Shani Dev: शास्त्र में सभी 9 ग्रहों के बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है। जिसमें शनि देव सबसे धीमी गति से गोचर करने वाले ग्रह हैं। बता दें कि शनिदेव को 12 राशियों में गोचर करने में 30 साल का समय लगता है। यानी शनि देव ढाई साल पर राशि परिवर्तन करते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि की साढ़ेसाती काफी कष्टकारी होती है। माना जाता है कि जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती लगती है उसे कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस राशि पर शनि की साढ़ेसाती चलती है उससे अगली वाली राशि और 12वें स्थान वाली राशि को सबसे ज्यादा शनि की साढ़ेसाती प्रभावित करती है। शास्त्र के अनुसार, शनिदेव की साढ़ेसाती लगभग साढ़े सात साल पर लगती है। आज इस खबर में जानेंगे कि साल 2024 और 2025 में किन-किन राशियों पर साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा। साथ ही किन-किन राशियों को मुक्ति मिलेगी।
साल 2024 में शनि की साढ़ेसाती
वैदिक पंचांग के अनुसार, 17 जनवरी 2023 को शनि देव कुंभ राशि में प्रवेश किए थे, जो वर्तमान समय में भी कुंभ राशि में विराजमान हैं। शनिदेव के कुंभ राशि में विराजमान रहने से मकर, कुंभ और मीन राशि वालों पर साढ़ेसाती और वृश्चिक और कर्क राशि पर शनि की ढैय्या का प्रभाव रहेगा। बता दें कि मीन राशि वाले लोगों पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण चल रहा है और कुंभ राशि पर दूसरा चरण साथ ही मकर राशि वाले लोगों पर आखिरी चरण चल रहा है।
साल 2025 में शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव
वैदिक शास्त्र के अनुसार, 29 मार्च 2025 को शनि देव मीन राशि में प्रवेश कर जाएंगे। बता दें कि मीन राशि में शनि देव 2028 तक विराजमान रहेंगे। ऐसे में मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी और इसका प्रभाव 32 मई 2032 तक रहेगा। ज्योतिषियों के अनुसार, शनि देव के मीन राशि में प्रवेश करने से मकर राशि पर से साढ़ेसाती खत्म हो जाएगी। साथ ही कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव 3 जून 2027 तक रहेगी।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।