Kartik Maas: शरद पूर्णिमा के समाप्त होने के साथ ही कार्तिक मास का शुभारंभ हो जाएगा। इस महीने का धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से काफी महत्व है। कार्तिक मास 29 अक्टूबर से शुरू होकर 27 नवंबर तक चलेगा। इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दौरान भगवान की पूजा की जाती है और पूरे महीने दीप दान महोत्सव भी होता है। कार्तिक मास की महिमा काफी ज्यादा मानी जाती है। कार्तिक के इस महीने में प्रतिदिन भगवान को घी का दीपक अर्पित किया जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से हमें सभी पापों से मुक्ति मिलती है और हम भगवान के निवास वैकुंठ को प्राप्त होते हैं।
सभी को इन विधियों का करना चाहिए पालन
1. अधिक से अधिक भगवान का नाम लेने का प्रयास करें और कीर्तन करें।
2. घी के दीपक (दीया), फूल, धूप, भोजन आदि निवेदन कर भगवान की पूजा करें।
3. श्रीमद्भागवत कथा सुनें, भक्तों से अधिक जुड़ें।
4. तुलसी देवी की पूजा करें, उन्हें जल देकर 3 बार परिक्रमा करें।
5. ब्रह्मचर्य का पालन करें।
6. किसी की भी निंदा करने से बचें।
7. भगवान की सेवा के लिए दान करें।
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इस पूरे महीने तीर्थस्थलों पर लोगों की भीड़ लगी रहती है। इस महीने में हिंदुओं के कई प्रमुख त्योहार भी पड़ते हैं। गोवर्धन पूजा, भैया दूज, छठ पूजा, दिवाली और देवोत्थान एकादशी जैसे व्रत और त्योहार इसी महीने में मनाए जाते हैं। कार्तिक मास को भगवान विष्णु का सबसे पसंदीदा महीना माना गया है। इस पूरे महीने भगवान विष्णु की पूजा करने का बहुत ज्यादा महत्व है।
तुलसी पूजा का है बहुत ज्यादा महत्व
साथ ही इस महीने में दीपदान, गांगा स्नान और यज्ञ का भी काफी महत्व है। कार्तिक महीने में तुलसी पूजा का बहुत ज्यादा महत्व है। इस महीने में हर दिन सुबह उठकर जल अर्पित करना भी बहुत शुभ माना गया है। मान्यता है कि तुलसी जी पर जल चढ़ाने से मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु बहुत प्रसन्न होते हैं। कार्तिक मास में तुलसी के पौधे के नीचे घी का दीपक जलाना चाहिए।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।