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Sawan Last Somwar 2023: सावन के आखिरी सोमवार पर कर लें शिवजी के इस स्तोत्र का पाठ, पूरे साल रहेंगे खुशहाल

Sawan Last Somwar 2023: वैसे तो पवित्र सावन मास का समापन 31 अगस्तो को होगा, लेकिन आज यानी 28 अगस्त को सावन का आखिरी सोमवार है। इस पावन अवसर पर भक्त शिवजी की विशेष पूजा-अर्चना करेंगे। धार्मिक मान्यता है कि सावन सोमवार पर शिवजी की विशेष पूजा-अर्चना करने से जीवन हमेशा खुशहाल रहता है। साथ […]

Edited By : Dipesh Thakur | Updated: Aug 28, 2023 09:25
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Sawan Last Somwar 2023
Sawan Last Somwar 2023

Sawan Last Somwar 2023: वैसे तो पवित्र सावन मास का समापन 31 अगस्तो को होगा, लेकिन आज यानी 28 अगस्त को सावन का आखिरी सोमवार है। इस पावन अवसर पर भक्त शिवजी की विशेष पूजा-अर्चना करेंगे। धार्मिक मान्यता है कि सावन सोमवार पर शिवजी की विशेष पूजा-अर्चना करने से जीवन हमेशा खुशहाल रहता है। साथ ही भगवान शिव और मां पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है। ऐसे में अगर आज आप द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्र का पाठ करेंगे तो शिवजी की कृपा से पूरे साल सपरिवार खुशहाल रहेंगे। आइए जानते हैं सावन सोमवार पर पूजा के लिए शुभ मुहूर्त और द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्र के बारे में।

द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्र

सौराष्ट्रदेशे विशदेऽतिरम्ये ज्योतिर्मयं चन्द्रकलावतंसम् ।
भक्तिप्रदानाय कृपावतीर्णं तं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये ॥1

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श्रीशैलशृङ्गे विबुधातिसङ्गे तुलाद्रितुङ्गेऽपि मुदा वसन्तम् ।
तमर्जुनं मल्लिकपूर्वमेकं नमामि संसारसमुद्रसेतुम् ॥2

अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम् ।
अकालमृत्योः परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम् ॥3

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कावेरिकानर्मदयोः पवित्रे समागमे सज्जनतारणाय ।
सदैवमान्धातृपुरे वसन्तमोङ्कारमीशं शिवमेकमीडे ॥4

पूर्वोत्तरे प्रज्वलिकानिधाने सदा वसन्तं गिरिजासमेतम् ।
सुरासुराराधितपादपद्मं श्रीवैद्यनाथं तमहं नमामि ॥5

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याम्ये सदङ्गे नगरेऽतिरम्ये विभूषिताङ्गं विविधैश्च भोगैः ।
सद्भक्तिमुक्तिप्रदमीशमेकं श्रीनागनाथं शरणं प्रपद्ये ॥6

महाद्रिपार्श्वे च तटे रमन्तं सम्पूज्यमानं सततं मुनीन्द्रैः ।
सुरासुरैर्यक्ष महोरगाढ्यैः केदारमीशं शिवमेकमीडे ॥7

सह्याद्रिशीर्षे विमले वसन्तं गोदावरितीरपवित्रदेशे ।
यद्धर्शनात्पातकमाशु नाशं प्रयाति तं त्र्यम्बकमीशमीडे ॥8

सुताम्रपर्णीजलराशियोगे निबध्य सेतुं विशिखैरसंख्यैः ।
श्रीरामचन्द्रेण समर्पितं तं रामेश्वराख्यं नियतं नमामि ॥9

यं डाकिनिशाकिनिकासमाजे निषेव्यमाणं पिशिताशनैश्च ।
सदैव भीमादिपदप्रसिद्दं तं शङ्करं भक्तहितं नमामि ॥10

सानन्दमानन्दवने वसन्तमानन्दकन्दं हतपापवृन्दम् ।
वाराणसीनाथमनाथनाथं श्रीविश्वनाथं शरणं प्रपद्ये ॥11

इलापुरे रम्यविशालकेऽस्मिन् समुल्लसन्तं च जगद्वरेण्यम् ।
वन्दे महोदारतरस्वभावं घृष्णेश्वराख्यं शरणम् प्रपद्ये ॥12

ज्योतिर्मयद्वादशलिङ्गकानां शिवात्मनां प्रोक्तमिदं क्रमेण ।
स्तोत्रं पठित्वा मनुजोऽतिभक्त्या फलं तदालोक्य निजं भजेच्च ॥13

॥ इति द्वादश ज्योतिर्लिङ्गस्तोत्रं संपूर्णम् ॥

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

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Edited By

Dipesh Thakur

First published on: Aug 28, 2023 09:25 AM

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