Delhi Fuel Ban: वायु प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए दिल्ली सरकार ने बड़े कदम उठा रही है। इस साल 1 जुलाई से दिल्ली में 10 साल से ज्यादा पुरानी डीजल गाड़ियों और 15 साल से पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को पेट्रोल पंपो पर फ्यूल नहीं मिलेगा। आपको बता दें कि यह फैसला कमिशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) के निर्देशों के तहत लिया गया है। इसके लिए दिल्ली के सभी पेट्रोल और सीएनजी पंपों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए जा रहे हैं आइए इसके मुख्य नियमों के बारे में जानते हैं। सरकार का मानना है कि इससे प्रदूषण कम करने में काफी मदद मिलेगी।
क्या है नियम?
दरअसल, अप्रैल 2025 में ‘कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट’ (CAQM) ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि 1 जुलाई से सभी ‘एंड ऑफ लाइफ’ (EoL) यानी तय उम्र पार कर चुकी गाड़ियों को पेट्रोल-डीजल देना बंद किया जाए, इसमें डीजल गाड़ियों के लिए 10 साल और पेट्रोल गाड़ियों के लिए 15 साल की समय सीमा तय की गई है।
इसकी निगरानी के लिए पेट्रोल पंपों पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरों को लगाया जा रहा है, जो गाड़ियों की उम्र की पहचान करने के साथ ही उन्हें फ्यूल नहीं देने में मदद करेगा। इस नियम का उल्लंघन करने पर वाहन को जब्त किया जा सकता है और मोटर वाहन अधिनियम, 1989 के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
ऐसे में क्या करें वाहन मालिक ?
10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों के मालिकों को अपनी पुरानी गाड़ी को स्क्रैप करने के लिए आधिकारिक स्क्रैपिंग सेंटर्स से संपर्क करना होगा। वहीं, अगर आप अपनी गाड़ी को दिल्ली-एनसीआर से बाहर लेकर जाना चाहते हैं, तो उसके लिए आपको NOC लेना होगा।
परिवहन विभाग ने एक सार्वजनिक सूचना में कहा है कि अगर कोई वाहन कैमरे से या किसी अन्य निगरानी प्रणाली से पुराने वाहन के रूप में चिह्नित होता है, तो उसे फ्यूल नहीं मिलेगा। इसके अलावा वाहन मालिक को या तो उस गाड़ी एनओसी लेना होगा।अब तक लगभग सभी पेट्रोल और सीएनजी पंपों पर कैमरे लगाए जा चुके हैं। सिर्फ 10-15 पंप ही बचे हैं, जहां ये काम बाकी है। दिल्ली में लगभग 400 पेट्रोल पंप और 160 सीएनजी स्टेशन हैं।
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