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28 जून को संभलकर रहें ये 4 राशियां, उठा सकती हैं नुकसान

Daily Horoscope: 28 जून का दिन कुछ राशि वालों के लिए बेहद ही टफ रहने वाला है। इस दौरान इन राशि वालों को कई प्रकार की चुनौतियां देखने को मिल सकती हैं। आइए जानते हैं कि किन राशि वालों के लिए 28 जून का दिन अच्छा नहीं रहने वाला है और इसको अच्छा बनाने के लिए क्या उपाय करें?

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Mohit Tiwari Updated: Jun 28, 2025 00:18
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Credit- freepik

Daily Horoscope: 28 जून 2025 का दिन ज्योतिषीय दृष्टिकोण से कुछ राशियों के लिए तनावपूर्ण हो सकता है। इस दिन आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि सुबह 9:53 बजे तक रहेगी, इसके बाद चतुर्थी तिथि शुरू होगी। पुष्य नक्षत्र सुबह 6:35 बजे तक रहेगा, फिर अश्लेशा नक्षत्र प्रभावी होगा। हर्षण योग शाम 7:15 बजे तक रहेगा, इसके बाद वज्र योग शुरू होगा। गर करण सुबह 9:53 बजे तक, फिर वणिज करण शाम 9:28 बजे तक, और इसके बाद विष्टि करण लगेगा। ग्रहों की स्थिति में चंद्रमा और बुध कर्क राशि में, शुक्र मेष में, सूर्य और गुरु मिथुन में, मंगल और केतु सिंह में, राहु कुंभ में, और शनि मीन राशि में होंगे।

ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति के अनुसार 28 जून 2025 का दिन पंचांग और ग्रहों की स्थिति के आधार पर मिला-जुला प्रभाव देगा। तृतीया तिथि सुबह तक कार्यों में सौम्यता और प्रगति लाएगी, लेकिन चतुर्थी तिथि, जो रिक्त तिथि मानी जाती है, दोपहर से कुछ राशियों के लिए मानसिक तनाव और निर्णय लेने में जटिलता पैदा कर सकती है। पुष्य नक्षत्र, जो शनि के प्रभाव में है, सुबह तक स्थिरता और धार्मिक कार्यों के लिए अनुकूल रहेगा, लेकिन अश्लेशा नक्षत्र, जो बुध का नक्षत्र है, दोपहर से भावनात्मक अस्थिरता और मानसिक चंचलता ला सकता है।

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हर्षण योग दिन के पहले हिस्से में सकारात्मक ऊर्जा और उत्साह देगा, जबकि शाम 7:15 बजे से शुरू होने वाला वज्र योग तनाव, संघर्ष और अचानक बदलाव का कारण बन सकता है। गर और वणिज करण कार्यों में मेहनत और छोटी-मोटी प्रगति का संकेत देते हैं, लेकिन रात 9:28 बजे से शुरू होने वाला विष्टि करण (भद्रा) नए कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है।

ग्रहों की स्थिति में चंद्रमा और बुध की कर्क राशि में युति रहेगी। अश्लेशा नक्षत्र के प्रभाव से भावनात्मक भ्रम और संवेदनशीलता बढ़ सकती है। शुक्र का मेष में होना रिश्तों में जल्दबाजी और आक्रामकता ला सकता है। सूर्य और गुरु की मिथुन में युति बुद्धि और नेतृत्व को बढ़ाएगी, लेकिन कुछ राशियों के लिए अहंकार या तनाव का कारण बन सकती है। मंगल और केतु की सिंह में युति जोखिम, आक्रामकता और अप्रत्याशित घटनाओं का संकेत देती है। राहु कुंभ में और शनि मीन में दीर्घकालिक चुनौतियों ला सकते हैं। आइए जानते हैं कि यह दिन किन राशियों के लिए सबसे अशुभ रहेगा और इसे बेहतर बनाने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।

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मेष राशि

चंद्रमा और बुध आपके चतुर्थ भाव में होंगे, जो घर, परिवार और मानसिक शांति को प्रभावित करेगा। अश्लेशा नक्षत्र और वज्र योग के प्रभाव से पारिवारिक तनाव, गलतफहमियां या संपत्ति से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। शुक्र आपके लग्न में होने से रिश्तों में जल्दबाजी या आक्रामकता की स्थिति बन सकती है, जिससे परिवार या जीवनसाथी के साथ विवाद की आशंका बढ़ेगी। यह दिन मकान, वाहन या संपत्ति से जुड़े मामलों में सावधानी बरतने का है, क्योंकि गलत निर्णय नुकसान पहुंचा सकते हैं। परिवार के साथ शांतिपूर्ण बातचीत करें और क्रोध से बचें।

उपाय: सुबह हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमान मंदिर में लाल फूल चढ़ाएं। चंद्रमा की शांति के लिए शिवलिंग पर दूध अर्पित करें।

सिंह राशि

मंगल और केतु आपके लग्न भाव में होंगे, जो आपको आवेगी और जोखिम लेने वाला बना सकता है। चंद्रमा और बुध बारहवें भाव में होने से अनियोजित खर्च, यात्रा में रुकावटें या स्वास्थ्य समस्याएं जैसे सिरदर्द और तनाव हो सकता है। अश्लेशा नक्षत्र और विष्टि करण के प्रभाव से निर्णय लेने में भ्रम हो सकता है और कार्यक्षेत्र में आत्मविश्वास की कमी महसूस हो सकती है। रिश्तों में खासकर दोस्तों या सहकर्मियों के साथ गलतफहमियां बढ़ सकती हैं, । जोखिम भरे कार्यों से बचें और धैर्य बनाए रखें।

उपाय: सुबह सूर्य को जल अर्पित करें और ‘ॐ घृणि सूर्याय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें। लाल चंदन का तिलक लगाएं।

तुला राशि

चंद्रमा और बुध आपके दशम भाव में होंगे, जो कार्यक्षेत्र में तनाव या सहकर्मियों के साथ गलतफहमियां ला सकता है। वज्र योग और अश्लेशा नक्षत्र के प्रभाव से प्रोफेशनल प्रोजेक्ट्स में रुकावटें और मानसिक अशांति हो सकती है। शुक्र का मेष में होना रिश्तों में खासकर जीवनसाथी या बिजनेस पार्टनर के साथ तनाव पैदा कर सकता है। इस दिन कार्यस्थल पर आपकी मेहनत का नाम न होने से निराशा हो सकती है। कार्यस्थल पर संयमित व्यवहार रखें।

उपाय: भगवान विष्णु की पूजा करें और ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का 108 बार जाप करें। सफेद वस्त्र या दूध का दान करें।

धनु राशि

चंद्रमा और बुध आपके अष्टम भाव में होंगे, जो अचानक बदलाव, मानसिक तनाव और वित्तीय जोखिम ला सकता है। मंगल और केतु नवम भाव में होने से यात्रा या धार्मिक कार्यों में बाधाएं आ सकती हैं। वज्र योग और विष्टि करण के प्रभाव से जोखिम भरे निर्णयों जैसे निवेश या लंबी योजनाओं से नुकसान हो सकता है। स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी है, क्योंकि तनाव या थकान परेशान कर सकती है। जोखिम भरे निवेश या यात्रा से बचें।

उपाय: हनुमान मंदिर में लाल फूल चढ़ाएं और बजरंग बाण का पाठ करें। काले तिल और सरसों का तेल दान करें।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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First published on: Jun 28, 2025 12:05 AM

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