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क्यों फटते हैं गाड़ी के टायर? जानें असली कारण, सीरियल नंबर से खुलेंगे सारे राज

अगर टायर में हवा ज़रूरत से ज्यादा है (Overinflated), तो टायर की दीवारें ज़्यादा टेंशन में आ जाती हैं और गरमी में फट सकती हैं। कम हवा होने पर (Underinflated) टायर ज्यादा गर्म होता है और दीवारें झुकती हैं, जिससे ब्लोआउट का खतरा बढ़ता है।

Author Edited By : Bani Kalra Updated: May 2, 2025 09:27

टायर फटना (Tyre Burst) अचानक होने वाली और खतरनाक घटना होती है, खासकर हाईवे पर तेज़ रफ्तार में। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। टायर फटने की वजह से कई बार बड़े हादसे होते हैं जिनकी वजह से लोगों की जान तक चली जाती है। अक्सर देखने में आता है कि लोग गाड़ी का ध्यान तो खूब रखते हैं लेकिन टायर्स की देखभाल नहीं करते और बाद में उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। आइये जानते हैं टायर्स के असली कारण और कैसे इससे बचा जा सता है।

टायर फटने के मुख्य कारण:

गलत हवा का दबाव

अगर टायर में हवा ज़रूरत से ज्यादा है (Overinflated), तो टायर की दीवारें ज़्यादा टेंशन में आ जाती हैं और गरमी में फट सकती हैं। कम हवा होने पर (Underinflated) टायर ज्यादा गर्म होता है और दीवारें झुकती हैं, जिससे ब्लोआउट का खतरा बढ़ता है। इसलिए हमेशा कार मैन्युफैक्चरर के बताए PSI लेवल पर हवा रखें।

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ओवरलोडिंग

जब गाड़ी की क्षमता से ज्यादा लोड डाला जाता है, तो टायरों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और तेज़ रफ्तार पर टायर ब्लास्ट हो सकता है।

पुराने या घिसे हुए टायर

टायर की उम्र 5-6 साल होती है या अधिकतम 40,000–50,000 किमी तक। घिसे हुए टायरों की ग्रिप कम होती है और रबर सख्त होकर क्रैक करने लगता है, जिससे ब्लोआउट हो सकता है।

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तेज़ रफ्तार और गर्मी का असर

गर्मियों में सड़क का तापमान 50°C से ऊपर चला जाता है।तेज़ रफ्तार और गर्मी के कारण टायर का तापमान भी बढ़ जाता है, जिससे रबर के फटने की संभावना बढ़ती है।

सड़क पर गड्ढे, नुकीली चीज़ें या करंट स्ट्राइक

पंक्चर, कील, तेज़ पत्थर या कोई नुकीली वस्तु टायर की सतह को डैमेज कर देती है।हाईवे पर तेज़ रफ्तार में गड्ढे में लगने से टायर का साइडवॉल फट सकता है।

टायर और रिम का मिसमैच या खराब फिटिंग

अगर टायर सही ढंग से फिट नहीं किया गया है या रिम खराब है, तो टायर संतुलन खो सकता है और फट सकता है।

टायर पर लिखे ये नंबर्स नजरअंदाज ना करें


हर टायर पर सीरियल नंबर लिखे होते हैं और साथ ही एक अल्फाबेट भी लिखा होता है। अल्फाबेट K से Z तक कुछ भी हो सकता है, इन अल्फाबेट का मतलब क्या है? आइये जानते हैं..कार के टायर में P लिखा है तो इसका मतलब यह है कि कार को 150kmph की स्पीड से चलाया तो टायर फट सकता है। R का मतलब है 170km/h की स्पीड से तेज कार को चलाने से टायर फट सकता है।

टायर पर K से Z तक कोई भी अल्फाबेट लिखा मिल सकता है। K का मतलब है कार को 110Kmph की स्पीड से तेज चलाने पर टायर फट सकता है। जानकारी के लिए बता दें कि हर अल्फाबेट के साथ स्पीड 10kmph  बढ़ जाती है, अगर L लिखा हो तो स्पीड 120kmph से ज्यादा नहीं होनी चाहिए और Z का मतलब ये है कि गाड़ी की स्पीड 240kmph  किलोमीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इसलिए अगली बार जब गाड़ी चलाएं तो टायर पर नजर जरूर डाल लें…

टायर फटने से कैसे बचें?

  • हर 10-15 दिन में टायर प्रेशर चेक करें।
  • पुराने टायर (5 साल से ज्यादा) समय रहते बदल दें।
  • ओवरलोडिंग से बचें।
  • खराब सड़कों और गड्ढों में धीमा चलें।
  • हर 5,000–7,000 किमी में टायर रोटेशन करवाएं।
  •  स्पेयर टायर की स्थिति भी समय-समय पर चेक करें।
  • अगर टायर फट जाए तो क्या करें?
  • घबराएं नहीं और स्टेयरिंग को सीधा रखें।
  • ब्रेक न लगाएं तुरंत, धीरे-धीरे एक्सेलेरेटर छोड़ें।
  • गाड़ी को धीरे-धीरे साइड में रोकें।

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Edited By

Bani Kalra

First published on: May 02, 2025 09:27 AM

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