ता जा रहा है। मखाना आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है। मखाना की खेती को लेकर पहले भी कई शोध हो चुके हैं। मखाने की खेती में कई तरह के प्रयोग राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र दरभंगा द्वारा किए जा रहे हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी इस बार बजट में मखाना बोर्ड की स्थापना करने का ऐलान किया है। इस घोषणा के बाद मखाना उत्पादक किसानों में खुशी की लहर है। बिहार के मखाने की पहचान विश्व स्तर तक बन चुकी है। राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र दरभंगा के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. मनोज कुमार के अनुसार इस समय बिहार में मखाने की खेती का क्षेत्रफल लगभग 35000 से 40000 हेक्टेयर के बीच है।

यह भी पढ़ें:ट्रंप के USAID फंड को फ्रीज करने के फैसले से भारत पर क्या पड़ेगा असर? जानें

---विज्ञापन---

बीते समय में काफी बदलाव आए हैं। इससे 5 साल पहले मखाने की खेती लगभग 15 हजार हेक्टेयर तक सीमित थी, लेकिन आज इसका विस्तार लगभग 3 गुना तक हो चुका है। राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र लगातार किसानों के लिए शोध कर रहा है। किसानों को खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है। कृषकों के बाद अब उद्यमी भी रुचि लेने लगे हैं। यहां तक कि शिक्षित बेरोजगार भी अब मखाने की परंपरागत खेती से जुड़ने लगे हैं। पहले माना जाता था कि मखाना की खेती परंपरागत रूप से सहनी समाज के लोग करते हैं। अब मखाना की खेती हर तबका करने लगा है।

हर साल 1500 किसानों को ट्रेनिंग

सरकार ने मखाना की खेती से जुड़े किसानों के लिए खास पहल शुरू की है। हर साल राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र ने 1500 से ज्यादा किसानों को ट्रेनिंग देने का काम शुरू किया है। इस काम में केंद्र नाबार्ड, आत्मा और बिहार कृषि प्रबंधन एवं प्रसार प्रशिक्षण संस्थान (बामेती) की मदद भी ले रहा है। कई जिलों में किसानों को ट्रेनिंग देने का काम चल रहा है। किसानों को जो भी तकनीकी मदद चाहिए, उपलब्ध करवाई जाती है। एक जमाने में मखाना की खेती सिर्फ तालाबों में होती थी, लेकिन अब खेतों में भी होने लगी है।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें:‘ठेले पर प्लेन…’, PM मोदी ने संसद में किया जिस कार्टून का जिक्र; कौन थे उसको बनाने वाले आरके लक्ष्मण?

एक्सपर्ट्स के मुताबिक अब खेत में केवल एक फीट पानी के अंदर भी मखाने की खेती हो सकती है। चार से पांच महीने में ही उत्पादन लिया जा सकता है। तालाबों की संख्या को एकदम नहीं बढ़ा सकते, इसलिए नई तकनीक के जरिए खेतों में भी मखाना का उत्पादन किया जा रहा है। इससे किसानों की आय में इजाफा हो रहा है। अब बोर्ड बनने के बाद मखाना के उत्पादन, प्रसंस्करण मूल्य में बढ़ोतरी होगी, जिसका सीधा फायदा किसानों को मिलेगा।

HISTORY

Edited By

Parmod chaudhary

First published on: Feb 04, 2025 07:50 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें