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दुन‍िया की सबसे लंबी और ऊंची यात्रा, भेड़ के ब‍िना अधूरा रह जाता है यह ‘कुंभ’

Nanda Devi Yatra Details: नंदा देवी यात्रा को कुंभ कहा जाता है। मान्यता है कि प्रत्येक 12 साल पर मां नंदा ससुराल जाती हैं। इस धार्मिक यात्रा में सबसे ऊंची चढ़ाई करनी पड़ती है।

Edited By : Dipesh Thakur | Updated: Apr 24, 2024 20:14
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Nanda Devi Yatra
नंदा देवी यात्रा।

Nanda Devi Yatra Details in Hindi: उत्तराखंड में अनेक धार्मिक धार्मिक स्थल हैं। प्रत्येक धार्मिक स्थल से जुड़ी कुछ ना कुछ मान्यताएं हैं। उत्तराखंड का नंदा देवी यात्रा से जुड़ी मान्यताएं खास हैं। मान्यतानुसार नंदा देवी की यात्रा 12 वर्षों में एक बार होती है। इस यात्रा को हिमालय का महाकुंभ कहा जाता है। आइए जानते हैं नंदा देवी यात्रा से जुड़ी अहम जानकारियां।

चार सींग वाला भेड़

नंदा देवी यात्रा‘ दुनिया की सबसे लंबी पैदल यात्रा है। इस धार्मिक यात्रा में 2.80 किलोमीटर की चढ़ाई करनी पड़ती है। यह यात्रा हर 12 साल पर निकाली जाती है। उत्तराखंड के चमोली जिले से निकाली जाने वाली इस यात्रा का मुख्य केंद्र ‘चार सींग वाला भेड़’ होता है। मान्यतानुसार, जब उत्तराखंड में चार सींग वाला भेड़ पैदा होता है तब यह यात्रा शुरू होती है। इसके अलावा मान्यता यह भी है कि तब तक नंदा देवी की यात्रा शुरू नहीं होती है, जब तक गांव में शेर आता रहता है। जैसे ही गांव में शेर का आना बंद होता है, यात्रा शुरू हो जाती है।

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मां नंदा जाती हैं ससुराल

परंपरा के अनुसार, नंदा देवी यात्रा से जुड़ी एक मान्यता यह भी है कि इसमें मां नंदा (भगवान शिव की पत्नी) को कैलाश यानी ससुराल भेजा जाता है। कैलाश को भगवान शिव का का घर यानी निवास स्थान माना गया है। कहा जाता है कि किसी समय माता नंदा मायके आई थीं। मगर, कुछ वजहों से 12 साल तक ससुराल न सा सकीं। जिसके बाद उन्हें डोली में बिठाकर आदर से ससुराल भेजा गया।

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अगली नंदा देवी की यात्रा कब होगी?

नंदा देव की यात्रा अब तक 10 बार हो चुकी हैं। हिमालय क्षेत्र का यह महाकुंभ साल 1843, 1863, 1886, 1905, 1925, 1951, 1968, 1987, 2000 और 2014 हो चुकी है। नंदा देवी की अगली यात्रा 2026 में होगी।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धर्मग्रंथों पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

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Written By

Dipesh Thakur

Edited By

rahul solanki

First published on: Jan 15, 2024 01:44 PM

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