WORK AFTER OLD AGE: काम करना किसी भी उम्र का मौहताज नहीं होता है। हम अपनी जरूरतों के हिसाब से काम करने और छोड़ने का फैसला लेते है। 50-60 कि उम्र के बाद काम करना जरूर नहीं रह जाता है पर कभी- कभी हम अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए काम करते है। मीडिया कि एक रिपोर्ट के मुताबिक 60-70 कि उम्र के बाद काम करने वाले लोगों को काफी कठोर कामकाज, पहुंच संबंधी कठिनाइयों और उम्र के भेदभाव सहित कई अन्य बाधाओं का सामना करना पड़ता है। जहां ज्यादा उम्र के बाद काम करना बेहद ही लाचारी और गरीबी को दिखाता है। आज भी लगभग 800,000 वृद्ध लोग काम पर लौटना चाहते है,लेकिन समाज के नजरियों को देखते हुए ऐसा नहीं कर पाते है।
इस बारें में आइये जानते है मीडिया के कुछ रिपोर्टर्स
ब्रिटेन कि मीडिया रिपोर्ट
ब्रिटेन कि एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार,ब्रिटेन को प्रति वर्ष 960 करोड़ का लाभ हो सकता है अगर एक उम्र के बाद भी काम करना चाहते है तो समान कार्यबल भागीदारी के समान स्तर को ऑस्ट्रेलिया के समान या जर्मनी के स्तर से 2,483,085,000 भारतीय रुपये से अधिक का लाभ उठा सकते है।वहीं व्यावसायिक स्वास्थ्य सेवाओं पर सब्सिडी देने, आयु भेदभाव वाली हॉटलाइन में निवेश और कमी वाले व्यवसायों में 55 वर्ष से अधिक आयु वाले और प्रति वर्ष 41,47500 से कम कमाई वाले सभी श्रमिकों के लिए कर-मुक्त 8,10,000 बोनस की पेशकश सहित कई सिफारिशें की गई हैं। यह तब आया है जब कल के आधिकारिक आंकड़ों से पता चला है कि रोजगार में सबसे बड़ी गिरावट आई है।
उम्र नहीं तय करती योग्यता
थिंक टैंक डेमोस एंड एंकर की रिपोर्ट बताती है, इंग्लैंड के सबसे बड़े गैर-लाभकारी प्रदाता जो बाद के जीवन में लोगों के लिए आवास और देखभाल प्रदान करते हैं। 2019 के बाद से 50-64 आयु वर्ग के यूके श्रमिकों की संख्या में 182,000 की गिरावट आई है। जहां 76 वर्षीय मार्टिन हिल्स ने कहा कि वह किसी भी समय धीमा होने के लिए तैयार नहीं है, लेकिन उन्होंने कहा कि उनकी उम्र के कारण काम करने की उनकी योग्यता और क्षमता पर सवाल उठाया गया है। तीन साल पहले ही वह विदेश से काम करके लौटे थे और उद्योग में कमी के दौरान उन्होंने ट्रक ड्राइवर की काम किया।लेकिन उन्होंने पाया कि इससे उन पर आर्थिक और सामाजिक रूप से नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है और उन्हें काम छोड़ना पड़ा।
वृद्ध लोग नजरअंदाज के शिकार
एंकर सारा जोन्स कहती है कि संदेश सरल है लेकिन हमारी वृद्ध आबादी में अविश्वसनीय क्षमता है जिसे अनदेखा किया जा रहा है। वृद्ध लोगों को बाहर किए जाने या नजरअंदाज किए जाने के सामाजिक और आर्थिक प्रभावों को उलटना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें देश में बने रहने के लिए समर्थन मिलें। जब तक वे चाहें तब तक वह काम कर सकते है।सरकार को रिपोर्ट को सुनना चाहिए और हमारी वृद्ध आबादी को सशक्त बनाने, उनकी क्षमता और आर्थिक लाभ दोनों को अनलॉक करने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए।