डॉ. रीना रवि मालपानी: आज नवरात्रि (Navratri 2022) का 9वां और अंतिम दिन है। नवरात्रि के अंतिम पड़ाव में हम मां सिद्धिदात्री का स्मरण करते हैं। जैसा की मां के नाम से ही विदित होता है कि वह सम्पूर्ण सिद्धियां प्रदान कर भक्त का मनोरथ पूर्ण करने वाली हैं। जो लोग पूर्ण समर्पण से मां की आराधना करते है वे मां में और मां उनमें स्थित हो जाती हैं।
मां की पूर्ण कृपा प्राप्ति के लिए हमें अन्तःकरण की शुद्धता एवं विद्याओं को ग्रहण करने की आवश्यकता होती है। देवी भागवत पुराण के अनुसार महादेव ने भी मां से ही सिद्धियां प्राप्त की है, इसलिए भगवान शंकर का एक स्वरूप अर्धनारीश्वर है। नवमी के दिवस कई भक्त सिद्धि प्राप्ति के लिए पूर्ण विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते है।
अभी पढ़ें – नवरात्रि के 9वें दिन आज ऐसे करें पूजा, मां सिद्धिदात्री देंगी सफलता का वरदान
मां का यह स्वरूप सिंह पर विराजित है। मां चतुर्भुज रूप में सुशोभित दिखाई देती है। गतिवान होनें पर मां सिंह और अचला स्वरूप में कमलपुष्प के आसन पर विराजती है। मां के हस्त में चक्र, गदा, शंख एवं कमलपुष्प दिखाई देता है। यदि नवरात्रि के अंतिम दिवस भी पूर्ण एकाग्रता एवं निष्ठा से मां की आराधना की जाए तो भी भक्त को निश्चित ही सिद्धियां प्राप्त हो सकती है।
इस संसार में कोई भी कार्य असंभव नहीं है। देवी की आराधना तो ब्रह्मांड में भी विजय प्राप्ति का मार्ग अग्रसर करती है। नवरात्रि के प्रथम दिवस हमनें दृढ़ता, द्वितीय दिवस सद्चरित्रता, तृतीय दिवस मन की एकाग्रता, चतुर्थ दिवस असीमित ऊर्जाप्रवाह व तेज, पंचम दिवस वात्सल्य एवं प्रेम, छठवे दिवस अपने भीतर की आसुरी प्रवृत्तियों का नाश, सप्तम दिवस मृत्यु के भय से मुक्ति, अष्टम दिवस अमोघ शक्ति एवं सुख-संपत्ति तथा नवम दिवस हमनें सभी प्रकार की सिद्धियां प्राप्त की है।
अभी पढ़ें – इनका रिश्ता होगा मजबूती, सभी मूलांक वाले यहां जानें आज का अपना अपना राशिफल
नवरात्रि के नौ दिन की उपासना भक्त के मन को निर्मल, अन्तःकरण को पवित्र, अन्तर्मन में निहित बुराइयों का नाश, सकारात्मक ऊर्जा की तीव्रता एवं तेज प्रदान करती है। जो भी माँ भगवती का परम सानिध्य करता है उसकी कोई इच्छा शेष नहीं रह जाती है। वे मानसिक स्तर की उच्चता को भी प्राप्त करते है। माँ की कृपा उन्हें अलौकिक आनंद की अनुभूति कराती है।
अभी पढ़ें – आज का राशिफल यहाँ पढ़ें