Electric cars: भारत में भले ही नई–नई इलेक्ट्रिक कारें आ रही हैं लेकिन यह सेगमेंट अभी भी शुरुआती चरण में है। देश में इलेक्ट्रिक कारों का मार्केट शेयर 3% से भी कम है।टेस्ला सहित ग्लोबल ऑटो कंपनियों को यहां निवेश करने के लिए सरकार ने इस साल मार्च में नई ईवी नीति की घोषणा की है। जबकि नई ईवी नीति का उद्देश्य नए प्लांट्स के निर्माण में निवेश करने वाली कंपनियों को लाभ पहुंचाना है। बड़ी बात ये है कि सरकार अब लाभ बढ़ाने पर विचार कर रही है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, वाहन निर्माता देश में मौजूदा फैक्ट्ररियों में इलेक्ट्रिक मॉडल बना रहे हैं। यह कदम संभावित रूप से भारत में इलेक्ट्रिक कारों को किफायती बना सकता है। नई ईवी नीति के अनुसार, जिसे अभी भी अंतिम रूप दिया जा रहा है, ईवी बनाने के लिए एक कार कंपनी को कम से कम 4,150 करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता होती है।
कार कंपनियों को होगा फायदा
इस कदम से हुंडई, किआ, टोयोटा, वोक्सवैगन और स्कोडा सहित ग्लोबल कार निर्माताओं को काफी फायदा हो सकता है, जो पहले से ही भारत में मौजूद हैं और यहां उनकी विनिर्माण सुविधाएं हैं। CKD कारों पर आयात शुल्क वर्तमान में 35% है। ईवी नीति में संशोधन से कार निर्माताओं को CKD कारों पर 5 साल के लिए 15% आयात शुल्क (import duty) का भुगतान करने की अनुमति मिलेगी। इससे आयातित (Import) इलेक्ट्रिक कारों की कीमतें कम हो जाएंगी। साथ ही, यह बड़े पैमाने पर बाजार और लक्जरी खिलाड़ियों दोनों कार निर्माताओं के लिए भारत में सस्ती कीमतों पर वर्ल्ड क्लास इलेक्ट्रिक मॉडल रखने का एक व्यावसायिक मामला बन जाएगा।
टेस्ला की होगी भारत में एंट्री!
हालांकि, टेस्ला ने अभी भी आधिकारिक तौर पर भारत में प्लांट स्थापित करने की अपनी योजना की घोषणा नहीं की है, रॉयटर्स की रिपोर्ट में एक सूत्र का हवाला देते हुए कहा गया है कि सरकार अब मौजूदा प्लांट में ईवी निवेश पर भी विचार करेगी जो वर्तमान में गैसोलीन–इंजन और हाइब्रिड कारों का निर्माण करती हैं। हालांकि, ईवी बनाने के लिए एक अलग उत्पादन लाइन की आवश्यकता है। मार्च 2025 तक नीति को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
क्या इलेक्ट्रिक कारों की कीमतें कम होंगी?
सरकार के इस कदम से हुंडई, किआ, टोयोटा, वोक्सवैगन और स्कोडा सहित ग्लोबल कार निर्माता कंपनियों को काफी फायदा हो सकता है, जो पहले से ही भारत में मौजूद हैं और यहां गाड़ियां बना रही हैं। जानकारी के लिए बता दें कि CKD कारों पर आयात शुल्क इस समय 35% है। ईवी नीति में संशोधन से कार निर्माताओं को CKD कारों पर 5 साल के लिए 15% आयात शुल्क का भुगतान करने की अनुमति मिलेगी। इससे आयातित इलेक्ट्रिक कारों की कीमतें कम हो जाएंगी।
भारत में मौजूदा इलेक्ट्रिक कारें
भारत में इलेक्ट्रिक कार सेगमेंट अभी भी शुरुआती दौर में है, देश में कुल पैसेंजर कारों की बिक्री में उनकी हिस्सेदारी 3% से भी कम है। इस समय देश में हुंडई मोटर, टाटा मोटर्स, MG, BMW, महिंद्रा, ऑडी, मर्सिडीज और BYD इंडिया eMAX 7, Atto 3 और Seal जैसी इलेक्ट्रिक कारें ऑफर करती हैं। जबकि मारुति सुजुकी अगले साल अपनी नई इलेक्ट्रिक कार लेकर आ रही है। इतना ही नहीं हुंडई भी नई क्रेटा EV लेकर आ रही है। भारत में EV मॉडल से ग्राहकों के पास बेहतर ऑप्शन होने वाले हैं।
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