Aaj Ka Panchang 20 March 2025: आज 20 मार्च, 2025 को चैत्र माह के कृष्ण पक्ष का छठा दिन है और आज इस माह की षष्ठी तिथि है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 12 घंटे 07 मिनट 18 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 11 घंटे 51 मिनट 32 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह वसंत ऋतु है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं।
आइए जानते हैं, 20 मार्च के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज का राहु काल का समय क्या है?
आज का पंचांग
तिथि: आज चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि है, जो 21 मार्च की 02:45 AM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि शुरु हो जाएगी। षष्ठी तिथि एक नंदा तिथि है, जिसके स्वामी कार्तिकेय हैं और इस दिन का स्वभाव यशप्रद होता है। यह तिथि शुभ मुहूर्तों में स्वीकृत है।
नक्षत्र: आज 11:31 PM तक अनुराधा नक्षत्र कायम रहेगी। इसके बाद ज्येष्ठा नक्षत्र शुरू होगी। ये दोनों ही नक्षत्र शुभ नक्षत्र हैं।
दिन/वार: गुरुवार का दिन भगवान विष्णु की उपासना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। साथ ही, यह दिन नवग्रहों में देवगुरु बृहस्पति को समर्पित होता है। बृहस्पति ग्रह की कृपा और शांति प्राप्त करने के लिए इस दिन विशेष पूजा-अर्चना और उपाय किए जाते हैं।
योग: आज 06:20 PM तक वज्र योग व्याप्त रहेगा, जो कि एक अशुभ योग है। इसके बाद सिद्धि योग की शुरुआत होगी, यह एक शुभ योग है।
इसके साथ ही, आज सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग जैसे विशेष योग बन रहे हैं। इससे यह दिन खास बन गया है। इन योगों की अवधि को आप नीचे की शुभ योग की कैटेगरी में देख सकते हैं?
करण: आज 01:44 PM तक गर करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद वणिज करण की शुरुआत होगी, जो 21 मार्च की 02:45 AM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद विष्टि करण की शुरुआत होगी।
सूर्य-चंद्र गोचर
आज के पंचाग के उपर्युक्त इन 5 अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने के योग हैं:
सूर्य गोचर: सूर्य मीन राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं।
चन्द्र गोचर: चंद्रमा आज वृश्चिक राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी मंगल हैं। इस राशि में चंद्रमा नीच के हो जाते हैं।
शुभ-अशुभ काल
आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:
ब्रह्म मुहूर्त: 04:50 AM से 05:37 AM
प्रातः सन्ध्या: 05:14 AM से 06:25 AM
अभिजित मुहूर्त: 12:04 PM से 12:53 PM
विजय मुहूर्त: 02:30 PM से 03:18 PM
गोधूलि मुहूर्त: 06:30 PM से 06:54 PM
सायाह्न सन्ध्या: 06:32 PM से 07:43 PM
अमृत काल: 11:57 AM से 01:44 PM
निशिता मुहूर्त: 12:04 AM, मार्च 21 से 12:52 AM, मार्च 21
सर्वार्थ सिद्धि योग: 06:25 AM से 11:31 PM
रवि योग: 11:31 PM से 06:24 AM, मार्च 21
आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:
राहुकाल: आज राहु काल 02:00 PM से 03:31 PM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।
यमगण्ड: 06:25 AM से 07:56 AM
गुलिक काल: 09:27 AM से 10:58 AM
वर्ज्य: 05:39 AM, मार्च 21 से 07:24 AM, मार्च 21
दुर्मुहूर्त: 10:27 AM से 11:16 AM
गण्ड मूल: 11:31 PM से 06:24 AM, मार्च 21
भद्रा: 02:45 AM, मार्च 21 से 06:24 AM, मार्च 21
14 मार्च 2025 के पर्व और त्योहार
आज चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि है और दिन गुरुवार है। गुरुवार का दिन हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है। गुरुवार का दिन हिंदू धर्म में भगवान विष्णु की आराधना के लिए विशेष रूप से पवित्र माना जाता है। इस दिन श्रद्धालु भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करके उनसे कृपा, सुख-समृद्धि और शांति की प्रार्थना करते हैं। मान्यता है कि इस दिन व्रत और भक्ति से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और भक्तों के सभी कष्ट दूर करते हैं।
साथ ही, गुरुवार का दिन नवग्रहों में देवगुरु बृहस्पति को भी समर्पित होता है। बृहस्पति ग्रह को ज्ञान, धर्म, संतान सुख, विवाह, और समृद्धि का कारक माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिन लोगों की कुंडली में बृहस्पति ग्रह कमजोर होता है, उन्हें इस दिन विशेष रूप से पूजा और उपाय करने की सलाह दी जाती है।
आज की यात्रा टिप्स: आज दक्षिण दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।
पंचांग का महत्व
पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफलता और समृद्धि की ओर मार्गदर्शन करने वाला एक महत्वपूर्ण साधन है। यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय और खगोलीय घटनाओं के अनुरूप चलने की प्रेरणा देता है, जिससे समय और परिस्थितियाँ अनुकूल बनाई जा सकती हैं।
पंचांग के 5 प्रमुख अंग
पंचांग के 5 मुख्य घटक होते हैं, जिनका ध्यान रखकर किए गए कार्यों में सफलता और समृद्धि की संभावना बढ़ जाती है। पंचांग एक ये घटक हैं:
वार: यह सप्ताह के सातों दिनों का महत्व और उनका प्रभाव को बतलाता है।
तिथि: इसके अनुसार चंद्र मास के अनुसार दिन की गणना का पता चलता है।
नक्षत्र: यह विशिष्ट नक्षत्रों की स्थिति और उनके प्रभाव बतलाता है।
योग: इससे विशेष खगोलीय संयोगों का महत्व का पता चलता है।
करण: आधे तिथि का सूचक को करण कहा जाता है, जो कार्यों की शुभता को प्रभावित करता है।
शुभ कार्यों में पंचांग का महत्व: हिंदू संस्कृति में पंचांग के आधार पर शुभ कार्य किए जाते हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और इच्छित फल की प्राप्ति होती है। ये कार्य मुख्य रूप से हैं: विवाह, गृह प्रवेश, व्यवसाय की शुरुआत, यात्रा और अन्य मांगलिक कार्य।
पंचांग की जीवन में भूमिका: पंचांग केवल शुभ मुहूर्त जानने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति की निर्णय क्षमता को भी सुदृढ़ करता है। यह प्रकृति और ब्रह्मांड की ऊर्जा के साथ संतुलन स्थापित करने में सहायक होता है, जिससे जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता का संचार होता है। अतः पंचांग का अनुसरण करके हम अपने जीवन को अधिक सफल और समृद्ध बना सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।