RBI Action on Bank: रिजर्व बैंक ने राज्य के स्वामित्व वाले इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) पर आय निर्धारण के गैर-अनुपालन और नियामक अनुपालन में अन्य कमियों के लिए 2.20 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। ‘आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण और अग्रिमों से संबंधित प्रावधानीकरण पर विवेकपूर्ण मानदंड – एनपीए खातों में विचलन’, ‘भारतीय रिजर्व बैंक (जमा पर ब्याज दर) निर्देश, 2016’ और ‘मैन इन द मिडिल (MiTM) अटैक इन एटीएम’ पर सलाह के तहत यह जुर्माना आरबीआई द्वारा जारी निर्देशों के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए लगाया गया है।
आरबीआई ने कहा, ‘यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर उच्चारण करने का इरादा नहीं है।’ बैंक के पर्यवेक्षी मूल्यांकन के लिए वैधानिक निरीक्षण (आईएसई 2021) आरबीआई द्वारा 31 मार्च, 2021 को अपनी वित्तीय स्थिति के संदर्भ में आयोजित किया गया था।
ऐसे हैं आरोप
चेन्नई स्थित बैंक अपने आरक्षित कोष में वर्ष 2020-21 के लिए घोषित लाभ के 25 प्रतिशत के बराबर राशि का न्यूनतम अनिवार्य हस्तांतरण करने में विफल रहा। एनपीए के बीच महत्वपूर्ण अंतर था, जैसा कि इसके द्वारा रिपोर्ट किया गया था और जैसा कि निरीक्षण द्वारा मूल्यांकन किया गया था, और इसने कुछ मामलों में वरिष्ठ/अति वरिष्ठ नागरिकों के लिए लागू दरों पर गैर-व्यक्तिगत घटकों की जमाराशियों पर ब्याज की पेशकश की।
इसके अलावा, बैंक निर्धारित समय सीमा के भीतर एटीएम टर्मिनल/पीसी और एटीएम स्विच के बीच संचार के एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन से संबंधित एटीएम के लिए नियंत्रण उपायों को लागू करने में विफल रहा।
बैंक को दो नोटिस जारी किए गए थे जिसमें उसे कारण बताओ नोटिस दिया गया था कि अधिनियम के प्रावधानों और आरबीआई द्वारा जारी निर्देशों का पालन करने में विफलता के लिए उस पर जुर्माना क्यों न लगाया जाए।