Adhik Maas Amavasya 2023: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन का महीना भगवान शिव जी की पूजा के लिए बेहद खास होता है। इसके साथ ही पुरषोत्तम मास भगवान विष्णु की उपासना के लिए अत्यंत शुभ होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 16 अगस्त को सावन मास की अमावस्या पड़ने जा रही है। इसे पुरुषोत्तम मास या अधिक मास की अमावस्या भी कहा जा रहा है। 19 साल बाद सावन मास की अमावस्या पर महासंयोग बनने जा रहा है। अमावस्या तिथि को हिंदू धर्म में खास महत्व दिया गया है। ज्योतिष शास्त्र के जानकार बता रहे हैं कि कुछ राशियों की किस्मत बदल सकती है। आइए जानते हैं कि सावन मास की अमावस्या पर किन राशियों की किस्मत बदल सकती है।
कुंभ राशि
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंभ राशि के जातकों पर अधिकमास की अमावस्या का शुभ प्रभाव रहेगा। इस दौरान आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। धार्मिक कार्यों में रुचि लेंगे। जॉब में धन लाभ का संकेत है। आर्थिक परेशानियों से निजात मिल सकती है। इसके अलावा माता-पिता से आर्थिक मदद मिलेगी। बिजनेस करने वालों के लिए आर्थिक प्रगति के संकेत हैं।
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कन्या राशि
कन्या राशि वालों को अमावस्या पर बनने वाले शुभ संयोग का विशेष लाभ मिलेगा। अधिक मास की अमावस्या पर इस शुभ योग के प्रभाव से नौकरी और व्यापार में जबरदस्त तरक्की देखने को मिल सकती है। बिजनेस मैन के लिए यह शुभ योग वरदान की तरह साबित होगा। संतान सुख का सौभाग्य प्राप्त हो सकता है। बिजनेस में धन लाभ के कई योग बनेंगे। इसके अलावा फंसा हुआ धन वापस मिल सकता है।
वृषभ राशि
विषभ राशि के जातकों के लिए अधिक मास की अमावस्या किस्मत बदलने वाला कहा जा रहा है। दरअसल सावन मास की अमावस्या पर बनने वाले शुभ संयोग से नौकरी और व्यापार में खास प्रगति देखने को मिल सकती है। बिजनेस में विस्तार होगा, जिससे भविष्य में आर्थिक लाभ हो सकता है। कार्यस्थल पर नई जिम्मेदारी मिल सकती है। इसके अलावा स्वास्थ्य अनुकूल रहेगा।
तुला राशि
अधिकमास की अमावस्या तुला राशि वालों के लिए बेहद फायदेमंद माना जा रहा है। सावन मास की अमावस्या पर बनने वाले शुभ संयोग से पैतृक संपत्ति का विवाद खत्म हो सकता है। जो लोग सरकारी या प्राइवेट नौकरी कर रहे हैं, उनका प्रमोशन हो सकता है। कार्यस्थल पर अधिकारी खुश रहेंगे। शादी योग्य जातकों को इसका प्रस्ताव मिल सकता है। इसके अलावा बिजनेस में नई योजना साकार होगी जो कि आर्थिक दृष्टि से बेहद शुभ है।
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कब है सावन मास की अमावस्या?
पुरुषोत्तम मास या अधिक मास की अमावस्या तिथि 16 अगस्त को पड़ रही है। पंचांग के मुताबिक, अमावस्या तिथि की शुरुआत 15 अगस्त (मंगलवार) को दोपहर 12 बजकर 42 मिनट पर होगी। जबकि अमावस्या तिथि का समापन 16 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 7 मिनट पर होगा। ऐसे में अधिक मास की अमावस्या का व्रत 16 अगस्त को रखा जाएगा। इसके अलावा सावन मास की अमावस्या समाप्त होने के साथ ही सावन आरंभ होने का शुभ संयोग बन रहा है। ऐसे में दोनों तिथियां एकसाथ होने से इसे बेहद शुभ माना जा रहा है। ऐसे में इस मास में पूजा करने से जीवन के समस्त विकार दूर हो जाते हैं। इसके अलावा अमावस्या तिथि पड़ने से पितरों का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।