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Elephant’s Foot : दुनिया का सबसे खतरनाक पदार्थ, सिर्फ 5 मिनट देखने भर से जा सकती है जान

The Most Dangerous Object On Earth : अगर आपसे पूछा जाए कि दुनिया का सबसे खतरनाक ऑब्जेक्ट क्या है तो कुछ लोग बंदूकों की बात करेंगे, कुछ मिलिट्री वेपन्स का नाम लेंगे तो कुछ रेडियोएक्टिविटी की बात करेंगे। आपको बता दें कि दुनिया का सबसे खतरनाक पदार्थ इतना खतरनाक है कि थोड़ी सी देर के लिए भी इसे देखने या इसके पास जाने से जान पर बन सकती है।

Edited By : Gaurav Pandey | Updated: May 11, 2024 22:53
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Elephant's Foot in Chernobyl Is Considered The Most Dangerous Object On Earth
Elephant's Foot in Chernobyl Is Considered The Most Dangerous Object On Earth

World’s Most Dangerous Object : सुनने में भले ही यह अविश्वसनीय लगे लेकिन एक ऐसा पदार्थ है जिसे केवल देखने भर से व्यक्ति की मौत हो सकती है। अगर कोई व्यक्ति एक कमरे में इस पदार्थ के साथ केवल 5 मिनट गुजारता है तो महज 2 दिन के अंदर उसकी जान चली जाएगी। इस पदार्थ को Elephant’s Foot के नाम से जाना जाता है। यह शर्नोबिल न्यूक्लियर रिएक्टर के पिघल चुके कोर से बना ठोस हो चुका लावा है जिसकी चौड़ाई करीब 2 मीटर है। इससे निकलने वाला रेडिएशन बेहद इंटेंस है, इसी वजह से इसकी काफी कम तस्वीरें ली जा सकी हैं।

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शर्नोबिल आपदा की शुरुआथ 26 अप्रैल 1986 में हुई थी जब इसके चार नंबर पावर प्लांट में विस्फोट हुआ था। इस भयावह घटना के 40 साल बाद भी इसका असर बना हुआ है। न्यूक्लियर रिएक्टर के जिस कमरे में यह एलीफेंट्स फुट है उस कमरे में जाना आज भी मौत को दावत देने जैसा है और वैज्ञानिकों का मानना है कि यह खतरा कई सदियों तक बना रह सकता है। जब विस्फोट हुआ था तब इमरजेंसी शटडाउन प्रोसीजर फेल होने से कोर का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ गया था। रिएक्शन धीमी करने के लिए जब तक कंट्रोल रॉड को कोर में डाला गया तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

चैंबर बना दुनिया की सबसे खतरनाक जगह

जल्द ही कूलिंग वाटर भाप में बदल गया और प्रेशर इतना बढ़ गया कि रिएक्टर में विस्फोट हो गया। इसके बाद एक इमरजेंसी टीम ने रेडिएशन को कंटेन करने का काम शुरू किया। इस दौरान उन्हें रिएक्टर के नीचे स्थित एक चैंबर का पता चला जो दुनिया की सबसे खतरनाक जगहों में से एक बन चुका था। बता दें कि रिएक्टर इतना गर्म हो गया था कि कोर की सुरक्षा के लिए लगी स्टील और कंक्रीट पिघल कर रेडियोएक्टिव लावा में बदल गए थे। रेत, कंक्रीट और न्यूक्लियर फ्यूल का यह मिक्सचर ठंडा होने के बाद ठोस होकर एक नए मैटीरियल ‘कोरियम’ में बदल गया था।

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Written By

Gaurav Pandey

First published on: May 11, 2024 04:20 PM

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