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जन्म के महीने से कौन-सा रत्न पहनना है अशुभ? भूल से भी न करें धारण, वरना…

Ratna: ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, किसी व्यक्ति के जन्मदिन के महीने के आधार पर कुछ रत्न पहनना अशुभ होता है। आइए जानते हैं, किस महीने पैदा हुए व्यक्तियों के लिए कौन-सा रत्न उपयुक्त यानी शुभ नहीं माना गया है?

Edited By : Shyam Nandan | May 18, 2024 08:27
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Ratna: ज्योतिष शास्त्र में की एक विशेष शाखा रत्न विज्ञान और ग्रहों का संबंध को जानने लोगों की बहुत रूचि होती है। यह ठीक वैसे ही है, जब लोग किसी ग्रह के गोचर और राशि परिवर्तन के असर जानने के लिए उत्सुक रहते हैं, उसी प्रकार कौन-सा रत्न किस ग्रह से संबंधित है और किस रत्न का क्या-क्या प्रभाव होता है, ये भी जानने की उत्कंठा लोगों में कूट-कूटकर भरी होती है। आइए जानते है कि ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, जन्म के महीने के अनुसार कौन-सा रत्न पहनना अशुभ होता है और उन्हें भूल से धारण नहीं करना चाहिए, वरना उसके अशुभ परिणाम से जिंदगी तहस-नहस भी हो सकती है।

जन्म के महीने के अनुसार अशुभ रत्न

जनवरी (January)

जनवरी में पैदा हुए व्यक्तियों के बारे में ज्योतिष शास्त्र में मान्यता है कि ये लोग आम तौर पर ठंडे दिमाग वाले और शांतचित्त प्रकृति के होते हैं। इन्हें भूल से भी रेड गार्नेट नहीं पहनना चाहिए, क्योंकि इस रत्न की ऊर्जा उन्हें बेचैन कर सकती है।

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फरवरी (February)

फरवरी में जन्मे लोगों को रचनात्मक और प्रयोगधर्मी माना जाता है। इनके लिए नीलम रत्न को शुभ नहीं माना है, क्योंकि यह रत्न उनके जीवंतता को सीमित कर सकता है। इससे उनके व्यक्तित्व का विकास बाधित हो सकता है या रुक सकता है।

मार्च (March)

ज्योतिष मान्यता के अनुसार, मार्च में पैदा हुए लोग अक्सर बहादुर और आत्मनिर्भर होते हैं। इनको एक्वामरीन रत्न पहनने से बचने को कहा जाता है, क्योंकि रत्न उनके साहस और आत्मविश्वास को तोड़ सकता है। एक्वामरीन को हिंदी में ‘बेरूज’ रत्न कहते हैं।

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अप्रैल (April)

अप्रैल में जन्मे लोगों को अक्सर भावुक लेकिन ऊर्जावान माना जाता है। इनको हीरा पहनने से मना किया जाता है, क्योंकि इससे व्यक्ति की जीवन शक्ति में कमी आने का डर रहता है।

मई (May)

पन्ना, जो कि प्रेम और प्रजनन क्षमता से जुड़ा हुआ है, यह रत्न मई में जन्मे लोगों को पहनने से रोका जाता है। इसका कारण यह बताया जाता है कि मई में जन्मे लोग जमीन से जुड़े हुए और यथार्थवादी होते हैं, जो उनकी व्यावहारिकता के अनुकूल नहीं होता है।

जून (June)

मोती जून का जन्म रत्न है, फिर भी इसी महीने पैदा हुए लोगों को यह रत्न पहनने से मना किया जाता है। इसके लिए यह ज्योतिषीय तर्क दिया जाता है कि इस माह में जन्मे लोग युवा, मिलनसार और जिंदादिल होते हैं, मोती पहनने से उनका स्वाभाव बाधित हो सकता है।

जुलाई (July)

जुलाई में जन्मे लोगों को रूबी यानी माणिक पहनने से मना किया जाता है। मान्यता के मुताबिक माणिक पहनने से इन लोगों में आवेग की प्रवृत्ति बढ़ सकती है, जो उन्हें अति-जुनूनी बना सकती है, इस महीने में जन्मे लोग भावुक होते हैं।

अगस्त (August)

अगस्त में जन्मे लोगों को अक्सर स्वतंत्र, सशक्त और मुखर माना जाता है। इनको पेरिडॉट पहनने से रोका जाता है, क्योंकि यह रत्न उनकी मुखरता को कम कर सकता है। बता दें, पेरिडॉट को मनी स्टोन भी कहते है और यह बुध ग्रह का उपरत्न है।

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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गलत रत्न पहनने के परिणाम अशुभ होते हैं।

सितम्बर (September)

सितंबर के जन्म रत्न नीलमणि को भव्यता और ज्ञान से जुड़ा हुआ माना जाता है। लेकिन यह रत्न इसी महीने में जन्मे लोगों, जिनमें प्राकृतिक ज्ञान और बुद्धि होती है, के लिए अशुभ बताया जाता है। तर्क यह दिया जाता है कि यह रत्न उन्हें बेहद गंभीर और संजीदा बना सकता है।

अक्टूबर (October)

अक्टूबर में जन्म लेने वाले लोग प्यारे और मिलनसार होने के लिए प्रसिद्ध होते हैं। उन्हें ओपल धारण करने की मनाही है, क्योंकि ओपल के रहस्यमय गुण उन्हें समाज से अलग-थलग कर सकता है।

नवंबर (November)

नवंबर में जन्मे लोग अक्सर बहुत भावुक माने जाते हैं। इन्हें पुखराज पहनने से वंचित रखा जाता है, क्योंकि हो सकता है कि इस रत्न को धारण करने से वे अत्यधिक भावुक हो सकते हैं।

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दिसंबर (December)

दिसंबर में जन्मे लोगों को अक्सर खुशमिजाज और उत्साही प्रकृति का माना गया है। इन्हें फिरोजा पहनने नहीं दिया जाता है, क्योंकि यह रत्न इन्हें अनुचित जोखिम लेने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

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Edited By

Shyam Nandan

First published on: May 18, 2024 08:27 AM

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