Surya Gochar: इस माह 14 अप्रैल 2023 को सूर्यदेव गोचर कर मीन से मेष राशि में प्रवेश करेंगे। इस घटना को मेष संक्रांति भी कहा जाता है। इसी दिन से नए सौर वर्ष की भी शुरुआत होगी। 14 अप्रैल को ही बैसाखी भी मनाई जाएगी। इस प्रकार यह हिंदू तथा सिख दोनों धर्मों से जुड़े धर्मावलंबियों के लिए महत्वपूर्ण पर्व है।
ज्योतिष ग्रंथों में मेष संक्रांति का अत्यन्त महत्व माना गया है। मेष राशिचक्र की प्रथम राशि है और इसमें स्थित सूर्य को उच्च का माना गया है। यहां पर स्थित सूर्य सदैव ही शुभ परिणाम देता है। यही कारण है कि इस दिन सूर्य की पूजा की जाती है ताकि पूरे वर्ष उनका आशीर्वाद और सहयोग मिलता रहे।
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कैसे करें मेष संक्रांति पर सूर्य पूजा (Surya Gochar and Puja)
सूर्य की पूजा के लिए शास्त्रों में कई प्रकार के अनुष्ठान बताए गए हैं। आप अपनी सुविधानुसार किसी भी एक उपाय को चुन सकते हैं। सर्वप्रथम सुबह जल्दी उठकर ब्रह्म मुहूर्त में ही स्नान कर सूर्यदेव को तांबे के लोटे में जल भरकर अर्ध्य दें। आप चाहे तो जल में लाल पुष्प की पत्तियां अथवा कुमकुम भी मिला सकते हैं। आपके निकट कोई सूर्य मंदिर हो तो वहां जाकर भी सूर्य की पूजा की जा सकती है। इस दिन गायत्री मंत्र का भी अधिकाधिक जप करना चाहिए।
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ऐसा नहीं होने पर आप भगवान विष्णु के मंदिर में जाकर भी पूजा कर सकते हैं। उन्हें लाल पुष्प, लाल वस्त्र तथा लाल रंग की ही मिठाई अर्पित करें। वहीं पर बैठकर आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करें और सूर्यदेव से अपने सभी संकटों का नाश करने की प्रार्थना करें। यथाशक्ति गरीबों व जरूरतमंदों को दान भी करें। हालांकि आपको पैसे का दान करने से बचना चाहिए और उसके बजाय वस्त्र, भोजन, पुस्तकें आदि देनी चाहिए।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।