Vakri Shani ka Asar: वैदिक ज्योतिष में कर्मफल के स्वामी और न्याय के देवता माने गए शनिदेव 4 महीने 19 दिनों के लिए वक्री हो चुके हैं। सभी ग्रहों में सबसे धीमी गति से चलने वाले शनिदेव 30 जून, 2024 से वक्री हुए हैं, जो 15 नवंबर तक उल्टी चाल चलेंगे। बता दें, ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों का वक्री होना अच्छा नहीं माना गया है। कहते हैं, वक्री अवस्था में ग्रहों की ऊर्जा बहुत बढ़ जाती है। इससे ग्रह सामान्य स्थिति की तुलना में अधिक शक्तिशाली हो जाते हैं, लेकिन उनके फल देने की क्षमता अनिश्चित हो जाती है। परिणाम देने पर ग्रह का नियंत्रण नहीं रहता है और अक्सर परिणाम नकारात्मक होते हैं। आइए जानते हैं, वक्री यानी उल्टी चाल चल रहे शनिदेव का देश-दुनिया, मौसम, प्रकृति, खेती-बारी से लेकर सत्ता और राजनीति तक इसका क्या सकारात्मक और नकारात्मक असर होने की संभावनाएं हैं?
वक्री शनि का जनजीवन और मौसम पर असर
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, शनिदेव के 29 जून से वक्री होने से इसका देश-दुनिया और सामान्य जनजीवन पर दिखना शुरू हो गया है। मंगलवार 2 जुलाई को हाथरस में एक सत्संग के दौरान हुए भगदड़ में 121 व्यक्तियों ने अपनी जान गंवा दी। एक धार्मिक कार्यक्रम में ऐसे भीषण हादसे को शनि की वक्री दृष्टि का असर माना जा है। उत्तराखंड में भारी होने के कारण मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है। इससे कई जगहों पर जानमाल का नुकसान भी हुआ है। इसे उल्टी चाल चल रहे शनि का मौसम पर नकारात्मक असर बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि ऐसी घटनाओं की संख्या में बढ़ोतरी होगी।
शनि की उल्टी चाल से देश-दुनिया पर नकारात्मक असर
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उत्तराखंड में भारी बारिश से अस्त-व्यस्त जनजीवन (फोटो: ANI)
- पूरी दुनिया में प्राकृतिक आपदाएं बढ़ सकती हैं। लोग कहीं अतिवृष्टि और बाढ़ से त्रस्त रहेंगे, तो कहीं सूखा पड़ने से फसल बर्बाद हो सकती है।
- भूकंप और सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदा के साथ अग्नि कांड, गैस दुर्घटना, विमान, रेल और सड़क हादसे आदि से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है।
- देश-दुनिया में आतंकी घटनाएं बढ़ सकती हैं। नामचीन शख्सियतों के जीवन को खतरा हो सकता है।
- महत्वपूर्ण पद धारण करने वाले व्यक्तियों की सेहत पर बुरा असर हो सकता है। उनके जीवन में अस्थिरता बढ़ सकती है।
- विश्व के देशों में राजनीतिक प्रतिद्वंदता बढ़ेगी और सत्ता संगठन में बदलाव हो सकते हैं।
- पूरे विश्व में सीमा पर तनाव शुरू होने के योग हैं। इससे वैश्विक अस्थिरता बढ़ सकती है।
- देश में आंदोलन, हड़ताल, भ्रष्टाचार, घोटाला, उपद्रव और हिंसा की घटनाएं बढ़ सकती हैं।
वक्री शनि का सकारात्मक असर
जहां तक वक्री शनि के सकारात्मक असर की बात है, तो बताया जा रहा है कि अनाज की अच्छी पैदावार होगी। बाजार में अनाज की कीमतों में बढ़ोतरी होने के योग हैं। इससे कृषकों की आय में वृद्धि होगी। देश अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रगति करेगा। वक्री शनि के प्रभाव से साइंस और टेक्नोलॉजी का विकास होगा। मेडिकल साइंस में विशेष प्रगति होने के योग हैं। विभिन्न रोगों से संबंधति नई-नई दवाइयां और तकनीक विकसित हो सकती हैं। संचार के क्षेत्र में भी नए आविष्कार हो सकते हैं।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।