Shani Gochar 2025: 29 मार्च शनिवार को शनि अपने घर कुंभ से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। यह परिवर्तन ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण होगा क्योंकि मीन राशि बृहस्पति की आध्यात्मिक और मोक्ष की राशि मानी जाती है। जबकि शनि कर्म, न्याय और अनुशासन का कारक है। ऐसे में यह गोचर भौतिकता से आध्यात्मिकता की ओर एक बड़ा बदलाव ला सकता है। मीन राशि में शनि गोचर से वैश्विक स्तर, भारत और राशियों पर कैसा प्रभाव पड़ सकता है? इसके बारे में ज्योतिषाचार्य डॉ. अल्पना मिश्रा ने बताया है। आइए इस महापरिवर्तन के प्रभाव के बारे में जानते हैं।
1. वैश्विक स्तर पर प्रभाव:-
आध्यात्मिकता और धर्म की ओर झुकाव: इस दौरान पूरी दुनिया में आध्यात्मिक जागरूकता बढ़ेगी। लोग ध्यान, योग, आध्यात्मिक गुरुओं और साधना की ओर आकर्षित होंगे।
प्राकृतिक आपदाएं: जल तत्व वाली मीन राशि में शनि के गोचर से समुद्री तूफान, बाढ़, भूकंप और सुनामी जैसी घटनाओं की संभावना बढ़ सकती है।
राजनीतिक अस्थिरता: विश्व स्तर पर कई देशों में सरकारों के प्रति असंतोष बढ़ सकता है। लोकतांत्रिक देशों में विरोध प्रदर्शन बढ़ सकते हैं।
आर्थिक मंदी और डिजिटल क्रांति: यह गोचर परंपरागत अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित कर सकता है, जबकि डिजिटल करेंसी और तकनीकी बदलावों को बढ़ावा मिलेगा।
2. भारत पर प्रभाव:-
धर्म और संस्कृति का पुनर्जागरण: भारत में धार्मिक और सांस्कृतिक चेतना बढ़ेगी। आध्यात्मिक गुरु और संस्थान अधिक प्रभावी होंगे।
जल स्रोतों पर संकट और सुधार: नदियों, झीलों और समुद्र से जुड़े मुद्दों पर ध्यान दिया जाएगा। जल संरक्षण को लेकर बड़े कदम उठ सकते हैं।
न्यायिक और प्रशासनिक सुधार: न्याय प्रणाली और सरकारी नीतियों में बदलाव देखने को मिलेगा, जिससे अनुशासन और पारदर्शिता बढ़ेगी।
राशियों पर प्रभाव:-
शनि की साढ़ेसाती: मीन, मेष और कुंभ राशि के लिए साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा।
शनि ढैय्या: सिंह और धनु राशि पर शनि की ढैय्या शुरू होगी।
अन्य राशियों के लिए: कुछ राशियों को करियर, धन और स्वास्थ्य में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेगा, तो कुछ को संघर्ष करना पड़ सकता है।
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महापरिवर्तन का सार:-
शनि का यह गोचर दुनिया को भौतिकता से हटाकर आध्यात्मिकता और मोक्ष की ओर ले जाने वाला होगा। अर्थव्यवस्था, राजनीति और जल से जुड़े मुद्दे प्रमुख रहेंगे। प्राकृतिक आपदाओं का खतरा बढ़ सकता है, लेकिन साथ ही समाज में अनुशासन और न्याय की पुनर्स्थापना होगी। इस परिवर्तन का लाभ उठाने के लिए धैर्य, अनुशासन और सेवा भाव को अपनाना आवश्यक होगा।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।