Mauni Amavasya 2024 Date: सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत ही अधिक महत्व है। प्रत्येक साल 12 अमावस्या की तिथियां पड़ती हैं। इन्हीं 12 अमावस्या में से एक है माघ माह की अमावस्या तिथि, जिसे मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन प्रयागराज के संगम में स्नान करने का विशेष महत्व माना गया है।
मान्यता है कि प्रयागराज में मौनी अमावस्या के दिन देव और पितरों का संगम होता है। बता दें कि मौनी अमावस्या के दिन ही मनु ऋषि का जन्म हुआ था। ऐसे में इस दिन व्रत और दान-स्नान करने का महत्व होता है। जो लोग अमावस्या के दिन दान-पुण्य करते हैं उनको शुभ फल की प्राप्ति होती है।
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अमावस्या के दिन शनि से संबंधित उपाय भी किया जाता है। जो लोग शनि देव से जुड़े उपाय करते हैं, उन्हें शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति भी मिल जाती है। आज इस खबर में जानेंगे कि अमावस्या के दिन कौन से उपाय करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति मिल जाती है।
मौनी अमावस्या कब
पंचांग के अनुसार, मौनी अमावस्या की शुभ तिथि 9 फरवरी दिन शुक्रवार यानी आज सुबह 8 बजकर 1 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 10 फरवरी दिन शनिवार को सुबह 4 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार, अमावस्या तिथि 9 फरवरी आज मनाई जा रही है।
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किन-किन राशियों पर चल रही हैं साढ़ेसाती और ढैय्या
वैदिक शास्त्र के अनुसार, वर्तमान समय में मकर, कुंभ और मीन राशि के लोगों पर शनि की साढ़े साती और वृश्चिक व कर्क राशि वालों पर शनि की ढैय्या चल रही है। ऐसे में इन राशि के जातकों को कुछ उपाय करने चाहिए।
पीपल के पेड़ के सामने दीपक जलाएं
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन शनि के दोष के प्रभाव को कम करने के लिए पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक प्रज्वलित करें। यह उपाय शाम के समय करें। दीपक जलाने के बाद ओम शं शनैश्चराय नमः मंत्र का जाप करें। मान्यता है कि इस मंत्र का जाप करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति मिल सकती है साथ ही अशुभ प्रभाव में भी कमी आती है।
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सरसों तेल का करें दान
मौनी अमावस्या के दिन किसी जरूरतमंद या गरीब को सरसों के तेल का दान करना चाहिए। इसके साथ ही उन जरूरतमंदों को कुछ दक्षिणा भी दें। मान्यता है कि ऐसा करने से शनि देव के दुष्प्रभाव से मुक्ति मिल जाती है।
चीटियों को खिलाएं
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन चीटियों काला तिल, आटा और चीनी मिलाकर काली चीटियों को खिलाना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से पितृ दोष और शनि दोष से मुक्ति मिलती है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।
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