Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य भारत ही दुनिया दुनियाभर के सबसे प्राचीन और महानतम राजनीतिज्ञ, दार्शनिक और अर्थशास्त्रियों में से एक हैं। उन्हें राजनीति, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर दुनिया के सामने आपना ज्ञान और दर्शन रखा। इनके इन्ही नीतियों और ज्ञान के संग्रह को बाद में चाणक्य नीति का नाम दिया गया। चाणक्य ने अपनी नीतियों में ऐसी-ऐसी बातों की चर्चा की है जिसे लोग अपने जीवन में अपना कर सफलता हासिल कर सकता हैं।
आचार्य चाणक्य की नीतियों के मुताबिक कुछ ऐसे होते हैं जिन्हें करते समय इंसान को लज्जा नहीं करनी चाहिए। अपने नीति शास्त्र के एक श्लोक में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति को चार जगहों पर कभी शर्म नहीं करनी चाहिए। ऐसा करना उस व्यक्ति के जीवन के लिए घातक हो सकता है।
धनधान्यप्रयोगेषु विद्या संग्रहेषु च
आहारे व्यवहारे च त्यक्तलज्ज: सुखी भवेत्।।
अर्थात किसी भी व्यक्ते को कभी भी धन, धान्य के प्रयोग, विद्या ग्रहण, भोजन तथा नींद में किसी भी प्रकार का संकोच नहीं करना चाहिए। स्पष्ट शब्दों में कहा जाए तो व्यक्ति को अपने धन और संपदा का प्रयोग करने में कभी भी झिझकना नहीं चाहिए। इसी प्रकार नई विद्या सीखने में भी तत्पर रहना चाहिए, क्योंकि संकोच करने पर हम कुछ सीख नहीं पाते हैं। भोजन करने और नींद आदि में भी संकोच करना व्यक्ति के अहितकर हो सकता है।
धन कमाने से जुड़े कामों में शर्म नहीं करनी चाहिए
हर व्यक्ति जीवन में सफलता पाना चाहता है। इसके लिए वो दिन-रात मेहनत करता और धन भी कमाता है। जीवन में धन बहुत जरूरी होता है। आप धन होने पर ही अपना और अपने परिवार की सुख-सुविधा का ध्यान रख पाते हैं। ऐसे में चाणक्य नीति में का कहना है कि किसी भी व्यक्ति को धन कमाने से जुड़े कामों को करने में कभी भी शर्म नहीं करनी चाहिए। हालांकि धन कमाने के लिए कभी गलत राह का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
उधार दिए पैसे मांगने में शर्म नहीं करनी चाहिए
चाणक्य नीति के मुताबिक आपने अगर किसी को पैसे उधार दिए हैं और वह वापस न कर रहा हो तो उस व्यक्ति से अपने पैसे वापस मांगने में कभी भी शर्म न करें। अक्सर पैसा वापस मांगने में शर्म करने पर आपका पैसा डूब भी सकता है। ऐसे में आपको नुकसान हो सकता है।
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भोजन करने में शर्म नहीं करना चाहिए
चाणक्य आगे करते हैं कि मनुष्य जीवन में मेहनत इसलिए करता है कि वही भर पेट भोजन और सुखी जीवन व्यतित कर सके। ऐसे में चाणक्य अपनी नीति में कहते हैं किसी भी व्यक्ति को कभी भी और कहीं भी भोजन करते वक्त लज्जा अथवा शर्म नहीं करनी चाहिए। दरअसल कुछ लोग घर से बाहर भोजन करने में संकोच करते हैं और इसकी वजह से वो कई बार भूखे भी रह जाते हैं। इसलिए खाना हमेशा बिना शर्म के करना चाहिए।
भोजन करने में शर्म नहीं करना चाहिए
चाणक्य नीति के अनुसार किसी से शिक्षा लेना या कुछ सीखना गलत नहीं है। जब और जहां भी आपको किसी से कुछ सीखने का मौका मिले तो बिना शर्म के उसे सीखना। क्योंकि शर्म की वजह से आप कई बार सही चीजें सीख नहीं पाते और इसकी वजह से आपको असफलता का भी सामना करना पड़ सकता है। यदि जीवन में सफलता चाहते हैं बिना किसी शर्म और लज्जा के शिक्षा ग्रहण करना चाहिए।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News 24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।
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