इस समय पूरी दुनिया इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कारों की तरफ तेजी से शिफ्ट हो रही है। भारत में भी नए-नए लॉन्च किये जा रहे हैं। लेकिन ब्रिटिश सड़क यातायात दुर्घटनाओं के विश्लेषण के आधार पर एक अध्ययन में यह दावा किया है कि पेट्रोल-डीजल से चलने वाली गाड़ियों की तुलना में इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कार पैदल चलाने वालों के लिए ज्यादा खतरा पैदा करती हैं।
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल के मुताबिक, शहरों की सड़कों पर ICE की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहन 3 गुना अधिक खतरनाक हैं।अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर इसके पीछे क्या कारण हो सकता है? रिपोर्ट के मुताबिक इलेक्ट्रिक कार सड़क पर चलते समय बिलकुल भी शोर पैदा नहीं करती और शांति से चलती हैं, जिससे पैदल चल रहे लोगों को गाड़ी की आवाज सुनाई नहीं देती जिसकी वजह से टक्कर हो जाती है।
अनुभवहीन ड्राइवर
हालांकि, इलेक्ट्रिक कारें अधिक खतरनाक क्यों हैं यह अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन शोधकर्ताओं का मानना है कि इसके लिए कई कारक जिम्मेदार हैं। इलेक्ट्रिक कारों के ड्राईवर कम अनुभवी होते हैं, और इलेक्ट्रिक कारें बिना शोर के भी चलती हैं जिससे उन्हें सुनना कठिन हो जाता है, जिससे दुर्घटना होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
शोध में यह भी बताया गया है कि पैदल चलने वाले लोग आमतौर पर ट्रैफिक के आने की आवाज सुनते हैं और टकराव से बचने के लिए सावधानी बरतते हैं। जबकि इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कार की आवाज नहीं सुन पाते हैं।
आर्टिफिशियल साउंड करेगा मदद!
एक्सपर्ट मानते हैं कि अगर इलेक्ट्रिक कारों में आर्टिफिशियल साउंड लगा दिया जाए तो यह ठीक वैसे ही शोर करेगा जैसा कि फ्यूल से चलने वाली गाड़ियां करती हैं। ऐसा करने से पैदल चलने वाले लोगों कोई दिक्कत नहीं होगी, क्योंकि उन्हें गाड़ी के आने का आभास पहले ही हो जाएगा।
एक तरह जहां इलेक्ट्रिक कारें प्रदूषण नहीं करती लेकिन कुछ खामियां अभी भी हैं जिन पर काम होना अभी बाकी है। जिस तरह से भारतीय जलवायु है उस हिसाब से इन वाहनों में सुधार की भी जरूरत है।
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