Chandra Grahan 2025: साल 2025 का आखिरी चंद्रग्रहण 7 सितंबर को लगने जा रहा है, जो एक पूर्ण चंद्रग्रहण होगा। इसे ब्लड मून के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इस दौरान चंद्रमा लाल रंग का दिखाई देता है। यह ग्रहण भारत में पूरी तरह से दिखाई देगा, जिससे लोग इसे बिना किसी विशेष उपकरण के देख सकेंगे। ज्योतिष शास्त्र में चंद्रग्रहण का विशेष महत्व है, क्योंकि यह चंद्रमा की ऊर्जा को प्रभावित करता है, जो मन, भावनाओं और स्वास्थ्य से जुड़ा होता है। इस समय भगवान के मंत्रों का जाप करने से नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है। अगर इन मंत्रों को आप अपनी राशि के अनुसार करेंगे तो उनका लाभ दोगुना हो जाएगा।
कितने बजे लगेगा चंद्रग्रहण?
7 सितंबर 2025 को लगने वाला चंद्रग्रहण भारत में रात के समय दिखाई देगा। यह ग्रहण शाम से शुरू होकर अगली सुबह तक चलेगा। भारत मानक समय (IST) के अनुसार, इसकी टाइमिंग इस प्रकार है। पेनुमब्रल ग्रहण शाम 8:58 बजे शुरू होगा, पार्शियल ग्रहण रात 9:58 बजे शुरू होगा, और पूर्ण ग्रहण रात 11:00 बजे शुरू होकर रात 11:41 बजे अपने चरम पर होगा। पूर्ण ग्रहण सुबह 12:22 बजे (8 सितंबर) समाप्त होगा, इसके बाद पार्शियल ग्रहण सुबह 1:25 बजे और पेनुमब्रल ग्रहण सुबह 2:25 बजे समाप्त होगा। कुल मिलाकर, यह ग्रहण 3 घंटे 28 मिनट तक चलेगा, जिसमें पूर्ण चरण 1 घंटा 22 मिनट का होगा। भारत में यह पूरी तरह दिखाई देगा, इसलिए इसे देखने के लिए किसी विशेष उपकरण की जरूरत नहीं होगी।
सूतक काल की क्या रहेगी टाइमिंग?
हिंदू ज्योतिष के अनुसार, चंद्रग्रहण से पहले सूतक काल शुरू होता है, जिसे अशुभ समय माना जाता है। सूतक काल में नए कार्य शुरू करना, पूजा-पाठ और भोजन बनाना या खाना वर्जित माना जाता है। चंद्रग्रहण का सूतक काल ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले लगता है। 7 सितंबर 2025 को सूतक काल दोपहर 12:57 बजे से शुरू होगा और ग्रहण की समाप्ति, यानी सुबह 2:25 बजे (8 सितंबर) तक रहेगा। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, जैसे बाहर न निकलना और आराम करना। ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करें और घर में गंगाजल छिड़कें ताकि नकारात्मक ऊर्जा दूर हो।
क्या है चंद्रग्रहण का ज्योतिषीय महत्व?
चंद्रग्रहण एक ऐसी खगोलीय घटना है, जो चंद्रमा की ऊर्जा को प्रभावित करती है। चंद्रमा मन, भावनाओं और माता का कारक है, और ग्रहण के दौरान इसकी ऊर्जा में उतार-चढ़ाव सभी राशियों को प्रभावित करता है। इससे तनाव, चिंता या भावनात्मक असंतुलन की स्थिति बन सकती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस समय भगवान के मंत्रों का जाप, ध्यान और दान-पुण्य करने से नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। प्रत्येक राशि से जुड़े विशिष्ट भगवान के मंत्रों का जाप करने से ग्रहों का संतुलन बना रहता है और मन को शांति मिलती है। यह समय आध्यात्मिक साधना के लिए विशेष रूप से शक्तिशाली माना जाता है।
चंद्रग्रहण के दौरान क्या करें और क्या न करें
चंद्रग्रहण के समय कुछ सावधानियां और उपाय अपनाने से नकारात्मक प्रभावों से बचा जा सकता है। इस दौरान भोजन बनाना या खाना, नाखून काटना, बाल कटवाना, और कोई नया कार्य शुरू करना वर्जित है। गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान रखना चाहिए, जैसे बाहर न निकलना और आराम करना। इसके बजाय, इस समय को आध्यात्मिक कार्यों के लिए उपयोग करें। भगवान के मंत्रों का जाप, ध्यान और प्रार्थना करें। ग्रहण के बाद स्नान करें, घर में गंगाजल छिड़कें और गरीबों को अन्न, वस्त्र या दक्षिणा का दान करें। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है और नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं।
राशि के अनुसार करें इन मंत्रों के जाप
7 सितंबर 2025 के चंद्रग्रहण के दौरान प्रत्येक राशि के जातकों को अपने राशि से जुड़े भगवान या देवता के मंत्रों का जाप करना चाहिए। ये मंत्र न केवल ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को कम करते हैं, बल्कि भगवान की कृपा भी दिलाते हैं। जाप करने से पहले स्नान करें, स्वच्छ वस्त्र पहनें और पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें। रुद्राक्ष, तुलसी या चंदन की माला का उपयोग करें। प्रत्येक मंत्र को कम से कम 108 बार जपें और पूरे मन से भक्ति करें।
मेष राशि
मेष राशि के लोगों पर चंद्रग्रहण का प्रभाव भावनात्मक असंतुलन और तनाव के रूप में दिख सकता है। इस दौरान भगवान राम या चंद्र देव के मंत्र का जाप करना लाभकारी होगा। भगवान राम की भक्ति साहस और शांति प्रदान करती है, जबकि चंद्र मंत्र मन को स्थिर करता है। भगवद गीता का पाठ भी इस समय उत्तम है। जाप के बाद गरीबों को भोजन या वस्त्र दान करें ताकि नकारात्मक प्रभाव कम हो।
मंत्र: ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्राय नमः (चंद्र मंत्र)
जाप संख्या: 108 बार
इसके अतिरिक्त, भगवद गीता पढ़ें और भगवान राम की पूजा करें।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के लोगों को चंद्रग्रहण के दौरान स्वास्थ्य और रिश्तों में सावधानी बरतनी चाहिए। इस समय राधा नाम जाप या माता लक्ष्मी के मंत्र का जाप करने से सुख-समृद्धि और रिश्तों में संतुलन प्राप्त होता है। राधा नाम जाप प्रेम और शांति देता है, जबकि लक्ष्मी मंत्र वैभव लाता है।
मंत्र: ॐ राधायै नमः (राधा नाम जाप)
जाप संख्या: 108 बार
जाप के बाद गरीबों को दान करें और माता लक्ष्मी की पूजा करें।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों पर चंद्रग्रहण का प्रभाव संचार और बुद्धि पर पड़ सकता है। इस दौरान भगवान विष्णु या श्रीकृष्ण के मंत्र का जाप करना उत्तम है। विष्णु मंत्र मानसिक स्पष्टता और शांति प्रदान करता है। सिर के चारों ओर पानी से भरा नारियल सात बार घुमाकर बहते पानी में छोड़ें। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी।
मंत्र: ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
जाप संख्या: 108 बार
जाप के बाद गरीबों को भोजन दान करें और भगवान कृष्ण की पूजा करें।
कर्क राशि
कर्क राशि चंद्रमा की राशि है, इसलिए इस राशि पर चंद्रग्रहण का प्रभाव सबसे अधिक पड़ता है। भावनात्मक अस्थिरता और तनाव से बचने के लिए राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करें। भगवान राम की भक्ति मन को शांत करती है और सुरक्षा प्रदान करती है। इस दौरान दूध और दही से दूर रहें। ग्रहण के बाद स्नान करें और गंगाजल छिड़कें।
मंत्र: ॐ राम रामाय नमः
जाप संख्या: 11 बार या अधिक
राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करें और भगवान राम से शांति की प्रार्थना करें।
सिंह राशि
सिंह राशि के लोगों को चंद्रग्रहण के दौरान आत्मविश्वास और स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। भगवान नरसिंह के मंत्र का जाप करें, जो सुरक्षा और साहस प्रदान करता है। नरसिंह मंत्र नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और मन को स्थिर रखता है। ब्राह्मण को तिल दान करें और भगवान विष्णु की पूजा करें।
मंत्र: ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलंतं सर्वतोमुखम्। नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्युमृत्युं नमाम्यहम् (नरसिंह मंत्र)
जाप संख्या: 108 बार
इस मंत्र का जाप करने से आत्मविश्वास और सुरक्षा मिलेगी।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों को चंद्रग्रहण के दौरान मानसिक तनाव से बचना चाहिए। महामृत्युंजय मंत्र या शिव मंत्र का जाप करें। यह मंत्र स्वास्थ्य, शांति और बुद्धि को बढ़ाता है। शिव पूजा करने से नकारात्मक प्रभाव कम होंगे और मन शांत रहेगा। जाप के बाद गरीबों को दान करें।
मंत्र: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् (महामृत्युंजय मंत्र) या ॐ नमः शिवाय
जाप संख्या: 108 बार
शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और भगवान शिव की पूजा करें।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों को रिश्तों में संतुलन बनाए रखने की जरूरत है। हनुमान चालीसा का पाठ करें या हनुमान मंत्र का जाप करें। हनुमान जी की भक्ति सुरक्षा और शक्ति प्रदान करती है। इस दौरान तनाव से बचें और शांत मन से पूजा करें।
मंत्र: ॐ हं हनुमते नमः (या हनुमान चालीसा)
जाप संख्या: 11 बार या अधिक
हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमान जी से सुरक्षा मांगें।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों को साहस और मानसिक शक्ति बनाए रखनी चाहिए। माता दुर्गा के मंत्र का जाप करें, जो नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और मन को शक्तिशाली बनाता है। गरीबों को भोजन और पानी दान करें ताकि पुण्य प्राप्त हो।
मंत्र: ॐ दुं दुर्गायै नमः
जाप संख्या: 108 बार
माता दुर्गा की पूजा करें और लाल चंदन की माला का उपयोग करें।
धनु राशि
धनु राशि के जातकों को चंद्रग्रहण के दौरान ज्ञान और समृद्धि पर ध्यान देना चाहिए। गजेंद्र मोक्षा पाठ या विष्णु मंत्र का जाप करें। यह मंत्र आध्यात्मिक उन्नति और शांति प्रदान करता है। जरूरतमंदों को भोजन दान करें।
मंत्र: ॐ नमो नारायणाय (या गजेंद्र मोक्षा पाठ)
जाप संख्या: 11 बार या अधिक
भगवान विष्णु की पूजा करें और तुलसी माला का उपयोग करें।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों को धैर्य और अनुशासन बनाए रखना चाहिए। चंद्र देव के मंत्र का जाप करें, जो मन को शांत करता है और भावनात्मक संतुलन लाता है। ग्रहण के बाद स्नान करें और गंगाजल छिड़कें।
मंत्र: ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः
जाप संख्या: 108 बार (कई बार दोहराएं)
चंद्रमा को जल अर्पित करें और शांति की प्रार्थना करें।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों को नवाचार और मानसिक शांति पर ध्यान देना चाहिए। विष्णु सहस्रनाम या हरि स्तोत्र का पाठ करें। यह मंत्र नकारात्मक प्रभाव को कम करता है और भगवान विष्णु की कृपा दिलाता है।
मंत्र: ॐ विष्णवे नमः (या विष्णु सहस्रनाम)
जाप संख्या: 11 बार या अधिक
जरूरतमंदों को दान करें और भगवान विष्णु की पूजा करें।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों को आध्यात्मिकता और करुणा बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें, जो स्वास्थ्य और मानसिक शांति प्रदान करता है। इस दौरान तनाव से बचें और ध्यान करें।
मंत्र: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
जाप संख्या: 108 बार
शिव पूजा करें और रुद्राक्ष माला का उपयोग करें।
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