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गाड़ी बेच दी, लेकिन कागजी काम बाकी? RC ट्रांसफर नहीं कराया तो मुसीबत पक्की, ये है सबसे आसान तरीका

गाड़ी बेचने के बाद RC ट्रांसफर कराना क्यों जरूरी है और इसे सबसे आसान तरीके से कैसे किया जा सकता है? जानें फॉर्म 29-30, जरूरी दस्तावेज, फीस, इंस्पेक्शन और नई RC मिलने तक की पूरी प्रक्रिया.

Author Written By: Mikita Acharya Author Published By : Mikita Acharya Updated: Nov 23, 2025 17:12
वोटर लिस्ट अपडेट के नाम पर फ्रॉड
वोटर लिस्ट अपडेट के नाम पर फ्रॉड. (Photo-Freepik)

RC Transfer Process After Selling Car: कई लोग गाड़ी बेचने के बाद सोचते हैं कि अब उनकी जिम्मेदारी खत्म हो गई. लेकिन असली जिम्मेदारी तो RC ट्रांसफर से शुरू होती है. अगर RC नए मालिक के नाम नहीं हुई, तो गाड़ी से जुड़ा हर चालान, दुर्घटना या गलत इस्तेमाल का असर सीधा आपके ऊपर पड़ेगा. इसलिए गाड़ी बेचते ही RC ट्रांसफर पूरा करना बेहद जरूरी है. नीचे आसान भाषा में पूरी प्रक्रिया समझिए.

सबसे पहले तैयार करें सेल लेटर

गाड़ी बेचते ही पहला काम है एक सेल लेटर बनाना. यह एक साधारण लिखित डॉक्यूमेंट होता है जिसमें गाड़ी बेचने की तारीख, कितने में बेची, और दोनों- खरीदार और बेचने वाले के साइन होते हैं. यह पेपर साबित करता है कि गाड़ी किस दिन से दूसरे व्यक्ति के पास चली गई है.

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RC ट्रांसफर की शुरुआत करें

अब खरीदार को RTO की वेबसाइट से फॉर्म 29 और फॉर्म 30 डाउनलोड करके भरना होता है. इनमें वाहन की डिटेल्स जैसे इंजन नंबर, चेसिस नंबर, मॉडल के साथ दोनों पक्षों की जानकारी दर्ज की जाती है. यही RC ट्रांसफर की आधिकारिक शुरुआत है.

दोनों पक्षों के साइन और जरूरी दस्तावेज जमा करें

फॉर्म भरने के बाद उन पर खरीदार और बेचने वाले, दोनों के साइन जरूरी हैं. फिर खरीदार RTO में फॉर्म के साथ कुछ दस्तावेज जमा करता है- पुरानी RC, बीमा कॉपी, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट, सेल लेटर, आधार या पहचान पत्र और पासपोर्ट साइज फोटो. दस्तावेज जितने साफ और सही होंगे, प्रोसेस उतनी जल्दी होगी.

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लोन वाली गाड़ी का अलग नियम

अगर गाड़ी पर अभी भी लोन चल रहा था, तो बैंक की ओर से NOC (No Objection Certificate) भी देना पड़ेगा. बिना NOC के ट्रांसफर की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ेगी. दस्तावेज सही होने पर खरीदार RTO में ट्रांसफर फीस जमा करता है. यह फीस गाड़ी के प्रकार पर निर्भर करती है.

गाड़ी का इंस्पेक्शन भी

कई बार RTO वाहन का इंस्पेक्शन भी करवाता है. इसमें अधिकारी इंजन नंबर और चेसिस नंबर मिलान करते हैं और दस्तावेजों की जांच करते हैं. सब कुछ सही मिलने पर आपकी फाइल आगे बढ़ जाती है और ट्रांसफर प्रक्रिया शुरू हो जाती है.

नए मालिक के नाम RC जारी

प्रोसेस पूरी होने के बाद RTO नए मालिक के नाम से RC बनाकर उसके पते पर पोस्ट करता है. खरीदार चाहे तो RTO जाकर इसे खुद भी ले सकता है. ध्यान रखें, जब तक नई RC नहीं मिल जाती, RC ट्रांसफर आवेदन की रिसीट सुरक्षित रखें- यही साबित करती है कि गाड़ी अब आपके नाम पर नहीं है.

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First published on: Nov 23, 2025 05:12 PM

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