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शनि की टेढ़ी नजर इन 5 राशियों को कर सकती है परेशान, अगले 10 महीने तक रहना होगा सावधान

Shani Dev: वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि देव को कर्मफल और न्याय के देवता कहा गया है। बता दें कि शनि देव साल 2023 में ही कुंभ राशि में प्रवेश कर चुके हैं और वर्तमान समय में इसी राशि में विराजमान हैं। ऐसे में अगल 10 महीने तक 5 राशि के लोगों को संभलकर रहना होगा। तो आज इस खबर में जानेंगे कि शनि देव के चाल में परिवर्तन से किन-किन राशियों को बचकर रहना होगा।

Edited By : Raghvendra Tiwari | Updated: Feb 28, 2024 17:01
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Shani dev

Shani Ki Sade Sati and Dhaiy: वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि देव को न्याय और क्रम के देवता माने जाते हैं, जो इस समय शनि देव कुंभ राशि में विराजमान हैं। बता दें साल 2023 में शनि देव कुंभ राशि में प्रवेश किए थे और अब तक इसी राशि में विचरण कर रहे हैं। ज्योतिषियों के अनुसार, मार्च के लेकर साल के अंत यानी दिसंबर तक शनि देव कुंभ राशि में ही संचरण करेंगे। कुंभ राशि में शनि देव के होने से कुछ राशियों के लिए अच्छा तो कुछ राशियों के लिए बुरा रहने वाला है।

बता दें कि शनि देव हर समय बुरा प्रभाव नहीं डालते हैं कभी-कभी अच्छा फल भी देते हैं। लेकिन मार्च से लेकर दिसंबर तक कुछ राशियों को सावधान रहना होगा। तो आइए आज इस खबर में जानेंगे कि शनि देव के टेढ़ी चाल से किन-किन राशि राशियों को संभलकर रहना होगा।

किस राशि पर रहेगी शनि की टेढ़ी नजर

ज्योतिषियों के अनुसार, कुंभ राशि में शनि देव के विराजमान रहने से कुंभ राशि, मीन राशि और मकर राशि पर शनि की टेढ़ी नजर रहने वाली है। बता दें इन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा। वहीं कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैय्या रहेगी। बता दें कि आने वाले 10 महीने तक इन राशियों को संभलकर रहना होगा।

शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या इन 5 राशियों को परेशान कर सकती हैं। साथ ही जीवन में कई तरह की समस्याएं भी ला सकती हैं। ज्योतिषियों के अनुसार, जब शनि की चाल खराब होती हैं तो लोगों के करियर, आर्थिक और लव लाइफ में उतार-चढ़ाव आने लगता है। साथ ही बुरे समय का सामना करना पड़ता है।

साढ़ेसाती और ढैय्या से बचने के उपाय

बता दें कि जिन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या हैं उनका प्रभाव को कम करने के लिए उन्हें शनिवार के दिन काले तिल का दान करना चाहिए। साथ ही शनिवार के दिन हनुमान जी उपासना भी कर सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति मिल सकती है। साथ ही ओम शं शनिश्चराय नम: मंत्र का 108 बार जाप करने से शनि का प्रकोप कम होता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनिवार के दिन काले उड़द की दाल, सरसों का तेल और काले रंग के वस्त्र का दान करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति मिलती है। आप इन सभी उपायों को अपनाकर साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति पा सकते हैं।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

First published on: Feb 28, 2024 05:00 PM

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