वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा को मन, भावनाएं, चेतना, मनोबल, माता, दूध, सफेद वस्तुएं, द्रव, पानी (जल), मोती आदि का कारक और स्वामी ग्रह माना गया है। कुंडली में चंद्रमा की स्थिति व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य, भावनात्मक स्थिरता और जीवन में सुख-संतुलन को दर्शाती है। चंद्रमा के आधार पर राशि निर्धारित होती है और चंद्र कुंडली बनती है, जो गोचर और दशा-फल में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। मान्यता है कि जातक (व्यक्ति) की कुंडली में चंद्रमा को कभी कमजोर नहीं होना चाहिए। आइए जानते हैं, कुंडली में कमजोर चंद्रमा के लक्षण क्या है और जब चंद्र दोष हो तो किस ज्योतिष उपाय से लाभ होता है?
कुंडली में कमजोर चंद्रमा के लक्षण
ज्योतिषशास्त्र में चंद्रमा मन, भावनाएं और मानसिक संतुलन का प्रतिनिधित्व करता है। जब कुंडली में चंद्रमा कमजोर, नीच का, दूषित या पीड़ित होता है, तो व्यक्ति के जीवन में कई मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक असंतुलन देखे जाते हैं। कमजोर चंद्रमा के प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं:
स्वभाव में परिवर्तन: कमजोर चंद्रमा व्यक्ति को भावुक, चिड़चिड़ा और जल्दी परेशान होने वाला बनाता है।
मानसिक स्वास्थ्य: नींद न आना, मानसिक थकावट, डिप्रेशन, तनाव और एकाग्रता की कमी जैसी समस्याएं भी कमजोर चंद्रमा के लक्षण होते हैं।
शारीरिक स्वास्थ्य: कमजोर, नीच, दूषित या पीड़ित चंद्रमा से सर्दी-जुकाम, अस्थमा, फेफड़ों से जुड़ी अन्य परेशानियां और डायबिटीज जैसी समस्याएं होती हैं। इसकी वजह होती है शरीर में जल तत्व का असंतुलन।
निर्णय प्रक्रिया पर असर: गलत फैसले लेना, निर्णय लेने में कठिनाई, और स्मरण शक्ति कम होना भी कमजोर चंद्रमा के संकेत होते हैं। यह मन के शक्ति और आत्मविश्वास की कमी के कारण होता है।
इंसान को लग जाती हैं ये बुरी आदतें
1. देर तक जागना और सोना: ज्योतिषियों के मुताबिक, चंद्रमा के कमजोर होने जातक (व्यक्ति) देर रात तक जागता है और सुबह देर तक सोता है।
2. एकाकीपन की प्रवृत्ति: कमजोर चंद्रमा के कारण व्यक्ति अक्सर अकेले रहना पसंद करते हैं, लेकिन यह एकाकीपन धीरे-धीरे अवसाद (डिप्रेशन) में बदल सकता है।
3. व्यग्र रहना: कमजोर चंद्रमा के कारण जातक में हर बात पर चिंता करना और व्यग्र रहने की आदत लग जाती है। समय के साथ वह दुर्व्यवहार भी करने लगता है।
4. निर्णय लेने में असमर्थता: कमजोर चंद्रमा के कारण मन स्थिर नहीं रहता, और व्यक्ति किसी भी बात पर सही निर्णय नहीं ले पाता। यह आदत उसे न केवल निजी जीवन में, बल्कि करियर और रिश्तों में भी पीछे धकेल देती है।
5. नशे की लत: कमजोर चंद्रमा मन को अव्यवस्थित बना देता है और यदि कोई नशा करने लगते है, वह कभी न छूटने वाली लत बन जाती है। इससे जीवन भी तबाह हो सकता है।
6. हीन भावना से ग्रसित होना: कमजोर चंद्रमा से प्रभावित व्यक्ति अक्सर खुद को कमतर समझने लगता है। वह हीन भावना का शिकार हो जाता है। अत्यधिक कमजोर चंद्रमा से कई बार मन में आत्मघातक विचार भी उत्पन्न होते हैं।
कमजोर चंद्रमा के ज्योतिषीय उपाय
भगवान शिव की पूजा: चंद्र दोष से शांति के लिए सोमवार को व्रत रखें। महादेव भगवान शिव का शीतल जल और दूध से जलाभिषेक करें और शिव चालीसा का पाठ करें।
चंद्रमा को अर्घ्य दें: पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को दूध और जल से अर्घ्य दें। यह उपाय चंद्र बाधा को दूर करता है।
चांदी का उपयोग: चांदी की कटोरी, चम्मच, और कड़ा का उपयोग करें। इस उपाय चंद्रमा जल्द हो मजबूत हो जाते हैं।
सफेद वस्त्र पहनें: सफेद वस्त्र धारण करें और सफेद रंग का उपयोग करें। इससे चंद्र बाधा का दुष्प्रभाव कम हो जाता है।
सेवा करें: माता-पिता, घर के बुड़े-बुजुर्ग, साधु, सफेद गाय और ब्राह्मण की सेवा करें और दान करें। इससे मन शांत रहता है।
मोती धारण करें: उचित आकार और वजन की सफेद मोती धारण करने से चंद्र दोष से राहत मिलती है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।