Who is Bilawal Bhutto Zardari in Hindi: पाकिस्तान में इस साल होने वाले नेशनल इलेक्शन को देखते हुए सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी कड़ी में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने अपने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया है। पीपीपी की केंद्रीय कार्यकारी समिति की हुई बैठक में बिलावल भुट्टो के नाम को मंजूरी दी गई। इसी दौरान पीपीपी का चुनावी घोषणापत्र भी जारी किया गया।
बिलावल भुट्टो के नाम पर बनी सहमति
पीपीपी के अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी की अध्यक्षता में सीईसी की एक हाइब्रिड बैठक आयोजित की गई, जिसमें पार्टी के चुनाव अभियान, घोषणापत्र, देश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति और अन्य दलों के साथ गठबंधन की संभावना पर चर्चा की गई। इसी बैठक के दौरान आसिफ अली ने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में बिलावल भुट्टो के नाम का प्रस्ताव दिया, जिस पर सभी सदस्यों ने अपना समर्थन व्यक्त किया।
बिलावल भुट्टो ने क्या कहा?
बिलावल भुट्टो ने चुनाव के लिए नामांकन करने के बाद कहा कि वह आतंकी खतरे के बावजूद चार प्रांतों में पीपीपी का चुनाव अभियान चलाएंगे। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद वह उन सभी नीतियों को खत्म कर देंगे, जिसने पाकिस्तान में आतंकवाद को फिर से पनपने दिया। इसके साथ ही उन्होंने बड़े उद्योगों को दी जाने वाली 1500 अरब पाकिस्तानी रुपये की सब्सिडी को हटाने और इसे किसानों के हित में लगाने की कसम खाई।
It is with profound gratitude & great humility that I accept my party’s nomination for the office Prime Minister of Pakistan. On February 8th we must put an end to the old politics of hate & division. Unite the country around a new politics of services. Our 10 point plan will…
— BilawalBhuttoZardari (@BBhuttoZardari) January 3, 2024
कौन हैं बिलावल भुट्टो जरदारी?
बिलावल भुट्टो जरदारी के पिता आसिफ अली देश के राष्ट्रपति रह चुके हैं। वे पूर्व राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो और उनकी पत्नी नुसरत भुट्टो के पोते हैं। बिलावल का जन्म 21 सितंबर 1988 को कराची में हुआ था। उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और राशिद स्कूल फॉर ब्वॉयज, क्राइस्ट चर्च से पढ़ाई पूरी की।
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मां की गोली मारकर हत्या
बिलावल की मां पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो थीं, जिनकी 2007 में गोली मारकर हत्या कर दी गई। बिलावल उस समय महज 19 साल के थे। बिलावल के नाम सबसे कम उम्र (33 साल) में विदेश मंत्री बनने का रिकॉर्ड भी है। वे 2008 में पहली बार पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के लिए चुने गए। इमरान खान की सरकार को हटाने में भी बिलावल ने बड़ी भूमिका निभाई थी।
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