डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।
Gem Astrology Pukhraj Kaise Pahne: ज्योतिष शास्त्र में रत्नों का खास महत्व है। कहते हैं कि रत्न के चमत्कारिक प्रभाव से रंक भी राजा बन सकता है। यही वजह है कि फिल्मी जगत के तमाम सितारे, क्रिकेट जगत के तमाम दिग्गज खिलाड़ी, बड़े-बड़े राजनेता तक रत्नों पर विश्वास रखकर इसे धारण किए हुए हैं। रत्न शास्त्र में प्रत्येक ग्रह से संबंधित रत्नों का जिक्र मिलता है। जिसे ज्योतिष शास्त्र के जानकार पहनने की भी सलाह देते हैं (कुंडली के ग्रहों का सम्यक अध्ययन करके)। आज हम आपको रत्न शास्त्र के अनुसार, एक ऐसे अनमोल रत्न के बारे में बता रहे हैं, जिसे धारण करने के बाद बिजनेस-जॉब में चौतरफा तरक्की की कामना की जा सकती है। आइए जानते हैं रत्नों में अनमोल रत्न पुखराज के बारे में।
बृहस्पति ग्रह का ज्योतिष से क्या है कनेक्शन ?
ज्योतिष शास्त्र में पुखराज का संबंध बृहस्पति ग्रह से बताया गया है। बृहस्पति को गुरु की उपाधि प्राप्त है। जिस जातक की कुंडली में बृहस्पति मजबूत होता है, वह शिक्षा के क्षेत्र में दिन-रात चौतरफा तरक्की करता है। इसके अलावा सरकारी और अच्छी नौकरी दिलाने में भी गुरु ग्रह की अहम भूमिका है। साथ ही पुखराज को बिजनेस में तरक्की का कारक भी माना गया है। ऐसे में जिन जातकों की कुंडली में बृहस्पति ग्रह कमजोर है, उन्हें पुखराज धारण करना शुभ साबित हो सकता है।
पुखराज धारण करने के लाभ
- ज्योतिष शस्त्र में पुखराज को चमत्कारी रत्न माना गया है। इसे धारण करने से जातक अपने लक्ष्य से भटक नहीं सकता।
- पुखराज धारण करने वाले जातक के जीवन में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही जातक की निर्णय क्षमता भी बढ़ती है।
- पुखराज को प्रशासनिक क्षेत्र में उन्नति का कारक माना गया है। इसे धारण करने से प्रशासनिक क्षेत्र में जबरदस्त सफलता प्राप्त होती है।
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- शैक्षणिक कार्यों से जुड़े जातकों के लिए यह रत्न वरदान के समान है। इसे धारण करने पर जातक शिक्षा के क्षेत्र में खूब उन्नति करता है।
- पुखराज को धारण करने वाले जातक का वैवाहिक जीवन खुशियों से भरा रहता है।
- अगर किसी विवाह योग्य कन्या की शादी में दिक्कतें आ रही हैं तो यह रत्न धारण करने से इससे जुड़ी दिक्कतें दूर हो जाती हैं।
पुखराज कैसे धारण करें?
- पुखराज को धारण करने के लिए सर्वोत्तम दिन गुरुवार है। चूंकि यह रत्न गुरु ग्रह से संबंधित है, ऐसे में इसे गुरुवार को धारण करना बेहतर होगा।
- पुखराज धारण करने से पहले इसे गंगाजल या गाय के कच्चे दूध में डूबोकर संबंधित ग्रह के देवता (बृहस्पति देव) के समक्ष रखें। क्योंकि ऐसा करने से रत्न अभिषिक्त हो जाता है।
- कुछ समय इस रत्न को भगवान के समक्ष रखने के बाद किसी ज्योतिषी से सलाह लेकर दाहिने हाथ की तर्जनी (अंगूठे के बाद वाली उंगली) उंगली में धारण करें।
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