Palmistry: हस्तरेखा ऐसा शास्त्र है जिसमें हथेली की रेखाओं को देखकर उसके बारे में सब कुछ बताया जा सकता है। जी हां हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, हथेली में कई प्रकार की रेखाएं होती हैं उनकी अपनी–अपनी विशेषताएं हैं। बता दें कि हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार, आज इस खबर में जानेंगे कि हथेली में कितने प्रकार की रेखाएं होती हैं। साथ ही किसका क्या महत्व होता है।
हस्त रेखा विज्ञान के अनुसार, हाथ की रेखाएं समय-समय पर बदलती रहती हैं। निश्चित नहीं है कि जो रेखा इस समय आपकी हथेली में मौजूद है वह हमेशा के लिए भी रहेगी। हस्त रेखा शास्त्र के अनुसार, हाथ की रेखाओं में प्रेम, धन, वैवाहिक जीवन आदि से संबंधित सभी प्रकार की रेखाएं मौजूद होती हैं। हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, हथेली की सभी रेखाएं शुभ फल नहीं देती हैं कुछ ऐसी भी रेखाएं होती हैं जिनका कोई मायने भी नहीं होता है, तो कुछ रेखाएं शुभ फल भी प्रदान करती हैं।
हथेली में कितनी होती हैं रेखाएं
हस्त रेखा शास्त्र के अनुसार, हाथ में कई प्रकार की रेखाएं मौजूद होती हैं, लेकिन मुख्य रूप से 7 रेखाएं होती हैं। इसके बारे में हस्त रेखा विज्ञान में विस्तार से बताया गया है। तो आइए उन रेखाओं के बारे में एक-एक करके जानते हैं।
हृदय रेखा
हस्त रेखा शास्त्र के अनुसार, हृदय रेखा छोटी उंगली यानी कनिष्ठा के नीचे से शुरू होती है और हाथ के नीचे की ओर जाती है। इस लाइन को हृदय रेखा कहा जाता है। इस रेखा को जानने से भविष्य के बारे पता चलता है।
मस्तिष्क रेखा
हस्त रेखा शास्त्र के अनुसार, मस्तिष्क रेखा व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता को बताती है। एक तरह से मस्तिष्क रेखा को बुद्धि रेखा भी कहते हैं। यह रेखा तर्जनी उंगली और अंगूठे के बीच से होकर जाती है।
जीवन रेखा
हस्तरेखा शास्त्र में हथेली की सबसे महत्वपूर्ण रेखा जीवन रेखा को माना गया है। जीवन रेखा इंडेक्स फिंगर और अंगूठे के बीच से होकर अंगूठे के निचले हिस्से तक जाती है साथ ही कलाई को स्पर्श करती है। इस रेखा से जीवन में होने वाली महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में जान सकते हैं।
शनि रेखा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जो रेखा हाथ के मध्य भाग से शुरू होकर शनि पर्वत तक जाती है। उस रेखा को शनि रेखा कहते हैं। मान्यता है कि जिन व्यक्ति की हथेली में शनि रेखा स्पष्ट, गहरी और अखंड होता है वह बेहद शुभ माना जाता है। इस रेखा को भाग्य रेखा भी कहते हैं।
सूर्य रेखा
हथेली की अनामिका उंगली के नीचे से जो रेखा निकलती है और हृदय रेखा तक जाती है उसे सूर्य रेखा कहते हैं। हथेली में इस रेखा के होने से व्यक्ति को सरकारी नौकरी, पद-प्रतिष्ठा और मान-सम्मान मिलता है।
बुध रेखा
हस्त रेखा शास्त्र के अनुसार, बुध रेखा हथेली में किसी भी स्थान से निकल जाती है। मान्यता है कि बुध रेखा की स्थिति सबसे बेहतर तब मानी जाती है जब वह भाग्य रेखा और जीवन रेखा से जितनी दूर रहे उतना ही शुभ फलदायी होती है। मान्यता है कि बुध रेखा का अंत कनिष्ठिका अंगुली पर होता है।
शुक्र रेखा
हस्त रेखा शास्त्र के अनुसार, मणिबंध और अंगूठे के निचले हिस्से में शुक्र पर्वत हता है। वहीं जिन लोगों के हाथ में यह स्थान पूरी तरह से उठा और विकसित हुआ रहता है वह व्यक्ति आकर्षक और धनवान होता है। ऐसे लोग भौतिक सुख-सुविधाओं को प्राप्त करते हैं।
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