Rudraksha Rules for Non Vegetarian: हिंदू धर्म शास्त्रों में रुद्राक्ष को भगवान शिव का अंश माना गया है। मान्यता है कि इसमें एक विशेष प्रकार की ऊर्जा पाई जाती है, जो कि धारण करने वालों में विशेष शक्ति का संचार करती है। जानकार तो रुद्राक्ष की विशेषताओं के बारेमें ऐसा बताते हैं कि इसको धारण करने से दिल की बीमारी का खतरा कम हो जाता है। इसके अलावा रुद्राक्ष मन-मस्तिष्क में आध्यात्मिक शक्ति का भी संचार करने में भी सहायक होता है। कुछ लोग ऐसा भी मानते हैं कि रुद्राक्ष को धारण करने से शिव जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
रुद्राक्ष की विशेषताओं को जानकर अधिकांश लोग इसकी माला धारण करते हैं। हालांकि कई बार ऐसा देखा जाता है कि जो लोग मांस-मदिरा का सेवन करते हैं, वे भी रुद्राक्ष की माला दूसरों की देखादेखी पहन लेते हैं। जो कि रुद्राक्ष की माला के नियम के विपरीत है। ऐसे में आइए जानते हैं कि क्या मांस-मछली और मदिरा का सेवन करने वालों को रुद्राक्ष धारण करना चाहिए या नहीं। साथ ही इससे धारण करने वालों को किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
नॉनवेज खाने वालों के लिए रुद्राक्ष से जुड़े नियम
रुद्राक्ष धारण करने के विषय में ज्योतिषी पं. धनंजय पांडेय बताते हैं कि नॉनवेज खाने वाले भी पंचमुखी रुद्राक्ष का धारण कर सकते हैं। हालांकि ऐसे लोगों को इससे जुड़े नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए। दरअसल जो लोग नॉनवेज या मदीरा का सेवन करते हैं, उन्हें ऐसा करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि रुद्राक्ष शरीर के किसी भी अंग में धारण किए न हो। दरअसल ऐसा करने से रुद्राक्ष की पवित्रता भंग हो जाएगी और इसका विपरीत असर देखने को मिल सकता है। ऐसे में अगर आप मांस-मदिरा का सेवन करते हैं तो रुद्राक्ष से जुड़े नियमों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
शरीर के किन अंगों में कर सकते हैं रुद्राक्ष का धारण
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, रुद्राक्ष को गले, कलाई, और हृदय पर धारण कर सकते हैं। इनमें से सबस शुभ रुद्राक्ष को गले में धारण करना है। जानकारों के अनुसार, रुद्राक्ष को स्नान और शिवजी की पूजा के बाद ही धारण करना चाहिए, क्योंकि इस विधि से धारण करने पर ही इसकी सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
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सोते समय और श्मशान घाट में न पहने रुदाक्ष
धार्म शास्त्र के जानकार पं. धनंजय पाण्डेय के अनुसार, रुद्राक्ष धारण करने वाले जातकों को सोते समय रुद्राक्ष की माला को उतार देना चाहिए। हालांकि सोते समय उतारकर इसे तकिए के नीचे रख सकते हैं। इससे नींद अच्छी आती है और बुरे स्वप्न आने का भी डर नहीं रहता। इसके अलावा रुद्राक्ष को धारण करके कभी भी श्मशान नहीं जाना चाहिए या किसी की अंत्येष्टि संस्कार में शामिल नहीं होना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे रुद्राक्ष की पवित्रता भंग हो जाती है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।