---विज्ञापन---

बिजनेस

Madhabi Puri Buch: आरोप, नाराजगी और अब FIR, जानें पूर्व SEBI चीफ से जुड़ी हर बात

SEBI legal troubles: माधबी पुरी बुच को बतौर सेबी प्रमुख अपने करियर के आखिरी समय में गंभीर आरोपों का सामना करना पड़ा था। हिंडनबर्ग और कांग्रेस के आरोपों के साथ ही सेबी के कर्मचारियों ने भी उनके खिलाफ आवाज उठाई थी।

Author Edited By : Neeraj Updated: Mar 3, 2025 13:22

Madhabi Puri Buch Journey: सेबी की पूर्व चीफ माधबी पुरी बुच मुश्किल में हैं। उनके खिलाफ अदालत ने FIR दर्ज करने के आदेश दिए हैं। अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग और कांग्रेस पार्टी भी पूर्व में उन पर गंभीर आरोप लगा चुके हैं। हालांकि, तब मामला केवल जुबानी बयानबाजी तक ही सीमित था, लेकिन अब अदालत भी उनके खिलाफ सख्त नजर आ रही है। इसलिए बुच के लिए आने वाला समय परेशानी भरा हो सकता है।

नाम हैं कई खिताब

माधबी पुरी बुच ने 1 मार्च 2022 को सेबी अध्यक्ष के रूप में कामकाज संभाला था और 28 फरवरी, 2025 को उनका कार्यकाल समाप्त हो गया। वह सेबी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला रही हैं और सबसे कम उम्र में इस प्रतिष्ठित पद को संभालने का ख़िताब भी उनके नाम है। 1966 में जन्मीं माधबी के पिता कॉर्पोरेट क्षेत्र में काम करते थे और मां एजुकेशन फील्ड में थीं। 18 साल की उम्र में उनकी सगाई FMCG कंपनी यूनिलीवर के डायरेक्टर धवल बुच से हुई और 21 साल की उम्र में उन्होंने शादी कर ली। माधबी और धवल का एक बेटा है, जिसका नाम अभय है।

---विज्ञापन---

मुंबई हमले की गवाह

साल 2008 में हुए मुंबई हमले के दौरान माधबी बुच और उनके पति धवल बुच ताज महल पैलेस होटल में मौजूद थे। वे कुछ कॉर्पोरेट लीडर्स के साथ होटल में गए हुए थे, जब आतंकवादियों ने मुंबई पर हमला बोला। बुच उस समय आईसीआईसीआई बैंक में कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्यरत थीं और उनके पति हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड में निदेशक थे।

ICICI से शुरुआत

बुच ने मुंबई के फोर्ट कॉन्वेंट स्कूल से अपनी शुरुआती शिक्षा पूरी और फिर भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) अहमदाबाद से MBA की डिग्री हासिल की। उन्होंने अपने फाइनेंशियल करियर की शुरुआत 1989 में आईसीआईसीआई बैंक के साथ की। बैंक के साथ अपने 12 वर्षों के सफर में उन्होंने कई प्रमुख भूमिकाओं में काम किया। जैसे कि 1997 से 2002 तक मार्केटिंग और सेल्स हेड, 2002 से 2003 तक प्रोडक्ट डेवलपमेंट हेड 2004 से 2006 तक ऑपरेशन हेड। 2006 में, बुच को आईसीआईसीआई बैंक में कार्यकारी निदेशक के रूप में पदोन्नत किया गया, यह जिम्मेदारी उन्होंने 2009 तक संभाली।

---विज्ञापन---

ऐसा रहा है करियर

आईसीआईसीआई बैंक छोड़ने के बाद उन्होंने आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में पदभार संभाला। इसके बाद उन्होंने 2011 से 2013 तक सिंगापुर में ग्रेटर पैसिफ़िक कैपिटल में बिजनेस डेवलपमेंट के प्रमुख के रूप में काम किया। वह 2011 से 2017 तक आइडिया सेल्युलर में नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर भी रही हैं। इसके अलावा, उन्होंने मैक्स हेल्थकेयर, ज़ेनसार टेक्नोलॉजीज, इनोवेन कैपिटल और गैबेलहॉर्न इन्वेस्टमेंट्स सहित कई संगठनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

सेबी से 2017 में जुड़ीं

सेबी प्रमुख के रूप में अपनी नियुक्ति से पहले, बुच अप्रैल 2017 में पूर्णकालिक सदस्य के रूप में सेबी के बोर्ड में शामिल हुईं और बाद में मार्च 2022 में उन्हें बाजार नियामक का चेयरपर्सन बनाया गया। उन्होंने पूर्व आईएएस अधिकारी अजय त्यागी की जगह ली, जिन्होंने 1 मार्च, 2017 से 28 फरवरी, 2022 तक पांच वर्षों के लिए सेबी चीफ की जिम्मेदारी संभाली थी।

इतनी थी सैलरी

इस साल की शुरुआत में वित्त मंत्रालय के तहत आर्थिक मामलों के विभाग ने बुच के उत्तराधिकारी की तलाश के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। सरकार द्वारा जारी विज्ञापन के अनुसार, नए सेबी अध्यक्ष का वेतन भारत सरकार के सचिव के बराबर है, जो 5,62,500 रुपये प्रति माह (घर और कार के बिना) है। सेबी प्रमुख की नियुक्ति के बारे में सरकार की अधिसूचना को देखते हुए यह माना जा सकता है कि बुच का वेतन लगभग 5,62,500 रुपये प्रति माह रहा होगा।

PAC ने किया था तलब

बुच के कार्यकाल के आखिरी समय में उन पर हिंडनबर्ग और कांग्रेस ने कई गंभीर आरोप लगाये। कांग्रेस ने उन पर SEBI से जुड़े होने के दौरान ICICI बैंक सहित 3 जगहों से सैलरी लेने का आरोप लगाया था। वित्तीय नियामकों की समीक्षा के तहत अक्टूबर 2024 में संसद की लोक लेखा समिति (PAC) ने उन्हें तलब किया था। हालांकि, उन्होंने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए बैठक में भाग नहीं लिया। वह सभी आरोपों को नकारती रही हैं।

‘अपनों’ की नाराजगी झेली

सेबी प्रमुख के तौर पर माधबी पुरी बुच को कर्मचारियों की नाराजगी का भी सामना करना पड़ा था। सेबी के कर्मचारियों ने वित्त मंत्रालय को पत्र लिखकर इस संबंध में शिकायत की थी। उन्होंने कहा था कि सेबी में कामकाज का माहौल टॉक्सिक हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शिकायती पत्र में कहा गया था कि बैठकों में चिल्लाना, डांटना आम हो गया है। इसके बाद सेबी ने एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस करके कर्मचारियों को ‘बाहरी तत्‍वों द्वारा गुमराह’करने की बात कही थी। हालांकि, बाद में दोनों पक्षों के बीच सुलह हो गई।

HISTORY

Edited By

Neeraj

First published on: Mar 03, 2025 01:22 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें