Year Ender 2025: क्या आप जानते हैं, साल 2025 में चंद्रमा ने लगभग 522 बार अपनी चाल बदली, क्योंकि वह सबसे तेज़ चलने वाला ग्रह है. चंद्रमा मन, भावनाओं और विचारों का कारक माना जाता है, इसलिए उसका बार-बार गोचर बदलना मन की उसी चंचल प्रकृति को दर्शाता है- कभी सकारात्मक, कभी नकारात्मक, कभी स्थिर तो कभी अस्थिर विचार. न केवल चंद्रमा बल्कि यह जानना भी रोचक रहेगा कि बाकी ग्रहों ने पूरे वर्ष में कितनी बार गोचर किया.
यह जरूर है कि चंद्रमा की तुलना में बाकी ग्रह अपेक्षाकृत कम बार गोचर करते हैं. आपको बता दें कि सूर्य महीने में एक बार, बुध और शुक्र कई बार, मंगल एक या दो बार, गुरु और शनि तो साल में मुश्किल से एक बार राशि बदलते हैं. राहु-केतु भी वर्ष में एक ही बड़ा गोचर करते हैं, लेकिन उसका प्रभाव गहरा होता है. आइए जानते हैं, पूरे साल में सभी ग्रहों ने कुल कितनी बार गोचर किया और इन गोचरों में सबसे असरदार गोचर किन ग्रहों का रहा?
साल 2025 में ग्रहों के गोचर
चंद्रमा (Moon): जैसा कि आपने ऊपर पढ़ा कि चंद्रमा ने पूरे साल में चंद्रमा ने 522 बार बदलेंगे. इसमें चंद्रमा का 161 बार राशि परिवर्तन और 361 बार नक्षत्र गोचर शामिल है. ज्योतिषाचार्य हर्षवर्द्धन शांडिल्य बताते हैं कि चंद्रमा के ये गोचर मन की चंचलता को रिप्रेजेंट करते हैं.
बुध (Mercury): बुध बुद्धि, वाणी और विचारों के स्वामी हैं. इनकी गोचर गति भी काफी तेज है. साल 2025 में बुध कुल 49 बार गोचर कर रहे हैं, जिसमें उनका 15 बार राशि और 34 बार नक्षत्र परिवर्तन शामिल है.
सूर्य (Sun): सूर्य हर महीने एक बार राशि गोचर और लगभग 14-15 दिनों पर नक्षत्र परिवर्तन करते हैं. कुल गोचर संख्या की लिस्ट में वे तीसरे स्थान पर हैं. इस साल में उन्होंने 12 बार राशि और 27 बार नक्षत्र बदलकर कुल 39 बार चाल बदल कर देश-दुनिया, मौसम और सभी राशियों को प्रभावित किया है.
शुक्र (Venus): शुक्र सुख-वैभव, प्रेम और भोग-विलास के स्वामी और कारक ग्रह हैं. साल 2025 में शुक्र कुल 36 बार गोचर कर रहे हैं, जिसमें उनका 10 बार राशि और 26 बार नक्षत्र परिवर्तन शामिल है.
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मंगल (Mars): मंगल को धरती-पुत्र, भौम ग्रह और ग्रह सेनापति कहा जाता है. चंद्रमा, बुध, सूर्य और शुक्र की तुलना उनकी गोचर गति कम है. 2025 में मंगल कुल 21 बार चाल बदल रहे हैं. इस साल वे 7 बार राशि और 14 बार नक्षत्र परिवर्तन कर रहे हैं.
बृहस्पति (Jupiter): बृहस्पति देवगुरु और सबसे शुभ ग्रह हैं. वे साल एक ही बार राशि बदलते हैं. लेकिन वक्री होने के कारण 2025 में उन्होंने 3 बार राशि और 3 बार नक्षत्र परिवर्तन किया और इस प्रकार उन्होंने कुल 6 बार गोचर कर अपनी चाल बदली है.
शनि (Saturn): वैदिक ज्योतिष में न्यायाधीश और कर्म का फल देने वाले ग्रह माने गए हैं. वे ढाई में साल में एक बार राशि और लगभग 13 महीने में नक्षत्र बदलते हैं. साल 2025 में उन्होंने मात्र एक बार राशि गोचर और केवल 2 बार नक्षत्र गोचर किया.
राहु (Rahu): राहु एक छाया ग्रह हैं, जिनकी गोचर गति भी लगभग शनि जैसी है. साल 2025 में उन्होंने मात्र 1 बार राशि गोचर और केवल 2 बार नक्षत्र गोचर किया. लेकिन राहु हमेशा वक्री ही रहते हैं, इसलिए उनका कोई गोचर एक नहीं बल्कि 2 बार होता है और उनके दूसरे गोचर को स्पष्ट राहु गोचर कहा जाता है.
केतु (Ketu): केतु भी एक छाया ग्रह हैं, जो राहु की तरह ही हैं, लेकिन वे हमेशा उनकी विपरीत दिशा में रहते हैं. उन्होंने साल 2025 में मात्र 1 बार राशि गोचर और केवल 1 बार नक्षत्र गोचर किया. ये भी हमेशा वक्री ही रहते हैं.
ज्योतिषाचार्य हर्षवर्द्धन शांडिल्य बताते हैं कि साल 2025 में सभी नवग्रहों ने सम्मिलित रूप से कुल 708 बार अपनी चाल बदली है. दूसरे शब्दों में कहें तो लगभग हर 12वें घंटे में किसी एक ग्रह ने गोचर कर दुनिया पर प्रभाव डाला है. वे यह भी बताते है कि 2025 में सबसे असरदार गोचर गुरु और शनि के रहे, क्योंकि ये जीवन की दिशा, कर्म, भाग्य और दीर्घकालिक परिणाम तय करते हैं. चंद्रमा रोज़ मन को प्रभावित करता है, लेकिन बड़े बदलाव धीमे ग्रहों के गोचरों से ही आते हैं, यही ग्रहों की चाल का असली रहस्य है.
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