Prayashchit Puja Before Ram Mandir Inauguration: प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में आज प्रायश्चित पूजा हो रही है। यह पूजा 22 जनवरी को होने वाली प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा से पहले हो रही है। राम की नगरी में प्रायश्चित पूजा के लेकर प्रत्येक राम भक्त यह जानना चाह रहा है कि आखिर ऐसा क्यों? जब प्रभु राम कण-कण में विराजमान हैं तो फिर प्रायश्चित पूजा की जरूरत ही क्या? राम मंदिर परिसर में होने वाले इस प्रायश्चित पूजा के बारे में विस्तार से जानते हैं।
प्रायश्चित पूजा क्या होती है?
सनातन धर्म शास्त्रों के अनुसार, प्रायश्चित पूजा तब की जाती है जब मनुष्य से जाने-अनजाने में कोई गलती या भूल हो जाती है। कहतें है कि प्रभु श्रीराम ने भी रावण का वध करने के बाद रामेश्वर में प्रायश्चित के निमित्त पूजा की थी। उस उस समय प्रभु श्रीराम ने रामेश्वरम में ब्रह्म हत्या दोष के प्रायश्चित के लिए शिव जी की पूजा-अर्चना की थी।
उस वक्त उनके साथ सीता माता भी थीं। सनानत धर्म की मान्यता के अनुसार, हर अगर भूल से किसी जीव-जन्तु की मृत्यु हो जाती है, तो इसके लिए प्रायश्चित पूजा का विधान है। इस पूजा में नवग्रह समेत सभी देवी-देवताओं की पूजा अर्चना की जाती है। साथ ही पूजन की समाप्ति के बाद हवन किया जाता है।
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इस वजह से हो रही है प्रायश्चित पूजा
आम लोगों के मन में सवाल है कि आखिर राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले प्रायश्चित पूजा क्यों हो रही है। इस संबंध में पं. वैद्यनाथ झा ने बताया कि राम मंदिर के संबंध में प्राण प्रतिष्ठा से पहले प्रायश्चित पूजा जरूरी है।
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ऐसा इसलिए क्योंकि भूमि पूजन के दौरान गड्ढा खोदने के दौरान हो सकता ही जीव-जंतु की मृत्यु हो गई हो। ऐसा भी संभव है कि मंदिर निर्माण के दौरान पेड़-पौधे भी नष्ट हुए हों। ऐसे में इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखकर आयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा से पहले प्रायश्चित पूजा हो रही है। सनातन धर्म में प्रायश्चित का विधान है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।