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दिल्ली में कहां है सबसे प्रसिद्ध शिव मंदिर? कैसे जाएं और कैसे करें पूजा-अर्चना

Most Famous Shiva Temple in Delhi: भारत में कई प्रसिद्ध शिव मंदिर हैं, जिनमें से एक फेमस मंदिर के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं, जहां गौरी शंकर एक साथ विराजमान हैं, आइए दिल्ली के सबसे प्रसिद्ध शिव मंदिर के बारे में विस्तार से जानते हैं।

Author Edited By : Simran Singh Updated: Feb 29, 2024 17:31
Most Famous Shiva Temple in Delhi India
दिल्ली का प्रसिद्ध शिव मंदिर

Most Famous Shiva Temple in Delhi: भगवान शिव की महिमा अपरंपार है और जहां जोड़े स्वरूप शंकर और पार्वती बैठे हो वहां जाकर दर्शन करना अपना भाग्य चमकाने के समान है। भारत में कई जगह हैं जहां शिव जी के मंदिर हैं और सभी अपनी-अपनी मान्यता के चलते लोगों के बीच जाने जाते हैं। इनमें से एक शिव मंदिर दिल्ली में स्थिति है, जहां हर सोमवार आपको इतनी ज्यादा भीड़ देखने को मिल सकती है कि मानों सावन का महीना या महा शिवरात्रि हो।

हालांकि, पवित्र शिव महीने यानी सावन माह और शिव-पार्वती की खासतौर पर पूजा की जाने वाले दिन महाशिवरात्रि पर दिल्ली के इस मशहूर मंदिर में जाने के लिए बाहर गेट से कई किलोमीटर दूर तक लंबी लाइन लगी रहती है। 800 वर्ष पुराना दिल्ली का प्रसिद्ध शिव-पार्वती मंदिर कहां स्थित है? कितना पुराना है? मान्यता क्या है? किसने निर्माण करवाया है और पूजा-अर्चना कैसे की जाती है? आइए इन सभी सवालों के जवाब के साथ ही दिल्ली के सबसे प्रसिद्ध शिव मंदिर के बारे में जानते हैं।

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दिल्ली में सबसे प्रसिद्ध शिव मंदिर कहां है?

दिल्ली में कई प्रसिद्ध शिव मंदिर हैं। प्राचीन नील छत्री मंदिर, मंगल महादेव बिरला मंदिर, श्री शिव दुर्गा मंदिर, दूधेश्वर नाथ मंदिर और श्री गौरी शंकर मंदिर का नाम सबसे पहले आता है।

दिल्ली में गौरी शंकर मंदिर कहां स्थित है।

दिल्ली में श्री गौरी शंकर मंदिर चांदनी चौक में स्थित है। लाल किले के सामने और लाल मंदिर यानी जैन मंदिर के बराबर में श्री गौरी शंकर मंदिर है। यहां शिवलिंग, जोड़े स्वरूप शंकर और पार्वती विराजमान हैं। इसके अलावा अन्य देवी-देवता की भी मूर्तियां हैं।

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चांदनी चौक का गौरी शंकर मंदिर कितना पुराना है?

चांदनी चौक में स्थित श्री गौरी शंकर मंदिर करीब 800 साल पुराना है। यहां पर सोमवार के दिन के अलावा खास अवसर जैसे शिवरात्रि या महाशिवरात्रि के अवसर पर भक्तों की भारी भीड़ रहती है। पूरा मंदिर फूलों से सजा हुआ रहता है। सावन महीने में यहां आपको एक अलग ही माहौल देखने को मिल सकता है।

गौरी शंकर मंदिर का निर्माण किसने और कब कराया था?

चांदनी चौक में स्थित श्री गौरी शंकर मंदिर का निर्माण महंत किशन पुरी महाराज द्वारा करवाया गया था। यहां पर महंत तपस्या करते थे और उनके सपने में शिव जी के साथ बाएं तरफ मां पार्वती नजर आईं थीं। इस सपने के बाद महंत किशन पुरी महाराज ने श्री गौरी शंकर मंदिर निर्माण करवाया था। इस मंदिर में शिव जी के बाएं अंग यानि बाईं तरफ गौरी मां विराजमान है, इसलिए मंदिर को गौरी शंकर मंदिर के नाम से जाना जाता है।

ऐसा भी कहा जाता है कि मराठा सैनिक आपा गंगाधर द्वारा वर्ष 1761 में मंदिर के भवन का निर्माण किया गया। इसके कई दशक बाद साल 1959 में मंदिर का फिर से निर्माण सेठ जयपुरा द्वारा किया गया था।

गौरी शंकर मंदिर की मान्यता क्या है?

श्री गौरी शंकर मंदिर में कुछ दिनों के लिए कई साधु आकर तपस्या करके हैं और भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं। इसे एक चमत्कारी मंदिर कहा जाता है। मान्यता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से 40 दिनों तक गौरी शंकर मंदिर में आकर शिवलिंग पर जल चढ़ाता है, उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है।

चांदनी चौक के गौरी शंकर मंदिर कैसे जा सकते हैं?

आप दिल्ली के चांदनी चौक स्थित गौरी शंकर मंदिर जाना चाहते हैं तो इसके लिए आप कई तरह की वाहन सुविधा को अपना सकते हैं। श्री गौरी शंकर मंदिर के नजदीक बस स्टेंड और मेट्रो स्टेशन है। हालांकि, अगर आप अपनी कार ले जाने की सोच रहे हैं तो ऐसी गलती न करें। यहां पार्किंग सुविधा नहीं मिलेगी। चांदनी चौक मेट्रो स्टेशन और लाल किला मेट्रो स्टेशन में से आप श्री गौरी शंकर मंदिर जाने के लिए लाल किला मेट्रो स्टेशन चुनें।

शिव मंदिर कब जाना चाहिए?

वैसे तो हर दिन मंदिर जाने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन शिव मंदिर के लिए खास दिन सोमवार का होता है। आप सोमवार के दिन शिव मंदिर जाने के अलावा शिव जी का व्रत भी रख सकते हैं।

कैसे करें भगवान शिव की पूजा-अर्चना?

सुबह स्नान-आदि करने के बाद साफ सुथरे कपड़े पहनकर आप शिव मंदिर जा सकते हैं। शिवलिंग को जल या दूध अर्पित करने के साथ चंदन का टीका लगाएं। कमल ककड़ी या कमल का फूल अर्पित करें। शहद और दही भी आप शिवलिंग पर चढ़ा सकते हैं। इसके अलावा दीप जलाएं और ऊँ नमः शिवाय मंत्र का 108 बार जाप भी जरूर करें।

ये भी पढ़ें- घर में शिवलिंग रखने के भी होते हैं खास नियम, जानिए

First published on: Feb 26, 2024 02:26 PM

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