Rudraksha ko Siddh Kaise Karen: रुद्राक्ष को भगवान शिव का अंश कहा गया है। धार्मिक मान्यता है कि रुद्राक्ष पहनने से शिवजी की कृपा प्राप्त होती है। हलांकि रुद्राक्ष पहनना के फायदा तभी मिलता है, जब इसकी पवित्रता का ध्यान रखा जाए। शास्त्रों में रुद्राक्ष से जुड़े कई नियम बताए गए हैं। रुद्राक्ष कब पहनना चाहिए या कब नहीं, इस बारे में भी बताया गया है। कहा जाता है कि रुद्राक्ष पहनने वालों को नॉनवेज नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इससे रुद्राक्ष अपवित्र हो जाता है। रुद्राक्ष पहनकर उस स्थान पर नहीं जाना चाहिए जहां नवजात के साथ उसकी मां हो। इसके अलावा गर्भवती महिला को भी रुद्राक्ष धारण करने से मना किया जाता है। इतना ही नहीं, किसी सूतक काल के दौरान भी रुद्राक्ष धारण नहीं किया जाता है। ये तो हुई से जुड़ी खास बातें, अब आगे जानते हैं कि रुद्राक्ष को कैसे सिद्ध किया जाता है और इसके लिए सही विधि क्या है।
रुद्राक्ष को कैसे करें सिद्ध
रुद्राक्ष को सिद्ध करने के लिए सबसे पहले 108 बेलपत्र लें। इसके बाद एक-एक कर बेलपत्र की बीच वाली पत्ती पर चंदन से ओम् नमः शिवाय लिखें। पहले 5 बेलपत्र नीचे रखें फिर उसके ऊपर जिस रुद्राक्ष को सिद्ध करना हो उसे रखें। उसके बाद बाकी के 108 बेलपत्र ओम् नमः शिवाय बोलते हुए रखते जाएं। पांच दिन तक बेलपत्र को उसी तरह रखे रहने दें। पांच दिन तक ध्यान यह रखना है कि रोजाना बेलपत्र को कपूर की आरती करें। फिर उसके बाद छठे दिन सारे बेलपत्र उठाकर किसी पवित्र नदी में बहा दें और रुद्राक्ष को उठाकर ओम् नमः शिवाय बोलते हुए गले में धारण कर लें।
यह भी पढ़ें:
रखें ये सावधानियां
धर्म शास्त्रों के जानकार बताते हैं कि अगर रुद्राक्ष से जुड़े नियमों का पालन नहीं किया जाता है तो उसका उल्टा असर भी देखने को मिल सकता है। जो लोग नियमित रूप से रुद्राक्ष पहनते हैं, उन्हें रात को सोते समय उतारकर तकिए के नीचे रखना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से बुरे सपने नहीं आते उन्हें इसके राहत मिलती है। साथ ही मन शांत और प्रसन्न रहता है।
https://www.youtube.com/shorts/XIEjVqNOf24
डिस्क्लेमर:यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।