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छोटी दिवाली के अलावा क्यों नहीं होती है यमराज की पूजा, जानें इसका धार्मिक मान्यता

Yamraj Puja: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छोटी दिवाली के दिन यमराज देव की पूजा करने का विधान हैं, लेकिन बाकी दिनों नहीं। तो आइए इस खबर में जानते हैं आखिर क्यों छोटी दिवाली के अलावा यमराज देव की पूजा नहीं होती है। आइए विस्तार से जानते हैं।

Author Edited By : Raghvendra Tiwari Updated: Nov 8, 2023 15:46
yamraj puja
yamraj puja

Yamraj Puja: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दिवाली को पंच महापर्व के रूप में मनाया जाता है। दिवाली की शुरुआत धनतेरस से हो जाती है और समापन भाई दूज पर होती है। पंच महापर्व में एक छोटी दिवाली भी आती है, जिसे नरक चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है। पंचांग के अनुसार, हर साल छोटी दिवाली यानी नरक चतुर्दशी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। साल 2023 में नरक चतुर्दशी  (छोटी दिवाली) 11 नवंबर दिन शनिवार को पड़ रही है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नरक चतुर्दशी के दिन यमराज की पूजा करने का विधान माना गया है। क्या आपने कभी सोचा है कि हिंदू धर्म में जितने भी देवी-देवता है सभी की पूजा की जाती है, लेकिन यमराज देव की सिर्फ छोटी दिवाली के दिन ही की जाती है। बाकी दिन नहीं की जाती है। तो आइए इस खबर में विस्तार से जानते हैं आखिर यमराज की पूजा बाकी दिनों क्यों नहीं की जाती है।

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छोटी दिवाली पर क्यों होती है यमराज की पूजा

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छोटी दिवाली के दिन यमराज की पूजा करना बेहद शुभ माना गया है। मान्यता है कि इस दिन यमदेव की पूजा करने से कुंडली में अकाल मृत्यु का योग नष्ट हो जाता है। साथ ही मृत्यु दोष भी दूर हो जाता है। मान्यता है कि जो जातक छोटी दिवाली के दिन विधि-विधान से यमदेव की पूजा करते हैं, उनके घर से बीमारी भी दूर हो जाती है और घर में सुख-समृद्धि और सौभाग्य के साथ स्वास्थ्य का वास होता है। इसलिए छोटी दिवाली के दिन यमदेव की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है।

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छोटी दिवाली के अलावा क्यों नहीं होती है यमराज की पूजा

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यमराज को मृत्यु का देवता कहा जाता है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य पुत्र यम देव की पूजा नहीं करनी चाहिए। हालांकि यमराज को भगवान का दर्जा प्राप्त होने के बावजूद भी उनकी पूजा अशुभ मानी गई है। दरअसल, जब हम किसी देवी-देवता की पूजा करते हैं, तो पूजा का फल उनके द्वारा मिलता है। इसके साथ ही वह देवी-देवता लोगों के सपने में भी आ जाते हैं। जहां एक ओर सपने में देवी-देवता का दिखना शुभ माना गया है। वहीं, यमराज को सपने में देखना किसी बड़े संकट या मृत्यु का सूचक माना गया है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छोटी दिवाली के अलावा यमराज देव की पूजा नहीं की जाती है, क्योंकि यमराज की पूजा करने से यमदेव की अपने भक्तों को मृत्यु का वरदाने देते हैं। सरल शब्दों में कहा जाए तों यमदेव अपने भक्तों को मृत्यु प्रदान करते हैं। अकाल मृत्यु से बचाते भी हैं।

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First published on: Nov 08, 2023 03:46 PM

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