Breakup In Astrology: ज्योतिष शास्त्र से व्यक्ति की लाइफ के बारे में बहुत कुछ जाना जा सकता है। यश, वैभव, धन, प्यार और सुख-समृद्धि सभी कुछ ग्रहों के शुभ प्रभाव से आती है। किसी-किसी की कुंडली में कुछ ऐसे भी ग्रह होते हैं, जिनके अशुभ प्रभाव के कारण व्यक्ति को जीवनभर प्रेम नहीं मिल पाता है।
ज्योतिष के अनुसार, प्यार के मामलों में ग्रहों, राशियों और नक्षत्रों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ग्रहों, राशियों और नक्षत्रों की शुभ-अशुभ प्रकृति, दृष्टि, स्थिति और योग के कारण प्यार में बेवफाई का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं कि कौन से योग और ग्रह प्यार में धोखे के लिए जिम्मेदार होते हैं।
शनि का नकारात्मक असर
शनि अगर पांचवें भाव (लव रिलेशनशिप का घर) और सप्तम भाव (शादी का घर) पर दृष्टि डालता है,
तो व्यक्ति का रिलेशनशिप धीरे-धीरे ठंडा, खिंचा-खिंचा, और दूरी वाला हो जाता है। शनि व्यक्ति को ज्यादा सोचने वाला, इमोशन्स को दबाने वाला और संकोची बना देता है, जिससे प्यार में स्पार्क खत्म हो जाता है।
राहु और केतु की स्थिति
- राहु प्यार को भ्रम और लालच में बदल सकता है। अगर यह 5वें भाव में हो, तो व्यक्ति बार-बार धोखा खा सकता है। केतु इमोशन्स को काट देता है। केतु अगर 5वें या 7वें भाव में हो, तो व्यक्ति को प्यार मिलता ही नहीं है या मिलता है, तो उसका मन नहीं लगता है।
- कुंडली के पंचम और सप्तम भाव के स्वामी ग्रह यानि पंचमेश और सप्तमेश जब कुंडली में कमजोर होते हैं, तो प्यार में सफलता नहीं मिलती है। ऐसा होने पर पति-पत्नी का तलाक भी हो सकता है। पंचम और सप्तम भाव में जो भी राशि लिखी होती है, उस राशि के स्वामी को उस भाव का स्वामी कहा जाता है।
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब राहु, मंगल, सूर्य और शनि ग्रह अपनी नीच राशि में होते हैं और वहीं से पंचम या सप्तम भाव में दृष्टि डालते हैं तो प्यार कभी भी पूरा नहीं होता है।
- चंद्रमा के राहु या केतु की युति के कारण भी लव लाइफ में प्रॉब्लम्स आती है। चंद्रमा मन का कारक है, उसके कमजोर होने से लवर्स के बीच बात-बात झगड़ा होता है और ब्रेकअप तक हो जाता है।
राहु और केतु की महादशा
ज्योतिष में राहु और केतु को अलगाव का ग्रह माना गया है। राहु और केतु की महादशा में व्यक्ति के धैर्य और सहनशीलता खत्म होने लगती है। उसे किसी भी रिश्ते में बंधने से भय लगता है। इसकी वजह से लव लाइफ में अस्थिरता आती है। माना जाता है कि अधिकांश ब्रेकअप राहु की महादशा में ही होते हैं। वहीं, केतु की महादशा में व्यक्ति तलाक के साथ ही कानूनी पचड़ों में भी फंस जाता है।
इन योगों से भी व्यक्ति होता है प्यार में असफल
5वें भावव का स्वामी 6,8,12वें भाव में चला जाए। 5वें भाव में राहु, केतु, शनि या सूर्य हो तो भी व्यक्ति को प्यार नहीं मिलता है। 5वें भाव में राहु, केतु, शनि या सूर्य हों तो भी व्यक्ति का प्रेम असफल हो जाता है। शुक्र और चंद्रमा दोनों ही पीड़ित हों। 5वां और 7वां भाव आपस में संबंध न बना पाएं तो भी प्यार नहीं मिल पाता है। दूसरे, पांचवें और 11वें भाव में क्रूर ग्रहों का प्रभाव हो तो भी प्रेम में बेवफाई देखने को मिलती है।
मंगल का प्रभाव
अगर जन्मकुंडली में मंगल 5वें, 7वें या 8वें भाव में बैठा हो तो रिलेशनशिप में अहंकार, लड़ाई-झगड़ा या वर्चस्व की भावना आ जाती है।
करें ये उपाय
- रोज सुबह ‘राधे कृष्ण’ का स्मरण करें, उनका फोटो अपने कमरे में रखें। शुक्रवार को गुलाब के फूल चढ़ाएं और मीठा भोग लगाएं।
- अगर कुंडली में राहु-केतु प्यार में धोखा या भ्रम का कारण बन रहे हों तो
शनिवार को पीपल के पेड़ पर सरसों का तेल चढ़ाएं। ‘ॐ राम राहवे नमः’ और ‘ॐ कें केतवे नमः’ का जाप करें। - हर सोमवार ‘ॐ चं चंद्राय नमः’ का 108 बार जाप करें। हर शुक्रवार ‘ॐ शुक्राय नमः’ का जाप करें और सफेद चीजें दान करें। चंद्रमा को शांत रखने के लिए रोजाना रात को एक ग्लास पानी में थोड़ा सा दूध मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य दें।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्रों की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
ये भी पढ़ें- Rahu-Ketu Gochar 2025: 18 मई से इन 7 राशि वाले होने वाले हैं मालामाल, राहु-केतु बदलने जा रहे हैं चाल!