Guru Gochar: देवगुरु बृहस्पति सभी ग्रहों में सबसे अधिक शुभकारी हैं। वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति को ज्ञान, विद्या, विवाह, संतान, धार्मिकता, विधि और कानून का कारक बताया गया है। लेकिन कालचक्र किसी को नहीं बख्शता है। देवगुरु बृहस्पति भी कालचक्र में फंसकर कुंडली में ‘अतिचारी योग’ बना रहे हैं। गुरु बृहस्पति ने 1 मई, 2024 को अपने परम शत्रु दैत्यगुरु शुक्र की राशि ‘वृषभ’ में प्रवेश कर लिया है। इस राशि परिवर्तन से गुरु ‘नवांश कुंडली’ में नीच के हो गए हैं। यूं तो नवांश कुंडली में वे 40 दिनों के लिए नीच के होने वाले थे, लेकिन इस समय वे अपनी स्वाभाविक गति की तुलना में तीन गुना अधिक तेजी से चल रहे हैं। इसलिए वे ‘अतिचारी’ हो गए हैं। अब वे नवांश कुंडली में केवल 18 दिनों के लिए नीच के रहेंगे।
बृहस्पति के अतिचारी होने का राशियों पर प्रभाव
गुरु बृहस्पति की अतिचारी गति से बना ‘अतिचारी योग’ का असर हर राशि के जातकों के जीवन पर पड़ेगा, लेकिन तीन राशियों के जीवन में सबसे अधिक अड़चनें और समस्याएं आएंगी, एक्सीडेंट के भी दुर्योग बन रहे हैं।
मिथुन राशि
गुरु बृहस्पति की अतिचारी गति से मिथुन राशि के जातकों के जीवन में खलबली मच सकती है। व्यापार में जबरदस्त घाटा हो सकता है। कारोबारी यात्रा और मीटिंग का परिणाम उनके फेवर में नहीं होगा। नौकरीपेशा जातक पर लांछन लग सकता है। ऑफिस में बॉस से खटपट हो सकती है। जातक कोर्ट-कचहरी के चक्कर में फंस सकता है।
कन्या राशि
बृहस्पति के अतिचारी योग के कारण कन्या राशि के जातकों पर प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना है। आर्थिक स्थिति कमजोर हो जाएगी। स्टूडेंट जातकों के करियर में अड़चनें आ सकती हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं में असफलता से वे डिप्रेशन में जा सकते हैं। दुर्घटना के योग बन रहे हैं। संभलकर रहना होगा। पति-पत्नी के रिश्ते में कटुता आ सकती है।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के जीवन पर बृहस्पति के अतिचारी योग का नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। मानसिक तनाव बढ़ने के योग हैं। पुरानी बीमारियां फिर घेर सकती हैं। डायबिटीज रोगियों की तकलीफें बढ़ सकती हैं। व्यापारियों का बिजनेस ठप हो सकता है। कर्ज का बोझ बढ़ सकता है। पिता-पुत्र में अनबन हो सकती है।
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अतिचारी योग के असर से बचने के उपाय
इन तीन राशियों को बृहस्पति के अतिचारी योग के असर से बचने के लिए बृहस्पति ग्रह के बीज मंत्र “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” और “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः” का नियमित जाप करना चाहिए। गुरुवार के दिन धुली हुई पीली मूंग दाल गरीबों को दान में देने से भी असर कम होगा। गुरुवार को केले के वृक्ष की पूजा कर गुरु बृहस्पति को मूंग दाल हलवा को भोग लगाना चाहिए। गुरुवार को भूल से भी खिचड़ी या तहरी नहीं खानी चाहिए, वरना अतिचारी योग का असर कम होने की बजाय बढ़ जाएगा।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।