Shani Sade Sati: ज्योतिष के सभी नौ ग्रहों में शनि को सबसे धीमे चलने वाला ग्रह माना गया है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार शनि एक राशि में ढाई वर्ष की अवधि तक रहता है। यानि जिस भी व्यक्ति पर शनि की दशा या महादशा लगती है, वो कम से कम ढाई साल तक रहती है।
शनि ग्रह अगले वर्ष 17 जनवरी 2023 को अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में प्रवेश करेगा। गोचर ज्योतिष की गणना के अनुसार लगभग 3 दशक के बाद शनि फिर कुंभ राशि में आ रहा है। इसके चलते कई राशियों पर चल रही साढ़ेसाती और ढैय्या हट जाएगी तो कई राशियों के लिए साढ़ेसाती और ढैय्या का दौर शुरू होगा। अलग-अलग राशियों पर शनि के गोचर का क्या असर होगा, जानने के लिए पढ़ें पूरा आर्टिकल
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अभी इन राशियों पर चल रही है शनि की ढैय्या और साढे़साती (Shani Sade Sati)
जयपुर के ज्योतिषी मोहर सिंह ने बताया कि अभी शनि मकर राशि में है। इस कारण मिथुन और तुला राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या चल रही है। इसी प्रकार धनु, मकर और कुंभ राशि के लोगों पर अभी शनि की साढ़ेसाती लगी हुई है।
जनवरी 2023 में इन राशियों से हट जाएगी साढ़ेसाती और ढैय्या (Shani ki Dhaiyya)
पंचांग के अनुसार 17 जनवरी 2023 को शनि कुंभ राशि में प्रवेश करेगा। इसकी वजह से धनु राशि पर लगी हुई साढ़ेसाती पूरी तरह से हट जाएगी, जबकि तुला और मिथुन राशि पर चल रही ढैय्या भी हट जाएगी।
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17 जनवरी 2023 से इन राशियों पर लगेगी साढ़ेसाती और ढैय्या
शनि 17 जनवरी 2023 को कुंभ राशि में प्रवेश करेगा। इसके फलस्वरूप मीन राशि वाले जातकों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी। जबकि कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या लगेगी। इस प्रकार तीन राशियों पर से शनि की कुदृष्टि हट जाएगी और 3 नई राशियों पर पड़ेगी।
शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या में करें ये उपाय (Shani Ke Upay)
ज्योतिष में शनि की दशा, महादशा, साढ़ेसाती और ढैय्या के अशुभ प्रभावों को हटाने के लिए कई उपाय बताए गए हैं। ये उपाय निम्न प्रकार हैं
- प्रतिदिन पीपल के पेड़ में जल चढ़ाएं।
- प्रत्येक शनिवार को किसी गरीब को खाना खिलाएं तथा शनि मंदिर में तेल चढ़ाएं।
- शनि के सभी दुष्प्रभावों को दूर करने के लिए शिव मंदिर में महामृत्युंजय संजीवनी मंत्र ‘ॐ हौं जूं स: ॐ भूर्भुव: स्व: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्व: भुव: भू: ॐ स: जूं हौं ॐ’ के कम से कम 21000 जप करवाएं।
- प्रत्येक शनिवार अथवा मंगलवार को हनुमान मंदिर में जाकर उन्हें सिंदूर और चमेली का तेल मिला चोला चढ़ाएं। लड्डू का भोग अर्पित करें तथा नियमित रूप से रोजाना सुंदरकांड का पाठ करें।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष के ज्ञान पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।
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