---विज्ञापन---

सीता माता का यह मंदिर महिलाओं के लिए खास, मिलता है अखंड सौभाग्य का वरदान!

Janki Mandir Sindoor: जहां भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह हुआ था, उस मंडप का सिंदूर लगाने के लिए महिलाएं दूर-दूर से आती हैं। मान्यता है कि यहां का सिंदूर लगाने से पति की उम्र लंबी होती है।

Edited By : Dipesh Thakur | Updated: Jan 14, 2024 12:32
Share :
Janki Mandir Sindoor
जानकी मंदिर के सिंदूर का महत्व।

Janki Mandir Nepal History and Importance: माता सीता से जुड़े देश-विदेश में कई मंदिर हैं। लेकिन, एक मंदिर ऐसा है जिससे जुड़ी मान्यता महिलाओं के लिए बेहद खास है। कहा जाता है कि इस मंदिर का सिंदूर लगाने से दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है। साथ ही अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है। यही वजह है कि इस मंदिर में दर्शन और पूजन के लिए दूर-दूर से भक्त पहुंचते हैं। मां जानकी के इस मंदिर के बारे में विस्तार से जानिए।

कहां है सीता माता मंदिर?

माता सीता का यह मंदिर पड़ोसी देश नेपाल में स्थित है। यह मंदिर नेपाल की राजधानी से तकरीबन 400 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जनकपुर धाम में है। सनातन धर्म में विश्वास रहने वालों के लिए यह मंदिर आस्था का अटूट केंद्र है। कहा जाता है कि इस मंदिर का नाम सीता माता के पिता (राजा जनक) के नाम पर रखा गया। जनकपुर, कभी मिथिला की राजधानी हुआ करती थी। माता सीता का यह मंदिर 4860 वर्गफीट में फैला हुआ है।

---विज्ञापन---

किसने करवाया था मंदिर का निर्माण?

नेपाल के जानकी मंदिर का निर्माण रानी वृषभानू कुमारी ने करवाया था। कहा जाता है कि इस मंदिर के निर्माण में 9 लाख रुपये लगे थे। यही वजह कि इस मंदिर को ‘नौलखा मंदिर’ के अन्य नाम से जाना जाता है। मंदिर का इतिहास बताता है कि साल 1657 में यहां पर सीता माता की सोने की मूर्ति लगी थी।

अखंड सौभाग्य से जुड़ी क्या है मान्यता?

मां जानकी के इस मंदिर में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते हैं। जानकी मंदिर के पास ही वह पवित्र स्थान भी है जहां प्रभु श्रीराम और माता सीता का स्वयंवर (विवाह) हुआ था। श्रीराम और माता के विवाह मंडप के दर्शन के लिए ही भक्तों का तांता लगा रहता है। इस विवाह मंडल के बारे में मान्यता है कि जो महिला यहां दर्शन करती हैं, उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यानी उनके पति की उम्र लंबी होती है। इसी विवाह मंडप का सिंदूर लेकर महिलाएं अपनी मांग (सिंदूर लगाने की जगह) में लगाती हैं।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें: Ram Katha : विभीषण के अलावा लंका के एक खास व्यक्ति ने भी की थी श्रीराम की मदद, पढ़ें पूरी रोचक स्टोरी

यह भी पढ़ें: Ram Mandir Inauguration : कौन हैं चार शंकराचार्य, अयोध्या मंदिर को लेकर जिनके नाम पर हो रही चर्चा

डिस्क्लेमर:यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

HISTORY

Edited By

Dipesh Thakur

First published on: Jan 14, 2024 12:29 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें