Aaj Ka Panchang 11 march 2025: आज 11 मार्च, 2025 को फाल्गुन माह का 27वां दिन है और आज इस माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 11 घंटे 51 मिनट 47 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 12 घंटे 07 मिनट 04 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह वसंत ऋतु है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं।
आइए जानते हैं, 11 मार्च के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज का राहु काल का समय क्या है?
आज का पंचांग
तिथि: आज फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है, जो 08:13 AM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद त्रयोदशी तिथि शुरु हो जाएगी। द्वादशी तिथि एक भद्रा तिथि है, जिसके स्वामी भगवान विष्णु हैं और इस दिन का स्वभाव यशप्रद होता है। यह तिथि शुभ मुहूर्तों में स्वीकृत है।
नक्षत्र: आज दिन भर अश्लेषा नक्षत्र व्याप्त रहेगी, जो 12 मार्च की 02:15 AM तक कायम रहेगी। इसके बाद मघा नक्षत्र शुरू होगी। अश्लेषा और मघा दोनों ही नक्षत्र अशुभ नक्षत्र हैं।
दिन/वार: मंगलवार का दिन हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक महत्व रखता है। इस दिन को मुख्य रूप से हनुमान जी की उपासना के लिए समर्पित माना जाता है। इसके साथ ही, मंगलवार को नवग्रहों के सेनापति मंगल देव का दिन भी माना जाता है। इस दिन मंगल ग्रह की अनुकूलता और शांति के लिए विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान और उपाय किए जाते हैं।
योग: आज 01:18 PM तक अतिगंड योग व्याप्त रहेगा, जो कि एक शुभ योग नहीं है। इसके बाद सुकर्मा योग की शुरुआत होगी, यह एक शुभ योग है।
इनके साथ ही आज सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग भी बन रहा है, जिससे यह दिन बेहद खास हो गया है। इस योग की समय अवधि आप नीचे शुभ योग के कैटेगरी में देख सकते हैं।
करण: आज 08:13 AM तक बालव करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद कौलव करण की शुरुआत होगी, जो 08:39 PM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद तैतिल करण आरंभ हो जाएगा।
सूर्य-चंद्र गोचर
आज के पंचाग के उपर्युक्त इन 5 अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने के योग हैं:
सूर्य गोचर: सूर्य कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं, जो शनि ग्रह के स्वामित्व वाली राशि है।
चन्द्र गोचर: चंद्रमा आज कर्क राशि में गोचर कर रहे हैं, जो उनकी स्वराशि है। इस राशि में वे मार्च 12 की 02:15 AM तक रहेंगे और फिर सिंह राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
शुभ-अशुभ काल
आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:
ब्रह्म मुहूर्त: 04:58 AM से 05:47 AM
प्रातः सन्ध्या: 05:22 AM से 06:35 AM
अभिजित मुहूर्त: 12:07 PM से 12:55 PM
विजय मुहूर्त: 02:30 PM से 03:17 PM
गोधूलि मुहूर्त: 06:25 PM से 06:49 PM
सायाह्न सन्ध्या: 06:27 PM से 07:40 PM
अमृत काल: 12:33 AM, मार्च 12 से 02:15 AM, मार्च 12
निशिता मुहूर्त: 12:06 AM, मार्च 12 से 12:55 AM, मार्च 12
सर्वार्थ सिद्धि योग: 06:35 AM से 02:15 AM, मार्च 12
रवि योग: 02:15 AM, मार्च 12 से 06:34 AM, मार्च 12
आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:
राहुकाल: आज राहु काल 03:29 PM से 04:58 PM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।
यमगण्ड: 09:33 AM से 11:02 AM
गुलिक काल: 12:31 PM से 02:00 PM
विष घटी/वर्ज्य काल: 02:24 PM से 04:05 PM
दुर्मुहूर्त काल: 08:58 AM से 09:45 AM और 11:18 PM से 12:06 AM, मार्च 12
गण्ड मूल: यह पूरे दिन दिन व्याप्त रहेगा।
11 मार्च 2025 के पर्व और त्योहार
आज फाल्गुन माह शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है और दिन मंगलवार है। मंगलवार का दिन हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है। मंगलवार को संकटमोचन हनुमान जी की आराधना अत्यंत शुभ मानी जाती है। उनकी पूजा करने से भय, शारीरिक कष्ट और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। इसके साथ ही मंगलवार को नवग्रहों के सेनापति मंगल देव की पूजा का भी विशेष महत्व है। मंगल शांति के लिए हनुमान जी की उपासना के साथ-साथ मंगल स्तोत्र का पाठ किया जाता है।
भौम प्रदोष व्रत: भौम प्रदोष व्रत भगवान शिव और मंगल ग्रह यानी भौम को समर्पित होता है। इसे मंगलवार के दिन पड़ने प्रदोष व्रत के रूप में मनाया जाता है। इस व्रत को रखने से व्यक्ति को स्वास्थ्य, धन, समृद्धि, और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है।
आमलकी द्वादशी पारण: आज फाल्गुन माह शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को आमलकी द्वादशी व्रत का पारण किया जाएगा, जिसका पारण मुहूर्त 06:35 AM से 08:13 AM बजे तक है। भगवान विष्णु को समर्पित इस व्रत को करने से भक्त और साधक को सुख, समृद्धि, यश और सम्मान की प्राप्ति होती है।
आज की यात्रा टिप्स: आज उत्तर दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।
पंचांग का महत्व
पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफलता और समृद्धि की ओर मार्गदर्शन करने वाला एक महत्वपूर्ण साधन है। यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय और खगोलीय घटनाओं के अनुरूप चलने की प्रेरणा देता है, जिससे समय और परिस्थितियाँ अनुकूल बनाई जा सकती हैं।
पंचांग के 5 प्रमुख अंग
पंचांग के 5 मुख्य घटक होते हैं, जिनका ध्यान रखकर किए गए कार्यों में सफलता और समृद्धि की संभावना बढ़ जाती है। पंचांग एक ये घटक हैं:
वार– यह सप्ताह के सातों दिनों का महत्व और उनका प्रभाव को बतलाता है।
तिथि– इसके अनुसार चंद्र मास के अनुसार दिन की गणना का पता चलता है।
नक्षत्र– यह विशिष्ट नक्षत्रों की स्थिति और उनके प्रभाव बतलाता है।
योग– इससे विशेष खगोलीय संयोगों का महत्व का पता चलता है।
करण- आधे तिथि का सूचक को करण कहा जाता है, जो कार्यों की शुभता को प्रभावित करता है।
शुभ कार्यों में पंचांग का महत्व: हिंदू संस्कृति में पंचांग के आधार पर शुभ कार्य किए जाते हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और इच्छित फल की प्राप्ति होती है। ये कार्य मुख्य रूप से हैं: विवाह, गृह प्रवेश, व्यवसाय की शुरुआत, यात्रा और अन्य मांगलिक कार्य।
पंचांग की जीवन में भूमिका: पंचांग केवल शुभ मुहूर्त जानने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति की निर्णय क्षमता को भी सुदृढ़ करता है। यह प्रकृति और ब्रह्मांड की ऊर्जा के साथ संतुलन स्थापित करने में सहायक होता है, जिससे जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता का संचार होता है। अतः पंचांग का अनुसरण करके हम अपने जीवन को अधिक सफल और समृद्ध बना सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।