Ketu Guru ki Chaal: ग्रहों के गोचर और राशि परिवर्तन से बने योग-संयोग शुभ और अशुभ दोनों होते हैं। एक ही समय में जो ग्रह और योग किसी राशि के लिए शुभ होते हैं, तो किसी दूसरी राशि के लिए अशुभता का कारण बन सकते हैं। दरअसल यह कुंडली में अन्य ग्रहों की स्थित और उनकी दृष्टियों से प्रभावित होता है। मई महीने में गुरु ग्रह बृहस्पति के वृषभ राशि में विराजमान होने और कन्या राशि में केतु के स्थित होने से बने नवपंचम योग (Navampancham Yog) कुछ राशियों के लिए लाभकारी है, लेकिन बृहस्पति के अस्त होने से यह योग भंग हो गया है, वहीं केतु अपनी दुष्टता दिखाने से बाज नहीं आएंगे। केतु और गुरु की इस चाल का 3 राशियों पर गहरा नकारात्मक असर होने के योग बन रहे हैं। आइए जानते हैं, ये तीन राशियां कौन-सी हैं और इन पर क्या असर पड़ने वाला है?
गुरु और केतु की चाल का राशियों पर असर
मेष राशि
बली केतु और अस्त गुरु के कारण मेष राशि के जातकों का मन अशांत रह सकता है। कोई शारीरिक रोग परेशान करेगा, हॉस्पिटल में भर्ती होने की नौबत भी आ सकती है। आय के स्रोत और धन की आमद बाधित हो सकता है। कर्ज लेने का दुष्चक्र शुरू होने के योग हैं, जिससे जल्दी मुक्ति मिलने के योग नहीं हैं। घर में कलह बढ़ सकता है। जीवनसाथी से भी मनमुटाव हो सकता है, दूरी बढ़ सकती है।
कर्क राशि
केतु और गुरु की चाल से आपके जीवन में कुछ अच्छा होते-होते रुक जाएगा। मन में सोचा हुआ काम पूरा करने का यह सही समय नहीं है। खर्च बढ़ने और आमदनी घटने से पारिवारिक खर्च उठाने में परेशानियां बढेंगी। व्यापारियों को बिजनेस में नुकसान होने के योग हैं, स्टाफ से धोखा मिल सकता है। अभी कोई बड़ी डील करने से बचें। अभी भूल से भी कोई नया निवेश करें, हानि के योग हैं। वाणी पर नियंत्रण न होने से संबंध खराब हो सकते हैं।
धनु राशि
केतु के कन्या राशि में होने और गुरु के कमजोर होने के कारण धनु राशि के जातकों के लिए समय बहुत अनुकूल नहीं है। सोची हुई योजनाओं की सफलता की संभावना कम हैं। मान- सम्मान और प्रतिष्ठा को धक्का लग सकता है। पुराने निवेश का रिटर्न अच्छा नहीं होने के योग हैं। कोई नया निवेश बिल्कुल न करें। लाइफ पार्टनर से कुछ मुद्दों पर मतभेद बढ़ सकता है, डाइवोर्स तक की नौबत आ सकती हैं, रिश्ते को सम्भालने का प्रयास करें।
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करें ये उपाय:
1. केतु ग्रह के प्रभाव को कंट्रोल करने के लिए केतु यंत्र की पूजा करें। इससे उनके नकारात्मक असर को कम करने में सहायता मिलेगी। इस यंत्र की स्थापना किसी अनुभवी ज्योतिष या पंडित से ही करवाएं।
2. काला तिल, काले वस्त्र, साबुत नारियल और साधारण सफेद चावल और बकले की दाल गरीबों को दान में दें। कौआ और काले कुत्ते को भोजन दें।
3. नीले और काले रंग के कपड़े अधिक से अधिक धारण करें। जेब में हमेशा नीले रंग का रुमाल रखें।
4. भगवान गणेश और मां दुर्गा की नियमित पूजा-आराधना करें। इससे केतु ग्रह शांत रहते हैं और उनकी नकारात्मकता घट जाती है।
5. केतु के मंत्रों का जाप करें। यदि जाप नहीं कर सकते हैं, तो इसकी ऑडियो सुनें। सुनते समय केतु से अपना प्रभाव कम करने का आग्रह भाव रखें, लाभ होगा।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।