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इजरायल-ईरान के युद्ध में अमेरिका क्यों कूदा? 5 पॉइंट में समझें कारण

Israel Iran War: इजरायल और ईरान की जंग में आखिर अमेरिका क्यों कूदा? जबकि अमेरिका ने ईरान पर हमला करने की बात 15 दिन के लिए टाल दी थी, लेकिन समयसीमा पूरी होने से पहले ही अमेरिका ने ईरान पर हमला कर दिया। अमेरिका ने ईरान के 3 परमाणु ठिकानों को टारगेट करके बमबारी की है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Jun 22, 2025 07:37
Donald trump
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ईरान के सुप्रीम लीडर अली ख़ामेनेई। (File Photo)

Why US Army Attacked on Iran: इजरायल और ईरान की जंग ने अब और विनाशकारी हो गई है, क्योंकि युद्ध में अब अमेरिका भी उतर गया है। अमेरिका ने बीती रात ईरान पर हमला किया। हिंद महासागर में डिएगो गार्सिया में बने अमेरिका-ब्रिटेन के जॉइंट आर्मी बेस पर तैनात B-2 स्पिरिट बॉम्बर ईरान में घुसे और ईरान के 3 परमाणु ठिकानों पर बंकर बस्टर बम गिराकर लौट आए। अमेरिका ने ईरान की फोर्डो, नतांज और इस्फाहान न्यूक्लियर साइट्स को टारगेट किया।

सबसे ज्यादा बमबारी फोर्डो न्यूक्लियर साइट पर की गई। खुद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया को ईरान पर हमला करने की जानकारी दी और ईरान को सीजफायर करने की सलाह भी दी, लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर अमेरिका जंग में कूदा क्यों? जबकि अमेरिका ने ईरान पर हमला करने की तैयारी करने के बाद भी हमला करने का फैसला 15 दिन के लिए टाल दिया था। बावजूद इसके अमेरिका 15 दिन का समय पूरा होने से पहले ही जंग में कूद गया।

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आइए जानते हैं कि आखिरी अमेरिकी की ऐसी क्या मजबूरी हो गई थी कि उसे जंग में कूदना पड़ा?

कूटनीति: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर हमला करने का आदेश सेना को दिया, इसके पीछे की बड़ी वजह कूटनीती है। CNN ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी कि ट्रंप की ईरान पर फिलहाल हमला करने की कोई योजना नहीं थी, लेकिन उनका मानना है कि कूटनीति ठप पड़ गई है। इसलिए ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला जरूरी हो गया था। बीते कुछ दिन में जिस तरह के हालात थे, उनकी गंभीरता को देखते हुए ईरान पर हमला करने का फैसला किया।

खामेनेई: ईरान पर अमेरिका के हमले की दूसरी वजह ईरान का सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई है, जिसे अमेरिका और इजरायल खत्म करना चाहते हैं। खामेनेई अपने परिवार को लेकर पहाड़ी के अंदर बने बंकर में छिपकर बैठा है। हालांकि वह कहां छिपा है, इसकी जानकारी है, लेकिन उस बंकर को सिर्फ अमेरिका तबाह कर सकता है। हालांकि अभी सिर्फ ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया गया है, लेकिन अमेरिका खामेनेई के बंकर को भी तबाह कर सकता है।

परमाणु ठिकाने: अमेरिका का मेन टारगेट ईरान को परमाणु बम बनाने से रोकना है। अमेरिका को शक है कि ईरान परमाणु बम बना रहा है और इसके लिए उसने परमाणु ठिकाने बना रहा है। इजरायल और अमेरिका ने मिलकर ईरान के परमाणु ठिकाने लोकेट किए। इनमें सबसे बड़ा ठिकाना फोर्डाे में है, जो जमीन के नीचे 90 मीटर की गहराई में बना है। इस परमाणु ठिकाने को सिर्फ अमेरिका ही तबाह कर सकता है। इसलिए अमेरिका ने ईरान पर हमला किया है।

न्यूक्लियर प्रोग्राम: इजरायल और ईरान की जंग में अमेरिका के कूदने का एक कारण ईरान का परमाणु कार्यक्रम है। हालांकि ईरान परमाणु बम बनाने से सीधे तौर पर इनकार करता रहा है, लेकिन ईरान ने परमाणु कार्यक्रम चलाने की बात अकसर कही है। अमेरिका ने नहीं चाहता कि ईरान परमाणु बम बनाए। इजरायल भी ईरान के परमाणु बम बनाने की खिलाफत करता रहा है। अमेरिका ने साफ-साफ शब्दों में कह रखा है कि ईरान को किसी कीमत पर परमाणु बम बनाने नहीं देंगे।

मुस्लिम देश: ईरान पर अमेरिा के हमले की एक वजह मुस्लिम देश हैं। ईरान एक मुस्लिम देश है। ईरान अगर परमाणु बम बना लेता है तो सभी मुस्लिम देश उसका साथ दे सकते हैं। सभी मुस्लिम देश एक होकर अमेरिका की खिलाफ कर सकते है। अमेरिका ऐसा नहीं चाहेगा। अमेरिका दुनिया के बड़े देशों में से एक है और वह नहीं चाहेगा कि कोई दूसरा महाशक्ति बने। शायद इसलिए भी अमेरिका ईरान को परमाणु बम बनाने नहीं देना चाहता, इसलिए उसने ईरान पर हमला किया।

First published on: Jun 22, 2025 07:09 AM

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