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Abhijit Nakshatra: जनवरी 2025 की इन 2 तारीखों को अभिजित नक्षत्र में रहेंगे सूर्य, जानें इसका ज्योतिष महत्व और लाभ!

Abhijit Nakshatra: अभिजीत नक्षत्र हिंदू धर्म में अभिजित बेहद शुभ माना गया। इस मुहूर्त में सकारात्मक ऊर्जा चरम पर होती है। आइए जानते हैं, अभिजीत नक्षत्र क्या है, साल 2025 में सूर्य कब-कब इसमें गोचर करेंगे और इस नक्षत्र मुहूर्त में क्या करें और क्या न करें?

Edited By : Shyam Nandan | Updated: Dec 31, 2024 14:25
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Abhijit Nakshatra: अभिजीत नक्षत्र हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण नक्षत्र है। इसे शुभता, सफलता और देवताओं का आशीर्वाद देने वाला माना गया है। इसीलिए धार्मिक कार्यों और शुभ कामों को करने के लिए अभिजीत मुहूर्त को सबसे उत्तम माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार दक्ष प्रजापति की 27 पुत्रियां और एक पुत्र अभिजीत था। ये 27 पुत्रियां 27 नक्षत्रों का प्रतिनिधित्व करती हैं। अभिजीत 28वां नक्षत्र हैं, जो सामान्य नक्षत्र समूह का हिस्सा नहीं है।

अभिजीत शब्द का अर्थ होता है ‘विजेता’। इस नक्षत्र के स्वामी ग्रह बुध हैं। मान्यता है कि इस नक्षत्र की अवधि में पूजा और अनुष्ठान करने से सभी प्रकार के विघ्न दूर होते हैं और व्यक्ति को जीवन में सफलता मिलती है। यह सबसे शुभ नक्षत्र माना जाता है और ज्योतिष शास्त्र में इस शुभ अवधि को अभिजीत मुहूर्त कहते हैं।

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अभिजित मुहूर्त की गणना

अभिजित मुहूर्त प्रत्येक दिन सूर्योदय और सूर्यास्त के मध्य भाग यानी दोपहर में 48 मिनट की विशेष अवधि है। स्थानीय समय के अनुसार दिन के 12 बजे से 24 मिनट पहले और 12 बजे के 24 मिनट बाद तक का समय अभिजित नक्षत्र कहलाता है। आमतौर पर 11:36 AM से 12:24 PM तक का समय अभिजीत मुहूर्त कहलाता है, लेकिन यह अवधि स्थानीय समय के सूर्योदय और सूर्यास्त से रोज बदलता है।

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अभिजित नक्षत्र में सूर्य गोचर

जब सूर्य इस नक्षत्र से होकर गोचर करते हैं, तो इसका ज्योतिषीय महत्व काफी गहरा होता है। यह समय सकारात्मक ऊर्जा और उत्साह से भरपूर होता है। सूर्य का यह गोचर व्यक्ति के आत्मविश्वास को बढ़ाता है और उसे नए लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, साल 2025 में सूर्य मात्र दो दिनों के लिए अभिजित नक्षत्र में गोचर करेंगे। ये तारीखें और दिन हैं:

अभिजित नक्षत्र में सूर्य गोचर
क्र.सं. तारीख दिन आरंभ काल
1 20 जनवरी, 2025 सोमवार 10:14 PM बजे से
2 25 जनवरी, 2025 शनिवार 01:51 AM बजे से

अबूझ मुहूर्त क्या है?

हिन्दू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक, पंचांग में हर दिन का कुछ समय अति शुभ माना गया है, जिसे अभिजित मुहूर्त कहा जाता है। जब किसी दिन कोई अन्य सर्वोत्तम मुहूर्त नहीं होता है, तो पंडित और ज्योतिष अभिजित मुहूर्त में पूजा-अनुष्ठान आदि करते हैं। चूंकि इसमें मुहूर्त बूझने यानी जानने की जरूरत नहीं होती है, इसलिए इसे अबूझ मुहूर्त भी कहते हैं। इस समय कोई भी कार्य करने पर विजय प्राप्त होती है।

अभिजित मुहूर्त में क्या करें?

अभिजीत मुहूर्त को हिंदू धर्म में सबसे शुभ और पवित्र मुहूर्त माना जाता है। इस मुहूर्त में किए गए सभी कार्य सफल होते हैं। इसीलिए लोग इस मुहूर्त में कई तरह के शुभ कार्य करते हैं।

  • नया कार्य प्रारंभ करना: कोई नया व्यवसाय शुरू करना, नई नौकरी शुरू करना, नया घर या ऑफिस खोलना आदि।
  • यात्रा: लंबी यात्रा या छोटी यात्रा दोनों ही शुभ मानी जाती है।
  • मांगलिक कार्य: विवाह, सगाई, रोका जैसे मांगलिक कार्य करना।
  • गृह प्रवेश: नए घर में प्रवेश करना।
  • पूजा-पाठ: देवी-देवताओं की पूजा करना, यज्ञ, हवन करना आदि।
  • धन संबंधी कार्य: धन का निवेश करना, ऋण लेना या देना आदि।
  • मुंडन संस्कार: बाल मुंडन संस्कार करना।
  • अन्य शुभ कार्य: कोई भी अन्य शुभ कार्य जो आप करना चाहते हैं।

अभिजित मुहूर्त में क्या नहीं करें?

ज्योतिष के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त में दक्षिण दिशा की यात्रा करना शुभ नहीं माना जाता है। चूंकि बुधवार के दिन अभिजीत मुहूर्त मान्य नहीं है। इसलिए बुधवार के दिन इस मुहूर्त अवधि में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। इसके अलावा अभिजित मुहूर्त में सिर्फ उन कार्यों को करने से बचना चाहिए जो अशुभ या अपवित्र माने जाते हैं, जैसे: अंतिम संस्कार से जुड़े कार्य, विवाद या झगड़ों की शुरुआत या कोई भी ऐसा कार्य जो दूसरों को नुकसान पहुंचाए।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Shyam Nandan

First published on: Dec 31, 2024 02:25 PM

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