Ramadan 2023: इस्लाम में पवित्र माने जाना वाला रमजान का महीना शुक्रवार से आरंभ हो गया है। इस पूरे महीने में मुस्लिम धर्मावलंबी रोजा रखेंगे तथा शाम को इफ्तार के बाद रोजा खोलेंगे। रमजान के बाद चांद दिखने पर ईद का पर्व मनाया जाएगा।
क्यों खास है रमजान का महीना
इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार इस माह में पैगंबर मोहम्मद को अल्लाह ने कुरान की आयतों का ज्ञान दिया था। इन कुरान की आयतों को उन्होंने मनुष्य जाति को बताया तथा बाद में इसे एक किताब का रूप दिया गया। यही कारण है कि रमजान को पवित्र माना जाता है।
रमजान में सभी मुस्लिम रोजा रखते हैं। सुबह सहरी के साथ ही रोजा आरंभ होता है और शाम को इफ्तार के बाद रोजा खोला जाता है। पूरे महीने के दौरान सभी लोग नियम से नमाज पढ़ते हैं तथा कुरान में बताए गए सभी धार्मिक नियमों का पालन करते हैं।
क्या है सहरी और रोजा (Ramadan 2023)
इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार रमजान में सुबह सूर्योदय के पूर्व भोजन करने को ही सहरी कहा जाता है। सुबह सूरज निकलने के साथ ही फज्र की अजान दी जाती है। इस अजान के साथ ही सहरी का समय खत्म होता है और रोजा आरंभ होता है।
इसी प्रकार शाम को सूर्यास्त के बाद मगरिब की अजान होती है। इसके बाद खजूर खाकर रोजा खोला जाता है। इस प्रकार इफ्तार से सहरी के बीच के रात के समय में कुछ भी खाया जा सकता है। परन्तु सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच पानी की एक बूंद भी नहीं पी सकते हैं।
रमजान में रखा जाता है इन नियमों का ध्यान
- इस पवित्र माह में सभी रोजेदारों के लिए पांच वक्त की नमाज अनिवार्य की गई है।
- ईद से पहले सभी मुस्लिम धर्मावलंबियों को जकात (या दान) देना अनिवार्य है। जकात का अर्थ है कि रोजेदार अपनी कमाई का कुछ हिस्सा धर्म और समाज की भलाई के लिए दान देते हैं।
- पूरे महीने के दौरान कुरान में बताई गई सभी बातों का सही तरह से पालन करना जरूरी होता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।