Navratri 2022: इन दिनों श्राद्ध पक्ष यानी पितृ पक्ष चल रहा है। 25 सितंबर को पितृ पक्ष समापन होगा और इसके अगले दिन से यानी 26 सितंबर से नवरत्रि शुरू हो जाएगी। अश्विन मास के कृष्ण पक्ष में शारदीय नवरात्रि आरंभ होते हैं। इस बार शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर से शुरू होकर 5 अक्टूबर को विजय दशमी के दिन समाप्त होंगे।
हिंदू पंचांग के मुताबिक सालभर में कुल चार नवरात्रि आते हैं। इनमें दो गुप्त नवरात्रि, एक चैत्र नवरात्रि और एक शारदीय नवरात्रि शामिल है। सभी नवरात्रि में शारदीय और चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। नवरात्रि के दिनों में देवी दुर्गा हिमालय से पृथ्वी लोक में आती हैं और अपने भक्तों के घरों में 9 दिनों के लिए विराजमान होती हैं।
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नवरात्रि के 9 दिनों में देवी दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-आराधना होती है। मां दुर्गा के भक्त इन नौ दिनों में उपवास रखते हुए मां शक्ति की साधना करते हैं। नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान मां दुर्गा अपने भक्तों पर विशेष कृपा रखती हैं। शास्त्रों में मां दुर्गा के नौ रूपों का बखान किया गया है। नवरात्र के दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करने से विशेष पुण्य मिलता है। मान्यता है कि मां दुर्गा अपने भक्तों के हर कष्ट हर लेती हैं।
धार्मिक मान्यता के अनुसार इन नौ दिनों तक मातारानी पृथ्वी पर आती हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं और उनके दुखों को हर लेती हैं। नवरात्रि का हर दिन मां के विशिष्ट स्वरूप को समर्पित होता है, और हर स्वरूप की अलग महिमा होती है। आदिशक्ति जगदम्बा के हर स्वरूप से अलग-अलग मनोरथ पूर्ण होते हैं। यह पर्व नारी शक्ति की आराधना का पर्व है। नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री माता की पूजा अर्चना की जाती है।
मान्यता है कि इन दिनों में मां की भक्ति-भाव से पूजा-अर्चना करने से वे अपने भक्तों से प्रसन्न हो जाती हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं। इतना ही नहीं, ये नौ दिन सभी भक्तिमय रंग में रंग जाते हैं। मां को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखे जाते हैं।
शारदीय नवरात्रि में इस बार दो बेहद शुभ संयोग में पधार रही हैं। शुक्ल योग 25 सितंबर को सुबह 09.06 से नवरात्रि के पहले दिन यानी 26 सितंबर को सुबह 08.06 बजे तक रहेगा। जबकि 26 सितंबर 2022 को सुबह 08.06 से ब्रह्म योग बन रहा है जो अगले दिन 27 सितंबर को सुबह 06.44 तक रहेगा।
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प्रतिपदा तिथि घटस्थापना शुभ मुहूर्त
घटस्थापना मुहूर्त सुबह का मुहूर्त – सुबह 6 बजकर 17 मिनट से 7 बजकर 55 मिनट तक
दोपहर का मुहूर्त- 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 42 मिनट तक।
शारदीय नवरात्रि 2022 तिथियां
26 सितंबर (पहला दिन)- मां शैलपुत्री की पूजा
27 सितंबर (दूसरा दिन)- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
28 सितंबर (तीसरा दिन)- मां चंद्रघंटा की पूजा
29 सितंबर (चौथा दिन)- मां कुष्मांडा की पूजा
30 सितंबर (पांचवां दिन)- मां स्कंदमाता की पूजा
1 अक्टूबर (छठवां दिन)- मां कात्यायनी की पूजा
2 अक्टूबर (सातवां दिन)- मां कालरात्रि की पूजा
3 अक्टूबर (आठवां दिन)- मां महागौरी की पूजा
4 अक्टूबर- (नवां दिन)- मां सिद्धिदात्री की पूजा
5 अक्टूबर- दशमी तिथि- (व्रत पारण), नवरात्रि दुर्गा विसर्जन, विजयादशमी या दशहरा
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